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'ध्वस्त हो चुका सपा और राजद का एमवाई समीकरण, कांग्रेस को 400 प्रत्याशी भी नहीं मिले', विपक्ष पर खूब बरसे मोहन यादव

Lok Sabha Election 2024 मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आरक्षण के मुद्दे पर कांग्रेस को जमकर घेरा। वहीं अखिलेश यादव पर परिवारवाद का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बिहार और उत्तर प्रदेश में एमवाई समीकरण ध्वस्त हो चुका है। कांग्रेस पर तंज कसा कि उसे तो 400 प्रत्याशी भी नहीं मिले हैं। पढ़ें इंटरव्यू के प्रमुख अंश...

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Wed, 22 May 2024 10:34 AM (IST)
'ध्वस्त हो चुका सपा और राजद का एमवाई समीकरण, कांग्रेस को 400 प्रत्याशी भी नहीं मिले', विपक्ष पर खूब बरसे मोहन यादव
लोकसभा चुनाव 2024: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव का इंटरव्यू।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में सभी 29 लोकसभा सीटों पर क्लीन स्वीप का दावा कर रहे मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव न सिर्फ इस पर आश्वस्त हैं कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) इस वार 400 का आंकड़ा पार करने जा रहा है, बल्कि कांग्रेस पर तंज भी कसते हैं कि उसे तो 400 प्रत्याशी भी नहीं मिले।

वह मानते हैं कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (सपा) और बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) का एमवाई (मुस्लिम-यादव समीकरण ध्वस्त हो चुका है। सीधा सवाल है कि जाति की राजनीति करने

वाले इन दोनों दलों के नेतृत्व को परिवार से बाहर कोई क्यों नहीं दिखता? मध्य प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को किनारे किए जाने के दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आरोप पर वह तीखा पलटवार करते हैं कि यह कहकर केजरीवाल सिर्फ खुद के ऊपर कीचड़ उछाल रहे हैं।

चुनाव प्रचार के लिए नई दिल्ली पहुंचे डॉ. मोहन यादव ने कई मुद्दों पर दैनिक जागरण के विशेष संवाददाता जितेंद्र शर्मा से बातचीत की। प्रस्तुत हैं प्रमुख अंश...

सवाल: आपको मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया, तब हर तरफ यही चर्चा थी कि उत्तर प्रदेश में सपा और बिहार में राजद के एमवाई यानी मुस्लिम-यादव समीकरण में से यादव को खींचने के लिए भाजपा ने यह दांव चला है। क्या लगता है, आप इसमें कितने सफल हुए?

जवाब: यह लोगों के अपने विचार होंगे। मैं यादव चेहरा नहीं, पार्टी का सामान्य कार्यकर्ता हूं। मेरे परिवार में कोई सांसद-विधायक नहीं रहा और पार्टी नेतृत्व ने मुझे मुख्यमंत्री बनाकर संदेश दे दिया कि यहां न जाति की राजनीति होती है और न ही परिवारवाद की।

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रही बात एमवाई की तो सपा और राजद का यह समीकरण ध्वस्त हो चुका है। यादव समाज जानता है कि अखिलेश यादव ने परिवार के बाहर किसी यादव को टिकट नहीं दिया है। बताइएगा, राजद ने कब किसी बाहरी को प्रमुख पद पर बैठाया? जहां तक मेरा प्रश्न है तो मैं सिर्फ उत्तर प्रदेश और बिहार नहीं, बल्कि कई राज्यों में पार्टी के कार्यकर्ता के रूप में चुनाव कार्यक्रमों में सक्रिय हं।

सवाल: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल लगातार मुद्दा उठा रहे हैं कि भाजपा ने मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह और राजस्थान में वसुंधरा राजे को किनारे कर दिया। आप क्या कहेंगे?

जवाब: ऐसा कहकर केजरीवाल सिर्फ अपने ऊपर कीचड़ उछाल रहे हैं। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पार्टी के सम्मानित नेता हैं। यहां तो सिर्फ दायित्व बदले हैं, लेकिन केजरीवाल बताएं कि कुमार विश्वास, आशुतोष और कपिल मिश्रा का उन्होंने क्या किया? मनीष सिसौदिया और सतेंद्र जैन के साथ क्या कर रहे हैं? अब राज्यसभा सदस्य स्वाति मालीवाल का भी ताजा उदाहरण है। इस बारे में जवाब दें।

सवाल: कांग्रेस, आम आदमी पार्टी सहित आईएनडीआईए में शामिल कई दल कह रहे हैं भाजपा 400 सीटें जीती तो संविधान बदल देगी, आरक्षण खत्म कर देगी। क्या जनता इससे सतर्क होकर वोट नहीं करेगी?

जवाब: कांग्रेस और ऐसे विपक्षी दलों के भ्रमजाल से जनता पूरी तरह बाहर निकल चुकी है। 2014 और 2019 के चुनाव परिणाम इसके प्रमाण हैं। जनता जानती है कि लगभग 100 बार कांग्रेस ने ही संविधान को बदला है।

कर्नाटक और तेलंगाना में ओबीसी का आरक्षण छीनकर मुस्लिमों को देने का जो प्रयास कांग्रेस ने किया है, वह किसी से छिपा नहीं है। सामाजिक न्याय भाजपा की नीति है और भाजपा ही संविधान में विश्वास रखती है।

सवाल: कांग्रेस और विपक्ष के नेताओं में कोई कह रहा है कि भाजपा 200 पार नहीं कर पाएगी तो कोई कहता है कि 250 तक सिमट जाएगी। आपका क्या आकलन है?

जवाब: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने जिस तरह से सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास की नीति पर चलते हुए विकास पथ पर देश को बढ़ाया है, वह 400 सीटों का मार्ग प्रशस्त करता है। अब कांग्रेस तो 200-250 की ही बात करेगी, क्योंकि 400 के बारे में वह सोच तक नहीं सकती। उसे तो 400 लोकसभा प्रत्याशी तक नहीं मिल सके।

सवाल: आप कई चुनावी कार्यक्रमों में अयोध्या- काशी की तरह मथुरा की बात कह चुके हैं। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को भी चुनौती देते हैं। क्या पार्टी इस एजेंडे पर आगे बढ़ने जा रही है?

जवाब: अगर अयोध्या में प्रभु श्रीराम, काशी में बाबा विश्वनाथ, उज्जैन में बाबा महाकाल आनंदित हो सकते हैं तो मथुरा में प्रभु श्रीकृष्ण क्यों नहीं? मथुरा के निवासियों का क्या दोष है? भाजपा सरकार जिस तरह सभी तीर्थ स्थलों का विकास करा रही है, वैसे ही मथुरा भी प्राथमिकता में है। अब अखिलेश यादव बताएं कि राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में तो गए नहीं, लेकिन खुद को यदुवंशी और कृष्ण भक्त कहते हैं तो क्या मथुरा की बात वह खुलकर कह सकते हैं?

सवाल: आप कांग्रेस पर तुष्टिकरण की राजनीति का आरोप लगाते हैं, लेकिन मध्य प्रदेश में कई मौकों पर कांग्रेस भी साफ्ट हिंदुत्व की राह पर चलती दिखी है।

जवाब: कांग्रेस की आस्था स्थान और मौका देखकर जागती है। उसके नेता उज्जैन और छिंदवाड़ा में तो जयश्री राम बोल सकते हैं, लेकिन भोपाल में जहां इनके वोट बैंक (मुस्लिमों की ओर इशारा) की आबादी ठीकठाक है, वहां कभी जयश्री राम नहीं कह सकते।

सवाल: मध्य प्रदेश में मतदान हो चुका है। वहां इस बार कितनी सीटों की उम्मीद कर रहे हैं?

जवाब: मध्य प्रदेश की जनता ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर विश्वास जताते हुए विकास के मुद्दे पर मतदान किया है। मुझे विश्वास है कि इस बार भाजपा मध्य प्रदेश में सभी 29 संसदीय सीटों पर विजय प्राप्त करने जा रही है।

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