'स्टारकिड होने से नहीं मिल जाती सक्सेस', मशहूर अभिनेता को करियर बनाने के लिए झेलने पड़े कई रिजेक्शन
बॉलीवुड में नेपोटिज्म का मुद्दा काफी पुराना है। अक्सर स्टारकिड्स को लेकर कहा जाता है कि उन्हें बिना मेहनत के ही सारे ऑप्शन मिल जाते हैं। मगर फिल्म इंडस्ट्री में एक ऐसा भी कलाकार है जिसे स्टारकिड के टैग के बावजूद करियर को दिशा देने के लिए स्ट्रगल करना पड़ा। यहां तक की एक्टर को कई फिल्मों के लिए रिजेक्शन भी फेस करने पड़े।

एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। बॉलीवुड में अक्सर यह बहस होती है कि स्टारकिड्स को आउटसाइडर्स की तुलना में ज्यादा मौके मिलते हैं। लेकिन हाल ही में संजय लीला भंसाली की मशहूर सीरीज ‘हीरामंडी’ में नजर आए अभिनेता ने इस धारणा को गलत बताया। IANS को दिए इंटरव्यू में अध्ययन सुमन ने अपने फिल्मी करियर, नेपोटिज्म और मुश्किल वक्त में माता-पिता के सहारे के बारे में खुलकर बात की।
रिजेक्शन और असफलताओं का सामना
शेखर सुमन जैसे दिग्गज अभिनेता के बेटे अध्ययन सुमन ने बॉलीवुड में कदम रखा, लेकिन उनका सफर आसान नहीं रहा। उन्होंने बताया कि स्टारकिड होने के बावजूद उन्हें बार-बार रिजेक्शन और असफलताओं का सामना करना पड़ा। अध्ययन ने कहा, “लोग सोचते हैं कि स्टारकिड्स को सब कुछ आसानी से मिल जाता है, लेकिन मेरे साथ ऐसा नहीं हुआ। मुझे हर ऑडिशन, हर मीटिंग और हर मौके के लिए मेहनत करनी पड़ी।”
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‘सब कुछ थाली में नहीं मिला’
अध्ययन ने अपने स्ट्रगल को साझा करते हुए कहा, “हां, मैं एक फिल्मी परिवार से हूं, लेकिन किसी ने मुझे सफलता थाली में सजाकर नहीं दी। मेरे माता-पिता ने भावनात्मक रूप से मेरा साथ दिया, लेकिन हर कदम पर मुझे खुद साबित करना पड़ा। मैंने कई बार रिजेक्शन झेले, कई बार असफल हुआ, लेकिन मैंने कभी हार नहीं मानी। मेरे लिए मेहनत और आत्मविश्वास ही सब कुछ है।”
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फिल्म इंडस्ट्री में आए बदलाव
अध्ययन ने माना कि फिल्म इंडस्ट्री लंबे समय से पुरुष-प्रधान रही है, खासकर अवसरों और फीस के मामले में। लेकिन अब धीरे-धीरे बदलाव आ रहा है। उन्होंने संजय लीला भंसाली जैसे फिल्ममेकर्स की तारीफ की, जो महिलाओं को मजबूत और गहरे किरदार दे रहे हैं। अध्ययन ने कहा, “भंसाली सर जैसे निर्देशक न सिर्फ महिलाओं को मुख्य भूमिकाएं दे रहे हैं, बल्कि उनके किरदारों में गहराई और ताकत भी ला रहे हैं। यह इंडस्ट्री के लिए सकारात्मक बदलाव है।”
अध्ययन सुमन का फिल्मी करियर
ध्ययन सुमन ने बॉलीवुड में अपने करियर की शुरुआत 2008 में फिल्म ‘हाल-ए-दिल’ से की थी। यह फिल्म अनिल देवगन द्वारा निर्देशित और कुमार मंगत द्वारा निर्मित थी, लेकिन बॉक्स ऑफिस पर असफल रही। उनकी पहली उल्लेखनीय सफलता 2009 में आई फिल्म ‘राज: द मिस्ट्री कंटिन्यूज’ से मिली, जिसमें उन्होंने कंगना रनौत और इमरान हाशमी के साथ काम किया।
2024 में संजय लीला भंसाली की वेब सीरीज ‘हीरामंडी’ में उनके किरदार जोरावर अली खान ने खूब तारीफें बटोरीं। इस रोल ने उन्हें नई पहचान दिलाने का काम किया।
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