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    इस चुनाव में क्यों खुश है भोपाल की जनता? दशकों बाद हो रहा कुछ ऐसा, जिसकी हर गली-चौराहे पर चर्चा

    Lok Sabha election 2024 मध्य प्रदेश की भोपाल-सीहोर लोकसभा सीट पर कांग्रेस और भाजपा ने स्थानीय नेता पर दांव खेला है। चार दशक में यह दूसरा मौका है जब दोनों ही दलों से स्थानीय नेता चुनावी मैदान में हैं। भोपाल की जनता इस बात पर खुश भी है। भाजपा से आलोक शर्मा और कांग्रेस से अरुण श्रीवास्तव चुनाव लड़ रहे हैं।

    By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Thu, 11 Apr 2024 04:16 PM (IST)
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    लोकसभा चुनाव 2024: भोपाल सीट पर कांग्रेस और भाजपा ने स्थानीय प्रत्याशी पर खेला दांव।

    जेएनएन, भोपाल। मध्य प्रदेश की भोपाल-सीहोर लोकसभा सीट पर चार दशक में दूसरा मौका है जब भाजपा और कांग्रेस ने एक साथ भोपाल के स्थानीय निवासी को टिकट दिया है। भाजपा ने मौजूदा सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर की टिकट काटकर आलोक शर्मा को चुनाव मैदान में उतारा है। वहीं कांग्रेस से अरुण श्रीवास्तव चुनावी समर में है। इस बार दोनों ही दलों के प्रत्याशी भोपाली हैं तो इसकी चर्चा भी शहर में खूब है।

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    महापौर रह चुके आलोक

    आलोक शर्मा के दादा पंडित नंदकिशोर शर्मा का संगीत घराना था। आलोक महापौर भी रह चुके हैं। वहीं अरुण श्रीवास्तव की माता विमला श्रीवास्तव जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकी हैं। लोगों का कहना है कि दोनों प्रत्याशियों के स्थानीय होने की वजह से मुकाबला कांटे का है।

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    1985 में जीते थे केएन प्रधान

    1984 में हुआ भोपाल गैस कांड कौन भूल सकता है। इस भीषण त्रासदी की वजह से भोपाल में लोकसभा चुनाव को टाल दिया गया था। जनवरी 1985 में भोपाल में लोकसभा चुनाव हुए थे। इस चुनाव में भाजपा से लक्ष्मीनारायण शर्मा और कांग्रेस से केएन प्रधान चुनावी मैदान में थे। खास बात यह है कि ये दोनों भोपाल के रहने वाले थे। हालांकि जीत केएन प्रधान को मिली थी।

    2014 में स्थानीय उम्मीदवार पर खेला था दांव

    इसके बाद 2014 में भाजपा ने आलोक संजर को टिकट दिया था। कांग्रेस से पीसी शर्मा ने चुनाव लड़ा। मगर बाजी आलोक संजर ने मारी। अब 10 साल बाद 2024 के चुनावी समर में कांग्रेस और भाजपा ने स्थानीय प्रत्याशी पर दांव खेला है। पिछले 25 साल में पांच चुनाव में तीन बाहरी नेता यहां से सांसद बन चुके हैं।

    कड़ा होगा चुनावी मुकाबला

    भोपाल-सीहोर लोकसभा सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 23 लाख है। भोपाल बटुओं और पटिए के लिए प्रसिद्ध है। भोपाल की पटिए से राजनीति शुरू करने वाले राजनेता राष्ट्रपति तक बन चुके हैं। भोपाल की जनता को इस चुनाव में यह खुशी है कि दोनों ही प्रत्याशी भोपाली हैं। ऐसे में यहां चुनावी मुकाबला कड़ा होगा।

    चुनावी साल विजेता प्रत्याशी राजनीतिक दल
    1984 केएन प्रधान कांग्रेस
    1989 सुशील चंद्र वर्मा भाजपा
    1991 सुशील चंद्र वर्मा भाजपा
    1996 सुशील चंद्र वर्मा भाजपा
    1998 सुशील चंद्र वर्मा भाजपा
    1999 उमा भारती भाजपा
    2004 कैलाश जोशी भाजपा
    2009 कैलाश जोशी भाजपा
    2014 आलोक संजर भाजपा
    2019 प्रज्ञा सिंह ठाकुर भाजपा

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