Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उत्‍तराखंड चुनाव 2017: भाजपाई असंतुष्टों का चुनावी जंग का ऐलान

    By Gaurav KalaEdited By:
    Updated: Wed, 18 Jan 2017 10:44 AM (IST)

    उत्‍तराखंड विधानसभा चुनाव 2017 के मद्देनजर बागियों को टिकट देने से नाराज कई भाजपाई नेता बागी तेवर दिखाने लगे हैं। ऐसे में हाईकमान के पास उनको मनाने की चुनौती है।

    उत्‍तराखंड चुनाव 2017: भाजपाई असंतुष्टों का चुनावी जंग का ऐलान

    देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2017 में भाजपा ने कांग्रेस के बागियों को टिकट दे कांग्रेसी से कांग्रेसी को भिड़ाने का दांव तो चल दिया मगर अब कुछ इसने और कुछ अन्य कारणों ने पार्टी के भीतर ही बगावत की चिंगारी को हवा दे दी है। सूबे की बीस से ज्यादा सीटों पर मजबूती से दावेदारी करने के बावजूद पार्टी टिकट हासिल कर पाने में नाकाम रहे भाजपाइयों ने चुनाव मैदान में उतरने का खुला ऐलान कर दिया है। हालात से चिंतित भाजपा ने रूठों को मनाने की कवायद भी शुरू कर दी है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    भाजपा यूं तो प्रत्याशी घोषित करने के मामले में अपनी मुख्य प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस से आगे रही मगर अब पार्टी को, टिकट न मिलने से खफा हुए वरिष्ठ नेताओं के बागी तेवरों से जूझना पड़ रहा है। स्थिति यह है कि जगह-जगह पार्टी नेताओं के पुतले जलाए जा रहे हैं और इस्तीफों का दौर भी चल रहा है। पुरोला में पार्टी के झंडे फूंके गए और पूर्व विधायक राजकुमार ने मैदान में उतरने की घोषणा कर दी। कोटद्वार में असंतुष्ट पूर्व विधायक शैलेंद्र रावत ने बैठक कर चुनाव लडऩे का ऐलान कर दिया। पौड़ी सुरक्षित सीट पर पूर्व विधायक बृजमोहन कोटवाल के साथ ही एक पूर्व जिलाध्यक्ष ने ताल ठोक दी है।

    यह भी पढ़ें: उत्तराखंड चुनाव: महाराज के आगे फीके पड़े तीरथ सिंह

    पूर्व विधायक आशा नौटियाल ने केदारनाथ से निर्दलीय चुनाव लडऩे की घोषणा कर दी तो नरेंद्र नगर से पूर्व विधायक ओमगोपाल रावत चुनाव मैदान में उतरने की मंशा जाहिर कर चुके हैं। रुद्रप्रयाग सीट पर पूर्व मंत्री मातबर सिंह कंडारी ने चुनाव लड़ने का अपना दावा बरकरार रखा है।

    यह भी पढ़ें: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2017: टिकट बंटते ही उभरा पार्टी में असंतोष

    कंडारी ने एक बयान जारी कर कहा कि उनका नाम साजिशन हटाया गया और जनता उन पर चुनाव लड़ने के लिए दबाव बना रही है। हालांकि अभी उन्होंने ऐलान नहीं किया है। रुड़की से पूर्व विधायक सुरेश चंद्र जैन के समर्थकों ने पार्टी झंडे पर अपना गुस्सा उतारा। जैन पहले ही चुनाव लड़ने की बात कह चुके हैं।

    अल्मोड़ा से पूर्व विधायक कैलाश शर्मा ने भी बगावत कर दी है। उधर, टिकट आवंटन से खफा बागेश्वर की पूरी जिला कार्यकारिणी ने भूपेश उपाध्याय के समर्थन में इस्तीफा दे दिया है। उपाध्याय स्वयं कपकोट से चुनाव मैदान में उतर रहे हैं।

    यह भी पढ़ें: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2017: सर्वे में अव्वल आए तो कमल ने लपका

    दूसरी तरफ, घोषित प्रत्याशियों के इस कदर विरोध से चिंतित भाजपा ने हालात काबू करने के लिए कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। वरिष्ठ असंतुष्ट नेताओं से केंद्रीय नेता दिल्ली से संपर्क साध रहे हैं तो सूबे के बड़े नेताओं को भी जिम्मा सौंपा गया है। पार्टी को भरोसा है कि अगले एक-दो दिनों में स्थिति नियंत्रण में आ जाएगी।

    यह भी पढ़ें: उत्तराखंड चुनाव 2017: हरदा के नेतृत्व पर लगा सवालिया निशान

    ये हैं चुनाव मैदान में उतरने को तैयार

    विधानसभा असंतुष्ट भाजपाई

    कोटद्वार शैलेंद्र रावत

    पौड़ी बृजमोहन कोटवाल

    केदारनाथ आशा नौटियाल

    प्रतापनगर राजेश्वर पैन्यूली

    नरेंद्र नगर ओमगोपाल रावत

    पुरोला राजकुमार

    रुद्रप्रयाग मातबर सिंह कंडारी

    राजपुर रोड रविंद्र कटारिया

    यह भी पढ़ें: उत्तराखंड इलेक्शन 2017: जी का जंजाल बना सोशल मीडिया का जाल

    मसूरी राजकुमार जायसवाल

    डोईवाला जितेंद्र नेगी

    ऋषिकेश संदीप गुप्ता

    सहसपुर लक्ष्मी अग्रवाल

    रुड़की सुरेश चंद्र जैन

    कलियर श्यामवीर सैनी

    गंगोलीहाट फकीर राम

    बाजपुर सुनीता टम्टा बाजवा

    काशीपुर राजीव अग्रवाल

    रानीखेत प्रमोद नैनवाल

    नैनीताल हेम आर्य

    चंपावत दीपक पाठक

    कपकोट भूपेश उपाध्याय

    अल्मोड़ा कैलाश शर्मा

    उत्तराखंंड चुनाव से संबंधित खबरों केे लिए यहां क्लिक करेंं--