'72 Hoorain' करती है आतंकवाद पर बात, किसी विशेष समुदाय से जोड़ने की जरूरत नहीं: निर्देशक संजय पूरन सिंह चौहान
72 Hoorain Trailer News फिल्म 72 हूरें के निर्देशक संजय पूरन सिंह चौहान ने यह भी कहा कि इस फिल्म को देखने के बाद आतंकवाद को लेकर एक सार्थक बातचीत देश में होगी। वहीं उन्होंने इसे एक प्रोपेगेंडा फिल्म बताने का विरोध किया है। उन्होंने फैंस से अपील की है कि वे सिनेमाघरों में जाकर यह फिल्म देखें और फिर अपनी राय दें।
नई दिल्ली, जेएनएन। 72 Hoorain Trailer News: फिल्म 72 हूरें फिल्म का हाल ही में ट्रेलर जारी किया गया है। खास बात यह है कि इसे सेंसर बोर्ड द्वारा प्रमाणित नहीं किया गया है। इसके बावजूद इस ट्रेलर को रिलीज कर दिया गया है। सेंसर बोर्ड ने कुछ सीन को लेकर आपत्ति जताई थे। इस पर निर्माता-निर्देशक ने अपना पक्ष रखा है।
72 हूरें के निर्देशक का क्या कहना है?
निर्देशक संजय पूरन सिंह चौहान ने फिल्म को प्रोपेगेंडा फिल्म बताए जाने पर भी अपना मत रखा है। वहीं, इसे आतंकवाद पर आधारित फिल्म बताया हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इसे किसी धर्म समुदाय से जोड़कर देखने की आवश्यकता नहीं है।
72 हूरें फिल्म को सीबीएफसी ने प्रमाणित करने से क्यों इनकार कर दिया है?
72 हूरें फिल्म अपने नाम को लेकर ही विवादों में थी। अब सीबीएफसी ने इस फिल्म को प्रमाणित करने से इनकार कर दिया है। इसके बावजूद, इसके ट्रेलर को जारी किया गया है। फिल्म के ट्रेलर लॉन्च पर निर्माता-निर्देशक को कड़े प्रश्नों का उत्तर देना पड़ा है। इस अवसर पर जब निर्देशक संजय पूरन सिंह चौहान से पूछा गया कि क्या यह फिल्म देश के ताने-बाने को तोड़ देगी। इस पर उन्होंने कहा,
"आपको यह फिल्म 7 जुलाई को देखनी चाहिए। इसके बाद, हम इस विषय पर बात करेंगे। हम इस फिल्म के रिलीज से पहले कुछ भी ज्यादा नहीं बता पाएंगे। हमें पता है कि लोग बहुत ज्यादा कयास लगाने वाले हैं। 72 हूरें आतंकवाद पर बात करती है और आतंकवाद देश के ताने-बाने को नुकसान पहुंचाता है। यह लोगों में भेदभाव भी लाता है। यह फिल्म उसी पर बात करती है। मुझे लगता है, जब तक आप यह फिल्म नहीं देखेंगे, तब तक आपको इस फिल्म का कांटेक्स्ट समझ में नहीं आएगा।"
जब निर्देशक से पूछा गया कि क्या यह फिल्म किसी विशेष धर्म के लोगों को टारगेट करती है। इस पर उन्होंने कहा,
"मैं फिर वही बात दोहरा रहा हूं। आप पहले फिल्म देखिए। इसके बाद प्रतिक्रिया दीजिए अगर आप, समाज में कुछ गलत घटित हो रहा है और उसे रोकना चाहते हैं, तो उस समय वहां से आप पीछे नहीं हट सकते। हम इस पर चर्चा क्यों नहीं कर रहे हैं। यह फिल्म आतंकवाद पर बात करती है। इसके साथ, उससे जुड़ी चीजों को भी उजागर करती है। इसके पहले भी कई फिल्में आतंकवाद पर बनाई गई है। 72 हूरें भी उनमें से ही एक है।"
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