Lok Sabha Election 2019: कांग्रेस से अलग होने के बाद 'राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी' का रहा है दबदबा
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार सत्रहवीं लोकसभा का 2019 आम चुनाव नहीं लड़ेगे। महाराष्ट्र के कद्दावर नेता शरद पवार राजनीति के करियर में अब तक कुल 14 बार चुनाव लड़े हैं।
अंकुर अग्निहोत्री। बात 1999 की है। 13वीं लोकसभा के सदस्यों के चुनाव की तैयारियां चल रही थीं। सभी राजनीतिक दल अपनी-अपनी कोशिशों में जुटे थे। इसी क्रम में वे प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार को घोषित कर रहे थे। कांग्रेस पार्टी में सब कुछ सामान्य चल रहा था कि तभी अध्यक्ष पद से सीताराम केसरी को हटाकर सोनिया गांधी की ताजपोशी की गई। इस तरह अगले लोकसभा चुनाव में उनके प्रधानमंत्री पद के दावेदार की बातें होने लगीं। कांग्रेस के तीन कद्दावर नेता विदेशी मूल के व्यक्ति को बतौर प्रधानमंत्री स्वीकार नहीं कर पा रहे थे। ये दिग्गज थे, शरद पवार, पीए संगमा और तारिक अनवर। इन लोगों ने विदेशी मूल के मुद्दे पर आपत्ति उठाई। लिहाजा बागी सुर होने पर इन्हें 20 मई 1999 को कांग्रेस पार्टी से निकाल दिया। इन लोगों ने कांग्रेस पार्टी को छोड़कर नए राजनीतिक दल का गठन किया। आज से 19 साल पहले 25 मई, 1999 को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की स्थापना हुई। गठन के समय राकांपा में भारतीय कांग्रेस (सोशलिस्ट) पार्टी का एकीकरण किया गया। आज यह देश की राष्ट्रीय पार्टियों में शुमार है।
चुनाव चिन्ह
पार्टी का चुनाव चिह्न घड़ी है। जिसकी सूइयां 10.10 बजा रही हैं। नीले रंग की इस घड़ी में दो पैर हैं और ऊपर एक अलार्म बटन लगा हुआ है।
मुद्दा पीछे छूटा
जिस विदेशी मूल के मुद्दे पर इस पार्टी का अस्तित्व खड़ा किया गया था, उत्तरोत्तर में यह मुद्दा अप्रासंगिक होता गया। पार्टी और उसके नेता कांग्रेस के साथ सरकार खुशी-खुशी बनाने लगे। कई राज्यों में इसने कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ा और सरकार भी बनाई। यही नहीं, केंद्र सरकार में भी राकांपा शामिल रही
पार्टी में अलगाव
राकांपा के तीन संस्थापक सदस्यों में से एक पीए संगमा ने जनवरी 2004 में पार्टी को अलविदा कहा। इसकी वजह उन्होंने शरद पवार की कांग्रेस पार्टी से हो रही नजदीकी को बताया। पार्टी के चुनाव चिह्न के लिए भी उन्होंने दावा ठोंका, लेकिन हार गए। संगमा ने बाद में अपने धड़े को ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस में मिला लिया।
विभिन्न राज्यों में सीटें
हालांकि पार्टी का मुख्य जनाधार महाराष्ट्र और मेघालय में है लेकिन इन दोनों राज्यों के अलावा अन्य राज्यों में पार्टी की मौजूदगी है।
लोकसभा चुनावों में पार्टी का प्रदर्शन
लोकसभा साल सीटें जीतीं मत फीसद
13वीं 1999 8 2.27
14वीं 2004 9 1.80
15वीं 2009 9 1.19
16वीं 2014 6 1.56
महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में प्रदर्शन
विधान- सभा साल सीटें जीतीं मत फीसद
10वीं 1999 58 22.60
11वीं 2004 71 18.75
12वीं 2009 62 16.37
13वीं 2014 41 17.24