सपा-कांग्रेस गठबंधन सरकार के लिए अखिलेश को बसपा से भी गुरेज नहीं
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने यह कहकर कि वह बसपा नेता का एक रिश्ते से सम्मान करते रहे हैं ऐसे में बसपा का समर्थन लेने की गुंजाइश कोई कह सकता है। ...और पढ़ें

लखनऊ (जेएनएन)। विधानसभा चुनाव का रिजल्ट आने में कुछ घंटे शेष हैं मगर उत्तर प्रदेश की राजनीति में नये समीकरणों, गठजोड़ के संकेत मिलने लगे हैं। सपा अध्यक्ष व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने यह कहकर शुरुआत की है कि वह बहुजन समाज पार्टी की नेता का एक रिश्ते से सम्मान करते रहे हैं, ऐसे में कोई कह सकता है कि रिजल्ट आने पर गुंजाइश रहने पर वह उनका साथ ले सकते हैं या उनके साथ जा सकते हैं। वह कांग्रेस के साथ सरकार बनाने जा रहे हैं। हां, अगर गुंजाइश रही तो यह कोई नहीं चाहेगा कि राष्ट्रपति शासन लगे और भाजपा रिमोट से सरकार चलाये।
यह भी पढ़ें -आतंकी को पनाह देने वाले बादशाह पर भी कसेगा शिकंजा
अखिलेश की इन बातों को चुनाव के नतीजे आने के बाद बसपा से गठबंधन की गुंजाइश के दरवाजे खोलने का प्रयास माना जा रहा है। इससे पहले सपा के प्रदेश कार्यालय में अखिलेश यादव ने अपने घर में लगे पत्थर पर मायावती की टिप्पणी को ढाल बनाकर कहा था कि बुआजी हमारे घर आयें, चाय पी लें यह भी देख लें पत्थर कहां लगे हैं। इस आमंत्रण के पीछे भविष्य की संभावनाएं छिपी होने का संकेत माना गया था। अब अतीत पर निगाह डालें तो वर्ष 1993 में सपा-बसपा का गठबंधन था। जिसने भाजपा को सत्ता से दूर कर दिया था। एक जून 1995 को स्टेट गेस्ट हाउस कांड के बाद दोनों दलों के बीच सियासी दुश्मनी हो गई। अब सपा में निजाम बदल चुका है। मुलायम सिंह यादव के स्थान पर पार्टी की कमान अखिलेश यादव के हाथ है। प्रदेश का सियासी परिदृश्य भी बदल रहा है। चुनाव परिणाम आने से कुछ घंटे पहले ही रिजल्ट का जो अनुमान लगाया गया, उसके बाद गठबंधन की नये सिरे से पहल हुई है।
एक न्यूज चैनेल से अखिलेश यादव ने कहा कि यूं तो वह सपा-कांग्रेस गठबंधन की सरकार बना रहे हैं। महिलाओं, नौजवानों व किसानों ने बड़ी संख्या में उनके गठबंधन को वोट दिया है। अगर कहीं गुंजाइश रह गई तो कोई नहीं चाहेगा कि प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगे और भाजपा रिमोट से सरकार चलाये। अखिलेश ने कांग्रेस से गठबंधन पर कहा कि राहुल गांधी और वो एक जैसी सोच वाले है, राहुल भी चाहते हैं कि प्रदेश का विकास हो। मैं, राहुल गांधी को पहले से जानता हूं। हमने एक संदेश दिया कि जो धर्मनिरपेक्ष सरकार चाहते हैं जो विकास के लिए सरकार चाहते हैं इसलिए कांग्रेस का साथ दिया।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।