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जानिए क्यों मनीष तिवारी को पंजाब से लोकसभा का टिकट नहीं देना चाहते हैं राहुल गांधी

Lok Sabha Election 2019 चंडीगढ़ सीट से मनीष तिवारी की उम्मीदवारी को पहले ही झटका लग चुका है। अब श्री आनंदपुर साहिब सीट से भी उन्हें झटका लगने की आशंका है। जानें- क्या है इसकी वजह।

By Amit SinghEdited By: Published: Sat, 06 Apr 2019 10:54 AM (IST)Updated: Sat, 06 Apr 2019 10:57 AM (IST)
जानिए क्यों मनीष तिवारी को पंजाब से लोकसभा का टिकट नहीं देना चाहते हैं राहुल गांधी
जानिए क्यों मनीष तिवारी को पंजाब से लोकसभा का टिकट नहीं देना चाहते हैं राहुल गांधी

नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पंजाब की सात लोकसभा सीटों पर आज उम्मीदवारों की घोषणा कर सकते हैं। कांग्रेस, पंजाब की 13 लोकसभा सीटों में छह पर तीन अप्रैल को ही उम्मीदवार घोषित कर चुकी है। पंजाब के लिए घोषित पहली सूची में पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी को निराशा हाथ लगी थी। अनुमान लगाया जा रहा है कि दूसरी सूची में भी मनीष तिवारी को झटका लग सकता है। राहुल गांधी के पास इसकी ठोस वजह भी है।

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मनीष तिवारी ने पहले चंडीगढ़ लोकसभा सीट से दावेदारी पेश की थी। पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन बंसल और नवजोत कौर सिद्धू ने भी इस सीट से लोकसभा के लिए दावेदारी पेश की थी। तीन बड़े दावेदारों के बीच पवन बंसल पिछली सीट में चंडीगढ़ सीट से बाजी मार गए। पार्टी ने आठवीं पर पवन बंसल पर विश्वास जताते हुए उन्हें उम्मीदवार बनाया है। बंसल को टिकट मिलने के पीछे पूर्व पीएम डॉ मनमोहन सिंह के समर्थन को भी अहम वजह बताया जा रहा है। बंसल इस सीट से सात बार प्रत्याशी रह चुके हैं और चार बार उन्होंने जीत भी दर्ज की है। वह पंजाब से राज्यसभा सांसद भी रहे हैं।

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पिछली बार आप के कारण हार गए थे बंसल
साल 2014 के लोकसभा चुनाव में पवन बंसल भाजपा की किरण खेर से करीब 70 हजार वोट से हार गए थे। उस समय शहर में आप की स्थिति काफी मजबूत थी। आप की उम्मीदवार गुलपनाग को एक लाख आठ हजार वोट हासिल हुए थे।कांग्रेस का मानना है कि अगर उस समय आप इतनी मजबूत न होती तो बंसल चुनाव जीत जाते।

संगरूर से चुनाव लड़ने के लिए कर दिया था मना
पवन बंसल को पार्टी ने इस बार पंजाब के संगरूर से भी चुनाव लड़ने का ऑफर दिया था, लेकिन उन्होंने इसके लिए साफ मना कर दिया था। बंसल ने पार्टी को स्पष्ट कर दिया था कि अगर वह चुनाव लड़ेंगे तो चंडीगढ़ से ही। मालूम हो कि बंसल मूल रूप से संगरूर के गांव तपा के ही रहने वाले हैं। इसलिए भी पार्टी को चंडीगढ़ से ही पवन बंसल को टिकट देना पड़ा।

लगातार दो बार हारके बावजूद मिली थी टिकट
साल 1999 में पवन बंसल का राजनीति केरियर दांव पर लगा हुआ था क्योंकि इस चुनाव से पहले बंसल दो चुनाव हार चुके थे। उस समय पार्टी किसी अन्य दावेदार को मैदान में उतारने पर विचार कर रही थी, लेकिन उस समय बंसल ने पूर्व केंद्रीय मंत्री हरमोहन धवन को कांग्रेस में शामिल करके अपनी स्थिति मजबूत की। धवन के आने के बाद पार्टी ने बंसल को उम्मीदवार बनाया और बंसल उस समय सिर्फ पांच हजार वोटों से चुनाव जीते थे।

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मनीष तिवारी को इसलिए फिर लग सकता है झटका
पंजाब कांग्रेस श्री आनंदपुर साहिब सीट को हिंदू मान रही है, जबकि एआइसीसी नहीं। अगर एआइसीसी की चली तो मनीष तिवारी को यहां से भी झटका लग सकता है। तिवारी पहले चंडीगढ़ से टिकट मांग रहे थे, जबकि पार्टी ने वहां पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन बंसल पर भरोसा जताया है। अगर ऐसी स्थिति बनी तो मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार कैप्टन संदीप संधू की श्री आनंदपुर साहिब सीट से लॉटरी लग सकती है।

2014 में मैदान छोड़ गए थे मनीष
चंडीगढ़ से लोकसभा टिकट के लिए दावा पेश करने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी 2009 के चुनाव में लुधियाना से लोकसभा पहुंचे थे। बावजूद 2014 की मोदी लहर में उन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ने से मना कर दिया था। पार्टी उनका टिकट घोषित कर चुकी थी। इसके बाद कांग्रेस को लुधियाना से रवनीत सिंह बिट्टू को उतारना पड़ा था और वह जीत भी गए थे। मनीष तिवारी के मैदान छोड़ने की वजह से भी उनके टिकट को लेकर संशय बना हुआ है।

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जिन सीटों पर कैप्टन का समर्थन वे सभी पेंडिंग
प्रत्याशियों के चयन के दौरान मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ के बीच मतभेद भी उभर कर सामने आए। यही कारण रहा कि खडूर साहिब, फिरोजपुर, संगरूर, श्री आनंदपुर साहिब ऐसी सीटें रही जिन पर पहली सूची में कोई फैसला नहीं हो सका था। शेष सात सीटों में से इन सीटों पर भी आज उम्मीदवार घोषित किए जा सकते हैं। ये वे सीटें हैं जहां से कैप्टन अपने करीबियों को चुनाव लड़वाना चाहते हैं। ये सभी सीटें कांग्रेस इलेक्शन कमेटी ने पेंडिंग कर दी थी। खडूर साहिब से कैप्टन जसबीर डिंपा, फिरोजपुर से राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी, संगरूर से केवल ढिल्लों और श्री आनंदपुर साहिब से मनीष तिवारी का समर्थन कर रहे हैं।

पहली सूची में इन्हें मिला टिकट
अमृतसर : गुरजीत औजला।
गुरदासपुर : सुनील जाखड़।
जालंधर : चौधरी संतोख सिंह।
लुधियाना : रवनीत बिट्टू।
पटियाला : परनीत कौर।
होशियारपुर : राजकुमार चब्बेवाल।

चुनाव की विस्तृत जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें


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