Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मध्य प्रदेश की इन सीटों पर क्यों है भाजपा और कांग्रेस का खास फोकस? विधानसभा चुनाव के आंकड़े करेंगे हैरान!, जानें सियासी समीकरण

    मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव की सरगर्मियां बढ़ चुकी हैं। कांग्रेस और भाजपा के बड़े नेता चुनाव अभियान में उतर चुके हैं। दोनों दल विधानसभा चुनाव के नतीजों के आधार पर भी अपनी रणनीति बना रहे हैं। विधानसभा चुनाव परिणाम के आधार पर कई सीटों पर दोनों ही दलों की टेंशन बढ़ सकती है। वहीं कई सीटों पर दोनों ही दलों ने एक-दूसरे से बढ़त भी बनाई थी।

    By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Thu, 11 Apr 2024 05:29 PM (IST)
    Hero Image
    लोकसभा चुनाव 2024: मध्य प्रदेश की इन सीटों पर सभी की निगाहें।

    जेएनएन, भोपाल। विधानसभा चुनाव के नतीजों के आधार पर मध्य प्रदेश में कांग्रेस अपनी रणनीति बना रही है। कांग्रेस का फोकस उन संसदीय क्षेत्रों पर अधिक है, जहां विधानसभा चुनाव उसके अनुकूल रहे हैं। विधानसभा चुनाव के विश्लेषण पर पता चलता है कि भाजपा ने 24 संसदीय क्षेत्रों में बढ़त बनाई थी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    वहीं पांच सीटों पर कांग्रेस ने बढ़त बनाई थी। यही वजह है कि कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में 10 नए चेहरों पर दांव खेला है। मध्य प्रदेश में लोकसभा की कुल 29 सीटें हैं। कांग्रेस 28 पर चुनाव लड़ रही है। खजुराहो सीट समझौते के तौर पर समाजवादी पार्टी को दी गई है।

    विस चुनाव में कांग्रेस ने यहां बनाई थी बढ़त

    • विधानसभा चुनाव के विश्लेषण के आधार पर कांग्रेस ने भिंड लोकसभा सीट पर 6904 मतों से बढ़त बनाई थी।
    • मुरैना लोकसभा सीट की सभी विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस ने भाजपा से 21,024 वोटों से बढ़त बनाई थी।
    • ग्वालियर में कांग्रेस ने भाजपा की अपेक्षा 23,250 मतों की बढ़त कायम की थी।
    • विधानसभा चुनाव में मंडला में 16,082 और छिंदवाड़ा में 96,646 मतों की बढ़त बनाने में कांग्रेस कामयाब रही थी।

    नए चेहरों को मौका

    विधानसभा चुनाव में छिंदवाड़ा की सभी सात सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी। यहां से पूर्व सीएम कमल नाथ के बेटे नकुल नाथ पर पार्टी ने दोबारा दांव खेला है। वहीं भिंड, मुरैना और ग्वालियर लोकसभा सीट पर कांग्रेस ने नए चेहरों को मौका दिया है।

    विस चुनाव में किसने-कहां बनाई बढ़त

    मंडला संसदीय क्षेत्र में विधानसभा चुनाव में मतों के आधार पर कांग्रेस आगे रही। हालांकि यहां की आठ में से पांच सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की। उधर, खरगोन में कम सीटें जीतकर भी भाजपा 1548 मतों से बढ़त बनाई थी।

    यह भी पढ़ें: जूनागढ़ में भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशियों पर बाल्टी से नोटों की बारिश, जानें क्या है पूरा मामला

    कांग्रेस ने खरगोन संसदीय क्षेत्र में आने वाली पांच विस सीटों पर जीत दर्ज की थी। बालाघाट संसदीय क्षेत्र में आने वाली आठ में से चार पर भाजपा और चार पर कांग्रेस ने जीत हासिल की थी। मतों के लिहाज से भाजपा आगे रही है। भाजपा ने 3,506 मतों से बढ़त बनाई थी।

    इंदौर में भाजपा ने बनाई थी सबसे बड़ी बढ़त

    धार संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस अधिक विधानसभा सीटों पर जीती लेकिन मतों के लिहाज से भाजपा से पिछड़ गई। यहां भाजपा को 4,046 मत अधिक मिले थे। सभी सीटों पर मुकाबला नजदीकी रहा है। यही वजह है कि यहां नए चेहरों पर दांव खेला गया है। विस चुनाव में भाजपा ने इंदौर में 2,83,325 मतों के अंतर से बढ़त बनाई थी।

    इन सीटों का हाल भी जानें

    विधानसभा चुनाव के आधार पर भोपाल में 2,65,350, विदिशा में 2,35,127, जबलपुर में 2,08, 636, होशंगाबाद में 2,50,830 और उज्जैन में 1,77,151 मतों से भाजपा आगे रही है। राजगढ़ संसदीय क्षेत्र की विधानसभा सीटों पर भाजपा को कांग्रेस से एक लाख से अधिक मत मिले थे। इसके अलावा सतना, मंदसौर, टीकमगढ़ सीटों पर भी भाजपा की बढ़त रही है।

    भाजपा का तिलिस्म टूटेगा

    मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी के मीडिया सलाहकार केके मिश्रा का कहना है कि भाजपा का तिलिस्म टूटेगा। लोकतांत्रिक लूट के कारण हमें निराशा हाथ लग रही है। जनता भाजपा के खिलाफ है और रहेगी। ईवीएम का दुरुपयोग रोक दिया जाए तो मध्य प्रदेश में कांग्रेस आधे से अधिक सीटें जीतगी। 

    2018 विधानसभा चुनाव में हमें 40 फीसदी मत मिले थे। चार महीने बाद 2019 लोकसभा चुनाव में 58 फीसदी मत मिले। लोकसभा चुनाव में मतदाता राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य के आधार पर मतदान करता है। मोदी जी की गारंटी के साथ सभी रिकॉर्ड टूटेंगे। आशीष अग्रवाल, प्रदेश मीडिया प्रभारी, भाजपा।

    यह भी पढ़ें: इस चुनाव में क्यों खुश है भोपाल की जनता? दशकों बाद हो रहा कुछ ऐसा, जिसकी हर गली-चौराहों पर चर्चा