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    नाटक देखते-देखते डायरेक्टर को मिल गया था 'शोले' का गब्बर, 'अभिशप्त चंबल' पढ़कर अमजद खान बने खूंखार डाकू

    Sholay के गब्बर को आखिर कौन भुला सका है। कितने आदमी थे? जो डर गया समझो मर गया जैसे डायलॉग्स से अमजद खान छा गये थे। उनके डायलॉग्स आज भी बच्चे-बच्चे की जुबां पर रहते हैं। मगर क्या आपको पता है कि आखिर अमजद खान कैसे शोले के गब्बर बने थे और उन्होंने अपने किरदार को निभाने के लिए क्या-क्या किया था। चलिए जानते हैं...

    By Rinki Tiwari Edited By: Rinki Tiwari Updated: Fri, 26 Jul 2024 08:21 PM (IST)
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    अमजद खान ऐसे बने थे शोले के गब्बर सिंह। फोटो क्रेडिट- इंस्टाग्राम

     एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। एक कलाकार को अमर बनाने के लिए एक किरदार ही काफी है। कई बार सिर्फ एक आइकॉनिक किरदार किसी कलाकार को फर्श से अर्श तक पहुंचा सकता है। कुछ ऐसा ही 'शोले' (Sholay) के गब्बर (Gabbar) के साथ भी हुआ। 'शोले' में गब्बर का किरदार दिग्गज अभिनेता अमजद खान (Amjad Khan) ने निभाया था।

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    12 नवंबर 1940 को मुंबई में जन्मे अमजद खान ने मात्र 11 साल की उम्र में ही अभिनय शुरू कर दिया था। उनके पिता जयंत भी अभिनेता थे। अमजद की पहली फिल्म थी 'नाजनीन'। इसके बाद उन्होंने 'अब दिल्ली दूर नहीं', 'हिंदुस्तान की कसम' और 'माया' जैसी फिल्मों में काम किया। 

    शोले से चमकी गब्बर की किस्मत

    धीरे-धीरे अमजद खान अपने करियर को ट्रैक पर लाने की कोशिश कर रहे थे। तभी उनकी झोली में एक फिल्म आई, जिसने उन्हें सिनेमा का गब्बर बना दिया। यह फिल्म थी साल 1975 की ब्लॉकबस्टर 'शोले'। आइकॉनिक कैरेक्टर और धांसू डायलॉग्स के चलते आज भी अमजद को बच्चा-बच्चा गब्बर के नाम से जानता है। मगर क्या आप जानते हैं कि वह कैसे 'शोले' के गब्बर बने?

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    Gabbar

    कैसे अमजद को मिली शोले?

    कम लोग जानते हैं कि फिल्मों में आने से पहले अमजद खान एक थिएटर आर्टिस्ट थे। फिल्मों के साथ-साथ वह थिएटर में भी काम किया करते थे। एक रोज वह स्टेज पर परफॉर्म कर रहे थे, उसी दौरान अपने गब्बर की तलाश में रमेश सिप्पी अमजद का शो देखने पहुंच गये। अमजद खान के हाव-भाव देख रमेश सिप्पी इस कदर इंप्रेस हुए कि उन्होंने तुरंत उन्हें गब्बर के लुक में ढाल दिया और समझ गये कि वही 'शोले' के परफेक्ट गब्बर हैं।

    Amjad Khan in Sholay

    एक स्टेज शो ने बदली जिंदगी

    खुद रमेश सिप्पी ने एक इंटरव्यू में अमजद खान को गब्बर के रूप में कास्ट करने की कहानी बताई थी। पीटीआई को दिए इंटरव्यू में रमेश सिप्पी ने कहा था, "मुझे याद है कि मैं उनका (अमजद खान) देखने गया था। वहां मेरी बहन भी मौजूद थी। वह स्टेज पर बहुत प्रभावशाली थे। उनका चेहरा, कद-काठी, व्यक्तित्व, आवाज सब कुछ सही लग रहा था। हमने उन्हें दाढ़ी बढ़ाने के लिए कहा, उन्हें कॉस्ट्यूम पहनाया, तस्वीरें लीं और वह एक सख्त आदमी के रूप में सही लगे।"

    Sholay Gabbar

    रमेश सिप्पी ने बताया था कि अमजद खान ने चंबल के डकैतों पर लिखी किताब अभिशप्त चंबल इस भूमिका के लिए तैयारी की थी।

    ये अभिनेता बनने वाला था गब्बर

    अमजद खान 'शोले' में गब्बर के किरदार के लिए पहली पसंद नहीं थे। रमेश सिप्पी इस किरदार के लिए पहले डेनी डेंगोजपा को कास्ट करने वाले थे, लेकिन वह फिरोज खान की 'धर्मात्मा' के चलते बिजी थे। इसलिए उन्होंने यह किरदार निभाने से इनकार कर दिया था।

    Amjad Khan As Gabbar

    फिर रंजीत को भी यह रोल ऑफर किया गया था। मगर उन्होंने भी इसे ठुकरा दिया था। तब अमजद की झोली में यह फिल्म आई थी। 27 जुलाई 1992 को अमजद खान का निधन हो गया था। आज भी उन्हें लोग गब्बर के किरदार के लिए याद करते हैं।

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