BJP की ड्राइविंग सीट पर फडणवीस ही क्यों? ‘आपला आमचा देवा भाऊ’ का जोरदार शक्ति प्रदर्शन
Maharashtra Assembly Elections 2024 महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नागपुर दक्षिण पश्चिम विधानसभा सीट से आज यानी शुक्रवार को अपना नामां ...और पढ़ें
ओमप्रकाश तिवारी, नागपुर। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आज शुक्रवार जोरदार शक्ति प्रदर्शन के साथ नागपुर दक्षिण पश्चिम विधानसभा सीट से अपना नामांकन भर दिया। राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके फडणवीस 6वीं बार महाराष्ट्र विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे। उनके साथ ही नागपुर की दो अन्य सीटों के भाजपा प्रत्याशियों कृष्णा खोपर्डे एवं मोहन भाऊ मते ने भी अपना नामांकन भरा।
हालांकि, महाराष्ट्र के सत्तारूढ़ गठबंधन महायुति ने मुख्यमंत्री पद का कोई चेहरा घोषित नहीं किया है। खुद देवेंद्र फडणवीस कई बार कह चुके हैं कि यह चुनाव वर्तमान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में ही लड़ा जा रहा है, लेकिन चुनाव बाद महायुति के मुख्यमंत्री का फैसला जीती गई सीटों के आधार पर ही होना है।
भाजपा को कितनी सीटों की उम्मीद?
महायुति गठबंधन में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी है। सबसे ज्यादा सीटों पर चुनाव भी लड़ रही है। इसलिए भाजपा कार्यकर्ताओं को भरोसा है कि 2014 और 2019 की भांति भाजपा इस बार भी 100 से अधिक सीटें जीतकर अगली सरकार का नेतृत्व करेगी और सरकार की ड्राइविंग सीट पर देवेंद्र फडणवीस ही होंगे।
इसलिए शुक्रवार को नामांकन भरने से पहले जब देवेंद्र फडणवीस नागपुर के संविधान चौक पहुंचे तो उनके स्वागत में ‘आपला आमचा देवा भाऊ, चल पुढ़े’ (हमारे अपने देवा भाई आगे बढ़ो) गाने के स्वर गूंज रहे थे।
विशेष तौर पर फडणवीस के चुनाव प्रचार के लिए बनाया गया यह गाना स्वयं फडणवीस ने आज सुबह अपने एक्स हैंडल पर भी पोस्ट किया था।

संविधान चौक पर केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के साथ संविधान निर्माता बाबा साहब आंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित कर देवेंद्र फडणवीस नागपुर दक्षिण के वर्तमान विधायक मोहन भाऊ मते एवं नागपुर पूर्व के वर्तमान विधायक कृष्णा खोपर्डे के साथ बड़े मोर्चे के साथ नामांकन भरने कचहरी पहुंचे।
फडणवीस के खिलाफ कौन लड़ रहा चुनाव?
बता दें कि कांग्रेस ने एक दिन पहले ही घोषित अपने उम्मीदवारों की पहली सूची में अपने ओबीसी नेता प्रफुल्ल गुडधे को देवेंद्र फडणवीस के खिलाफ उम्मीदवार बनाया है।
इस पर किसी का नाम न लेते हुए फडणवीस ने अपनी सरकार द्वारा किए गए काम गिनाते हुए कहा कि ओबीसी समाज के हित में लिए गए निर्णयों के 48 जीआर (शासनादेश) हमारी सरकार ने निकाले हैं। राज्य में 15 साल रही संप्रग सरकार अपना एक भी जीआर दिखाए।
फडणवीस ने कहा कि अभी तो नागपुर के सिर्फ तीन उम्मीदवार घोषित हुए हैं। जल्दी ही तीन और उम्मीदवार घोषित होंगे और नागपुर शहर की सभी छह सीटें भाजपा जीतेगी।
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इस अवसर पर फडणवीस ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले एवं कांग्रेस नेता सुनील केदार पर निशाना साधते हुए कहा कि इन नेताओं ने कोर्ट में याचिका दायर कर सरकार द्वारा राज्य की महिलाओं के लिए शुरू की गई मुख्यमंत्री लाडकी बहिन योजना को रोकने का प्रयास किया है।
बता दें कि फडणवीस के प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए ही 2014 का विधानसभा चुनाव भाजपा ने शिवसेना से पहली बार अलग होकर लड़ा था और 122 सीटें जीती थीं। तब कई और सशक्त दावेदारों के रहते हुए भी भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने देवेंद्र फडणवीस को ही मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी थी।
उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस यांना आशीर्वाद देण्यासाठी नामांकन रॅलीमध्ये उसळलेला विशाल जनसागर...@Dev_Fadnavis#Maharashtra #SouthWestNagpur #DevendraFadnavis pic.twitter.com/MyGrzuM38t
— @OfficeOfDevendra (@Devendra_Office) October 25, 2024
शिवसेना ने बदल लिया था पाला
फिर 2019 का तो विधानसभा चुनाव ही देवेंद्र फडणवीस को ही मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करके लड़ा गया था। खुद उन्होंने भी अपने प्रचार अभियान में बार-बार कहा था कि ‘मी पुन्हा येईल’ (मैं फिर आऊँगा)।
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उस चुनाव में भाजपा-शिवसेना गठबंधन को सरकार बनाने के लिए जरूरी 145 सीटों से 16 सीटें अधिक प्राप्त भी हुईं, लेकिन चुनाव परिणाम आते ही शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे द्वारा अचानक पाला बदल कर कांग्रेस-राकांपा के साथ चले जाने से भाजपा सरकार नहीं बना सकी। कांग्रेस व राकांपा के सहयोग से उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बन गए।
ढाई साल ही सीएम रहे उद्धव
हालांकि, उद्धव की सरकार ढाई साल ही चल सकी। उसके बाद पहले शिवसेना को टूट का सामना करना पड़ा और फडणवीस की ही पहल पर शिवसेना से बगावत करनेवाले एकनाथ शिंदे के मुख्यमंत्री बनाया गया। तब भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश पर फडणवीस ने उपमुख्यमंत्री पद का दायित्व स्वीकार किया।

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