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    Lok Sabha Election 2024: तिरुचिरापल्ली के प्रत्याशी का अनोखा चुनावी अभियान, सब्जी बेचकर कर रहे प्रचार, मिल चुका है पद्मश्री सम्मान

    Lok Sabha Election 2024 चुनावी अभियान में आपने बड़ी-बड़ी रैलियां मेगा रोड शो और भव्य आयोजन देखे होंगे लेकिन तमिलनाडु के एक प्रत्याशी ने चुनाव प्रचार का अनोखा तरीका अपनाया है। वे रोज सब्जी बेचकर और फूलों की माला बनाकर अपना प्रचार कर रहे हैं। इसकी चर्चा भी हो रही है। यही नहीं इस प्रत्याशी को भारत सरकार की ओर से पद्मश्री सम्मान भी मिल चुका है। पढ़िए रिपोर्ट...।

    By Jagran News Edited By: Sachin Pandey Updated: Fri, 12 Apr 2024 11:55 AM (IST)
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    एस दामोदर 40 साल से स्वच्छता केंद्र में स्वयंसेवक सहयोगी के तौर पर कार्य कर रहे हैं।

    एएनआई, तिरुचिरापल्ली। लोकसभा चुनाव की रणभेरी बज चुकी है और सभी प्रत्याशी एवं दल जोरो-शोरों से अपने चुनाव प्रचार में लग गए हैं। जहां एक ओर प्रचार अभियान में बड़ी-बड़ी रैलियां एवं रोड शो आयोजित किए जा रहे हैं, वहीं इन सब के बीच एक प्रत्याशी ऐसे भी हैं जो फूलों की माला बनाकर एवं सब्जियां बेचकर अपना प्रचार कर रहे हैं।

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    यह कोई साधारण प्रत्याशी नहीं हैं बल्कि इन्हें भारत सरकार की ओर से पद्म श्री से नवाजा जा चुका है। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार 62 वर्षीय एस दामोदरन तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली से लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। वह किसी पार्टी से नहीं बल्कि निर्दलीय ही मैदान में उतरे हैं।

    गैस स्टोव चुनाव चिह्न

    एस दामोदरन को गैस स्टोव का चुनाव चिह्न मिला है। उनके कई वीडियोज सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे हैं, जिनमें वह बाजार में सब्जी एवं फल विक्रेताओं के साथ चर्चा करते हुए देखे जा सकते हैं। कई वीडियोज में वह खुद सब्जी बेचते हुए एवं फूलों की माला बनाते हुए नजर आ रहे हैं। चुनावी सरगर्मी के बीच एस दामोदरन का प्रचार का यह अनोखा तरीका लोगों को आकर्षित कर रहा है।

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    स्चच्छता केन्द्र में काम के लिए मिला पद्म श्री

    एएनआई से बातचीत में एस दामोदरन कहते हैं कि 'वह त्रिची लोकसभा से चुनाव लड़ रहे हैं, वह इसी मिट्टी के सपूत हैं।' वह कहते हैं कि '40 सालों से स्वच्छता केंद्र में स्वयंसेवक सहयोगी के तौर पर कार्य कर रहे हैं।' उन्होंने 21 साल की उम्र में ये कार्य शुरू किया था। 60 वर्ष की उम्र में उन्हें तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की ओर से पद्म श्री पुरस्कार से नवाजा गया था।

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