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    अतीत के आईने से: गंगा यात्रा से खत्म हुआ था इंदिरा का राजनीतिक वनवास

    By Sunil NegiEdited By:
    Updated: Mon, 01 Apr 2019 09:15 AM (IST)

    आपातकाल के बाद आम चुनाव में हार का सामना करने के बाद इंदिरा गांधी गंगा की शरण में हरिद्वार आईं थीं। यह यात्रा इंदिरा के लिए टर्निग प्वाइंट साबित हुई। ...और पढ़ें

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    अतीत के आईने से: गंगा यात्रा से खत्म हुआ था इंदिरा का राजनीतिक वनवास

    हरिद्वार, मेहताब आलम। आपातकाल के बाद आम चुनाव में हार का सामना करने के बाद इंदिरा गांधी गंगा की शरण में हरिद्वार आईं थीं। वर्ष 1977 के चुनाव में कांग्रेस 350 से 153 सीटों पर सिमट गई। जनता दल की सरकार बनी तो इंदिरा गांधी गिरफ्तार भी हुईं। वर्ष 1979 में हरिद्वार के कांग्रेस नेता गंगाजल व रुद्राक्ष की माला लेकर इंदिरा से मिले और हरिद्वार आने का न्यौता दिया। वर्ष 1979 में हरिद्वार से दिल्ली तक की यह यात्रा इंदिरा के लिए टर्निग प्वाइंट साबित हुई और 1980 के आम चुनाव में कांग्रेस सत्ता में वापस आई।

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    श्री गंगा सभा के पूर्व अध्यक्ष पुरुषोत्तम शर्मा गांधीवादी व आरटीआइ कार्यकर्ता रमेश चंद्र शर्मा उस दौर को याद कर बताते हैं कि आपातकाल के बाद हुए चुनाव में खुद इंदिरा गांधी को रायबरेली में प्रख्यात नेता राजनारायण के सामने हार का मुंह देखना पड़ा। जनता दल की सरकार बनी और मोरारजी देसाई प्रधानमंत्री बने। चौधरी चरण सिंह उस समय देश के गृह मंत्री थे। तब आपात काल को लेकर सरकार ने शाह आयोग का गठन किया और इंदिरा गांधी को गिरफ्तार कर लिया गया। कांग्रेस में बेहद निराशा का माहौल था।

    पुरुषोत्तम शर्मा बताते हैं कि ऐसे माहौल में हरिद्वार के कुछ कांग्रेस नेता गंगा जल व रुद्राक्ष की माला लेकर दिल्ली पहुंचे। इंदिरा गांधी से मुलाकात कर उन्होंने हरिद्वार से गंगा यात्र शुरू करने का निमंत्रण दिया। वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सुभाष घई बताते हैं कि इसके कुछ समय बाद इंदिरा गांधी ने हरिद्वार पहुंची और हरकी पैड़ी से गंगा यात्र शुरू की। 1980 में हुए अगले चुनाव में कांग्रेस ने 43 फीसद वोट के साथ 353 सीटें हासिल कर मजबूत वापसी की। इंदिरा गांधी को विश्वास था कि एकमुखी रुद्राक्ष उनके लिए शुभ है।

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