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    Lok Sabha Election 2024: गुरु जीते, शिष्या को मिली थी हार, दिलचस्प है इस सीट का इतिहास, पूर्व राष्ट्रपति से मुख्यमंत्री तक लड़ चुके हैं यहां चुनाव

    Updated: Fri, 12 Apr 2024 04:47 PM (IST)

    Lok Sabha Election 2024 पंजाब की होशियारपुर लोकसभा सीट का राजनीतिक इतिहास काफी दिलचस्प रहा है। इस सीट से पूर्व राष्ट्रपति पूर्व मुख्यमंत्री समेत कई बड़े नेता भाग्य आजमा चुके हैं। राजनीति की फेमस गुरु-शिष्या की जोड़ी भी यहां से चुनाव लड़ चुकी है। इनमें से एक को हार का सामना करना पड़ा था जबकि एक को मिली थी जीत। पढ़ें सीट पर खास रिपोर्ट।

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    पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह (बाएं), पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री दरबारा सिंह (दाएं)

    हजारी लाल, होशियारपुर। लोकसभा सीट होशियारपुर से राजनीति के कई सूरमा अपनी किस्मत आजमा चुके हैं। होशियारपुर ने कई नेताओं की जीत को यादगार बनाया है। यहां के मतदाताओं ने कई उलटफेर किए हैं। इस सीट से चुनावी अखाड़े में दहाड़ चुके चेहरों में पूर्व राष्ट्रपति और पूर्व मुख्यमंत्री का नाम भी शुमार है।

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    बसपा के संस्थापक कांशीराम और उनकी राजनीतिक शिष्या मायावती भी यहां से चुनावी मैदान में जोर आजमाइश कर चुकी हैं। मायावती को हार का सामना करना पड़ा था और कांशीराम ने जीत हासिल की थी। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री दरबारा सिंह ने होशियारपुर से दो बार अपनी किस्मत अजमाई। एक बार विजय का परचम लहराया।

    दरबारा सिंह ने लड़ा था चुनाव

    साल 1971 में दरबारा सिंह ने कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा था। उस दौरान उन्होंने शिअद उम्मीदवार करतार सिंह को 1,00,835 मतों से पराजित किया था। 1977 में दरबारा सिंह समाजवादी नेता चौधरी बलवीर सिंह से 1,14,617 मतों से हार गए थे।

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    दरबार सिंह 6 जून 1980 से 6 अक्टूबर 1983 तक पंजाब के मुख्यमंत्री भी रहे थे। यहां से पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह ने वर्ष 1980 में लोकसभा का चुनाव लड़ा था। उन्होंने समाजवादी पार्टी के नेता चौधरी बलवीर सिंह को 1,41,181 मतों से पराजित कर दिया था।

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    मायावती को मिली थी हार

    ज्ञानी जैल सिंह वर्ष 1982 से 1987 तक राष्ट्रपति रहे थे। होशियारपुर लोकसभा सीट से मायावती ने 1992 में चुनाव लड़ा था। कांग्रेस के कमल चौधरी ने मायावती को 25,004 मतों से पटखनी दे दी थी। 1996 में मायावती के गुरु कांशीराम ने कमल चौधरी को 10,944 मतों से पराजित किया था।

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