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    Assembly Elections: 2018 में इन धुरंधरों की जब्‍त हुई जमानत, राजस्थान में वसुंधरा के चहेते मंत्री नहीं बचा पाए साख; MP में दिग्गजों का था ये हाल

    देश के पांच राज्‍यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। कई धुरंधर और धरतीपुत्र अपनी किस्‍मत आजमाने चुनावी मैदान में हैं। जीत सुनिश्चित करने के लिए उम्मीदवार जी-तोड़ मेहनत कर रहे हैं लेकिन कौन विजेता बनेगा तो किसकी जमानत जब्‍त होगी इसका फैसला 3 दिसंबर को ही होगा। इस बीच हम आपको 2018 विधानसभा चुनाव के उन उम्मीदवारों के बारे में बता रहे हैं जो अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए।

    By Jagran NewsEdited By: Deepti MishraUpdated: Thu, 02 Nov 2023 12:29 PM (IST)
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    Security deposit forfeited in Assembly Elections 2018: इन नेताओं की जब्‍त हुई थी जमानत।

     ऑनलाइन डेस्क, नई दिल्‍ली। देश के पांच राज्यों- मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव हैं। कई धुरंधर और धरतीपुत्र अपनी किस्‍मत आजमाने चुनावी मैदान में उतरे हैं। अपनी-अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए उम्मीदवार जी-तोड़ मेहनत भी कर रहे हैं, लेकिन कौन विजेता बनेगा तो किसकी जमानत जब्‍त होगी, इसका फैसला तो 3 दिसंबर को ही होगा।

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    इस बीच, हम आपको 2018 विधानसभा चुनाव के उन उम्मीदवारों के बारे में बता रहे हैं, जो अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए।

    साल 2018 के मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत तो नहीं मिला, लेकिन उसे भाजपा को पीछे छोड़ने के साथ ही बहुमत के करीब पहुंचने में सफलता जरूर मिली थी। कांग्रेस को बहुमत से दो सीटें कम यानी 114 सीटें मिली थीं, जबकि भाजपा 109 सीटें ही जीत पाई थी। मजेदार बात यह है कि चुनाव बेशक भाजपा हारी, लेकिन भाजपा के एक ही नेता की जमानत जब्‍त हुई थी, जबकि कांग्रेस के नौ नेता अपनी जमानत नहीं बचा पाए।

    मप्र: 2018 में कांग्रेस के इन नेताओं की हुई थी जमानत जब्‍त

       नाम                                सीट

    • रमेश दुबे                            भिंड
    • कैप्टन सुरेश सिंह                  निवाड़ी
    • शंकर प्रताप सिंह मुन्ना राजा    बिजावर
    • गौरव पटेल                         पथरिया
    • संजय सिंह मसानी               वारासिवनी
    • रवींद्र महाजन                    बुरहानपुर
    • विजय सिंह सोलंकी             भगवानपुरा
    • सरदार सिंह चौहान              महिदपुर

      (सोर्स: विधानसभा चुनाव परिणाम-2018)

    भाजपा के इकलौते उम्मीदवार और पृथ्वीपुर विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में उतरे अभय अखंड प्रताप सिंह यादव भी अपनी जमानत जब्‍त करवा बैठे।

    राजस्थान: 15 उम्मीदवार नहीं बचा पाए जमानत

    अगर राजस्थान की बात करें तो राजस्थान विधानसभा चुनाव परिणाम में जिन 15 उम्मीदवारों की जमानत जब्‍त हो गई, उनमें से तीन भारतीय जनता पार्टी के थे, जबकि 12 कांग्रेस के थे। जिन 15 उम्मीदवारों की जमानत जब्‍त हुई, उनमें से तीन पूर्व मंत्री- घनश्याम तिवाड़ी, सुरेंद्र गोयल और रोहिताश कुमार शामिल थे।

    बुरी तरह हारे भाजपा के बागी

    घनश्याम तिवाड़ी ने भाजपा से बगावत करके भारत वाहिनी पार्टी बनाई और सांगानेर से चुनाव लड़े थे, लेकिन जमानत राशि भी नहीं बचा पाए। वहीं वसुंधरा राजे सरकार में जल संसाधन मंत्री सुरेंद्र गोयल बगावत के बाद जैतारण से निर्दलीय चुनाव लड़े थे, लेकिन बुरी तरह हारे और जमानत राशि भी जब्‍त हो गई थी। भाजपा नेता और पूर्व परिवहन मंत्री रोहिताश कुमार को अलवर जिले की थानागाजी विधानसभा सीट से मैदान में उतारा गया था, लेकिन वह भी जमानत नहीं बचा पाए।

    कब जब्‍त होती है जमानत ?

    लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 34(1)(ए) के मुताबिक, विधानसभा चुनाव लड़ने वाले सभी उम्मीदवारों को एक निश्चित धनराशि जमा करानी होती है, जिसे जमानत राशि कहा जाता है। सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों 10 हजार तो वहीं अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग के प्रत्याशियों को पांच हजार रुपये जमानत राशि के तौर पर जमा कराने होते हैं।

    अगर किसी प्रत्याशी को कुल डाले गए वोटों का छठा हिस्सा या 16.67 प्रतिशत मत नहीं मिलते हैं तो उसकी ओर से जमा कराई गई धनराशि जब्‍त कर ली जाती है। वहीं जिस उम्मीदवार को इतने वोट मिल जाते हैं तो उसकी जमानत राशि लौटा दी जाती है।

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