Madhoo को नहीं मिल रहा मनचाहा काम, इस तरह के रोल की तलाश में 'दिलजले' की शबनम
90 के दशक की लोकप्रिय अभिनेत्रियों के बारे में जिक्र किया जाए तो उसमें मधु का नाम जरूर शामिल होता है। सुपरहिट डेब्यू और लंबे समय तक इंडस्ट्री में राज करने वालीं मधु को अब अपने मन मुताबिक काम की तलाश है जिसको लेकर उन्होंने हाल ही में खुलकर बात की है।

एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। अभिनेत्री मधु शाह 90 के दशक की उन लोकप्रिय अदाकाराओं में से एक रहीं, जिन्होंने अपने हुनर से हर किसी का दिल जीता था। अजय देवगन के साथ फूल और कांटे जैसी मूवीज से जोरदार डेब्यू करने वालीं मधु ने हिंदी सिनेमा में खूब नाम कमाया।
हाल ही में दैनिक जागरण से खास बातचीत करते हुए मधु ने इस मामले पर जिक्र किया है, वह किस तरह के किरदार की तलाश में हैं।
मधु को नेगेटिव रोल की तलाश
‘फूल और कांटे’, ‘रोजा’ तथा ‘हथकड़ी’ फिल्मों की अभिनेत्री मधु अब अपने पेशेवर सफर की दूसरी पारी में नए आयाम तलाश रही हैं। वह ऐसी स्याह भूमिकाएं निभाना चाहती हैं, जैसा लोगों को उनसे उम्मीद ही ना हो। मधु हमेशा से इस बात को लेकर स्पष्ट रही हैं कि उन्हें क्या नहीं करना है। वह कहती हैं, ‘क्या करना है? इस बारे में मैंने कोई सीमा तय नहीं की।
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फोटो क्रेडिट- इंस्टाग्राम
हां, इस बात को लेकर सुनिश्चित हूं कि क्या नहीं करना है। जैसे अगर कोई आउटफिट मुझे सूट नहीं करता या मैं नहीं पहनना चाहती तो उसे मैं कभी नहीं पहनूंगी। सेट पर कलाकारों को मिलने वाली सुविधाएं हों या फीस, उन सबमें मुझे बराबरी चाहिए। किसी मित्र के लिए मैं फ्री में भी काम कर लूंगी। वहीं अगर फीस लेकर कर रही हूं, तो फीस वही होनी चाहिए, जिसकी मैं हकदार हूं।’
दिलजले से जीता था सबका दिल
फिल्म ‘दिलजले’ में मधु ने पहली बार शबनम की स्याह भूमिका निभाकर लोगों की उम्मीदों से कुछ अलग किया था। अब वह फिर ऐसा ही कुछ करना चाहती हैं। इस संदर्भ में वह कहती है, ‘उन दिनों धारणा थी कि लीड हीरोइन नकारात्मक भूमिकाएं नहीं निभाती है।
जब शबनम का रोल आया था, तो पापा और मैनेजर दुग्गल जी दोनों ने मना किया था। उनको लगता था कि ऐसी भूमिकाएं करने के बाद फिर हीरोइन नहीं बन सकते हैं। मुझे स्याह भूमिकाएं निभाना पसंद है। इसी कारण मुझे वो करने में और मजा आया था।
लोग मुझे अक्सर अपने आस-पास की अच्छी लड़की के नजरिए से देखते हैं जबकि मैं ऐसी भूमिका निभाना चाहती हूं, जिसकी लोग मुझसे उम्मीद न करते हों। ऐसी भूमिकाओं में जोर से चिल्लाने की जरूरत नहीं होती है। एक चुप्पी भी बहुत कुछ कह जाती है।’ बता दें हाल ही में मधु को बतौर अभिनेत्री फिल्म कन्नप्पा में देखा गया है।
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