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    Chunavi किस्‍से: पहले चुनाव में मतदान के बाद क्‍यों लौटी थीं फूलों से सजी-सिंदूर से सनी पेटियां? चुनाव आयोग ने बताई वजह

    Updated: Wed, 27 Mar 2024 08:25 PM (IST)

    LoK Sabha Election 2024 and Chunavi किस्‍से देश में होली के बाद सियासत का रंग गहराता जा रहा है। अब तो देश में चुनाव ईवीएम मशीन से होता है लेकिन क्‍या आप जानते हैं कि पहले चुनाव कैसे हुए थे और क्यों खास थे? मतदान के बाद जब चुनाव पेटियां लौटकर आईं तो वे फूलों से सजी थीं और उन पर सिंदूर लगा था।

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    Lok sabha Election: क्‍या आप जानते हैं कि पहले चुनाव कैसे हुए थे और क्यों खास थे?

     चुनाव डेस्क, नई दिल्‍ली। देश में 18वीं लोकसभा के लिए 19 अप्रैल से सात चरणों में चुनाव होना है। होली के बाद देश में चुनावी सियासत का रंग तेजी से गहराता जा रहा है। अब तो देश में चुनाव ईवीएम मशीन से होता है, लेकिन क्‍या आप जानते हैं कि पहले चुनाव कैसे हुए थे और क्यों खास थे?

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    चलिए हम आपको बताते हैं...

    देश आजाद हुआ तो अब बारी थी लोकतांत्रिक सरकार चुनने की। चुनाव प्रक्रिया जुलाई 1948 से शुरू हो गई थी, लेकिन संविधान न होने के कारण चुनाव कराना आसान नहीं था। इसलिए पहले 26 नवंबर, 1949 को संविधान पारित हुआ और 26 जनवरी, 1950 को देश में लागू कर दिया गया। इसके साथ ही भारत को चुनाव कराने के लिए नियम और उपनियम मिल गए।  

    संविधान लागू हो जाने के बाद चुनाव आयोग का गठन किया गया था। फिर आम चुनाव के लिए जनगणना के आंकड़ों के आधार पर संसदीय निर्वाचन क्षेत्र तय किए जाने थे, जो साल 1951 में हो पाया। इसके बाद शुरू हुई देश की ज्यादातर अशिक्षित आबादी के लिए सभी दलों के चुनाव चिह्न डिजाइन करने, मतपत्र और मतदान पेटी तैयार करने व मतदान अधिकारियों को नियुक्त कर प्रशिक्षण की असली जंग।

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    मतदान पेटियों में क्यों लगा था सिंदूर?

    खैर, ये सब हुआ तो साल 1952 में देश में पहले आम चुनाव हुए थे। जब मतदान के बाद चुनाव पेटियां आयोग पहुंची तो उनमें से बहुत सारी पेटियां फूलों से सजी हुईं थीं। उन पर सिंदूर लगा हुआ था।

    चुनाव आयोग की ओर से बताया गया कि उस वक्त लोग मतदान पेटियों को पूजा की वस्तु मानते थे। मतदान पेटियों में फूल और सिंदूर के अलावा चुनाव सफल होने की कामना करने वाली पर्चियां, हॉलीवुड सितारों की तस्वीरें, सिक्‍के, नोट (रुपये) जैसी कई और चीजें भी निकलीं। चुनाव परिणाम आए और इसी के साथ भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र बन गया था। जहां लोगों ने, लोगों के लिए एक सरकार चुनी।

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    (सोर्स: चुनाव आयोग अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर चुनाव से जुड़े कुछ रोचक किस्‍से शेयर कर रहा है, यह किस्‍सा वहीं से लिया गया है)