आलिया जिस काम के लिए अब हुई हैं 'राज़ी', 15 साल पहले प्रीति भी उसे कह चुकी हैं हां जी
ज़्यादातर स्पाय फ़िल्मों की कहानी नायक केंद्रित होती है। कुछ ही फ़िल्मों में ये मौक़ा नायिका को मिलता है।राज़ी ऐसी ही फ़िल्म है, जो नायिका को हीरो बनने का मौक़ा देती है।
मुंबई। जासूसी ऐसा विषय है, जो बच्चों से लेकर बड़ों तक, सभी को रोमांचित करता है। हॉलीवुड में तो इस विषय पर अनगिनत फ़िल्में बनी हैं, जिनमें ख़ुफिया संगठनों के जासूस या स्पेशल एजेंट अंतर्राष्ट्रीय साज़िशों को विफल करते नज़र आते हैं। हिंदी सिनेमा में भी इस विषय पर फ़िल्में तो काफ़ी अर्से से बन रही हैं, मगर उनकी तादाद ज़्यादा नहीं है। इन फ़िल्मों में महिला एजेंटों की संख्या तो और भी कम है।
ज़्यादातर स्पाय फ़िल्मों की कहानी नायक केंद्रित होती है। कुछ ही फ़िल्मों में ये मौक़ा नायिका को मिलता है। मेघना गुलज़ार की राज़ी ऐसी ही फ़िल्म है, जो नायिका को 'हीरो' बनने का मौक़ा देती है। राज़ी स्पाय फ़िल्म है, जिसमें आलिया सहमत नाम की कश्मीरी युवती का किरदार निभा रही हैं। कहानी 1971 के इंडो-पाकिस्तान युद्ध के दौर की है। इस लिहाज़ से आलिया की ये पहली पीरियड फ़िल्म भी है। सहमत को भारत का आंख और कान बनाकर पाकिस्तान भेजा जाता है। इसके लिए उनकी शादी पाक आर्मी के अफ़सर बने विक्की कौशल से करवा दी जाती है। राज़ी, हरिंदर सिक्का के उपन्यास कॉलिंग सहमत पर बनायी गयी है।
प्रीति ज़िंटा
वैसे राज़ी की कहानी जानकर, 2003 की फ़िल्म द हीरो- लव स्टोरी ऑफ़ अ स्पाय की यादें ताज़ा हो जाती हैं। फ़िल्म का नायक (सनी देओल) RAW का एजेंट होता है, जो कश्मीरी युवती (प्रीति ज़िंटा) को प्रशिक्षण देकर स्पाय बना देता है और उसे पाकिस्तानी आंतकवादियों के बीच प्लांट कर देता है। हालांकि राज़ी का ट्रेलर देखकर अंदाज़ा होता है कि द हीरो से इसकी समानता यहीं ख़त्म हो जाती है। ये संयोग ही है कि द हीरो ने 9 अप्रैल को 15 साल पूरे किये हैं। अनिल शर्मा निर्देशित इसी फ़िल्म से प्रियंका चोपड़ा ने बॉलीवुड में डेब्यू किया था।
9 th April 2003 #THEHERO love story of a spy released .. 15 year passed .. so fast .. can't believe .. @iamsunnydeol played spy..great looks @realpreityzinta a Kashmiri girl ,a spy goes to Pakistan. role to remember. it was first film of @priyankachopra. a great success story pic.twitter.com/M4SWkeI6bm— Anil Sharma (@Anilsharma_dir) April 11, 2018
तापसी पन्नू
स्पाय एजेंट बनने वालों में तापसी पन्नू भी शामिल हैं। तापसी ने नाम शबाना में ये किरदार निभाया था। इस फ़िल्म में मनोज बाजपेयी को उनका मेंटॉर दिखाया जाता है, जो उन्हें एजेंट बनने के लिए प्रेरित और प्रशिक्षित करता है। इससे पहले बेबी में नेपाल ऑपरेशन के दौरान तापसी के इस किरदार की झलक दर्शक देख चुके थे।
कटरीना कैफ़
हिंदी सिनेमा की फ़ीमेल स्पाय एजेंटों की लिस्ट में कटरीना कैफ़ का नाम भी शामिल है। कैट पर्दे पर तीन बार स्पाय बनकर ख़तरों से खेल चुकी हैं। एक था टाइगर में कटरीना पाक ख़ुफिया एजेंसी की एजेंट का किरदार निभाया, जिसे रॉ एजेंट टाइगर से प्यार हो जाता है। इसके सीक्वल टाइगर ज़िंदा है में भी कटरीना इसी अंदाज़ में दिखीं। वहीं, एजेंट विनोद में कटरीना ने पूर्व रॉ एजेंट का किरदार निभाया, जो एक मिशन में कैप्टन डैनियल ख़ान (सैफ़ अली ख़ान) की मदद करती है।
हुमा कुरैशी
डी-डे की कहानी भारत के मोस्ट वांटेड आतंकवादी गोल्डमैन (ऋषि कपूर) को भारत लाने के मिशन पर आधारित है। इस फ़िल्म में अर्जुन रामपाल ने सेना के पूर्व अधिकारी का किरदार प्ले किया था, जिसे सस्पेंड कर दिया गया है और वो मर्सिनरी यानि भाड़े के सिपाही की तरह काम करता है। हुमा कुरैशी ने रॉ की एक्सप्लोसिव एक्सपर्ट का रोल निभाया था।
माला सिन्हा
साठ, सत्तर और अस्सी के दशकों में फ़र्ज़, आंखें, क़ीमत, रक्षा और सुरक्षा जैसी कुछ स्पाय थ्रिलर आयी थीं, मगर इनमें स्पाय एजेंट के किरदार नायकों के हवाले थे। आंखें ज़रूरी ऐसी फ़िल्म थी, जिसमें नायिका माला सिन्हा को भी सीक्रेट एजेंट के किरदार में दिखाया गया था। आंखें के नायक धर्मेंद्र थे, जो एक मिशन पर माला सिन्हा से मिलते हैं।
नलिनी जयवंत
50 के दशक में आयी समाधि एक महत्वपूर्ण स्पाय फ़िल्म है, जिसमें अशोक कुमार ने इंडियन नेशनल आर्मी के सेनानी का किरदार निभाया था, जबकि नलिनी जयवंत ब्रिटिश आर्मी की स्पाय थीं, जिसे जासूसी के लिए आईएनए में प्लांट किया जाता है। इस फ़िल्म को रमेश सैगल ने डायरेक्ट किया था।
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