Lok Sabha Election 2024: तमिलनाडु की राजनीति से फिल्मी सितारों का हो रहा मोहभंग? चुनाव प्रचार से बना रहे दूरी
Lok Sabha Election 2024 तमिलनाडु की राजनीति में फिल्मी सितारों का खास प्रभाव रहा है। बड़े-बड़े सितारे राजनीतिक दलों के लिए कैंपेन भी करते आए हैं साथ ही कई सितारों ने सफल राजनीतिक पारी भी खेली। लेकिन धीरे-धीरे इस ट्रेंड में बदलाव आते गए और सितारों का पॉलिटिक्स से अब मोहभंग होने लगा है। इसके कई कारण बताए जाते हैं। पढ़ें पूरी रिपोर्ट-
चुनाव डेस्क, नई दिल्ली। चुनाव आते ही राजनीति की सरगर्मियां बढ़ जाती हैं। ऐसे में चुनाव प्रचार के लिए नेता ही नहीं बल्कि फिल्मी सितारे भी चुनाव प्रचार में नजर आ जाते हैं। दक्षिण भारत में तमिलनाडु की राजनीति में फिल्मी सितारों की अहम भूमिका रही है।
इस राज्य में कई फिल्मी सितारों ने फिल्मों के बाद राजनीति का दामन थामा और राजनीतिक पारी की शुरुआत भी की। आगे जाकर ऐसे सितारों को सफलता भी मिली। वहीं बड़े-बड़े स्टार्स राजनीतिक पार्टियों के लिए चुनाव प्रचार भी करते आए हैं। हालांकि अब इस ट्रेंड में बदलाव देखा जा रहा है।
चुनाव आयोग ने तमिलनाडु के लिए 684 'स्टार कैंपेनर' की सूची जारी की है, इनमें गिने चुने फिल्मी सितारों के ही नाम हैं। वहीं कई फिल्मी हस्तियां ऐसी हैं, जो अब राजनीति में एंट्री कर चुकी हैं। तमिलनाडु में चुनाव प्रचार की बात की जाए तो चुनावी कैंपेन के लिए कभी फिल्मी सितारों की काफी डिमांड रहा करती थी। वोटरों को लुभाने के लिए कई राजनीतिक पार्टियां इन सितारों का उपयोग प्रचार के लिए करती आई हैं।
साल 2019 में मदुरै से सीपीएम उम्मीदवार के लिए तमिल सिनेमा के कई सितारों ने प्रचार किया था। इनमें रोहिणी मोलेटी, समुथिरकानी, वैयापुरी और निर्देशक कारू पलानीअप्पन जैसे नाम शामिल हैं।
प्रचार के लिए मिलती थी अच्छी धनराशि
वहीं जयललिता के समय में भी स्टार्स उनकी पार्टी एआईडीएमके (अन्नाद्रमुक)के लिए चुनावी कैंपेन किया करते थे। अंग्रेजी समाचार पत्र 'दि टाइम्स ऑफ इंडिया' में प्रकाशित एक रिपोर्ट में अन्नाद्रमुक के एक नेता के हवाले से बताया गया है कि तब पार्टी उन स्टार प्रचारकों को अच्छा-खासा भुगतान करती थी, जो जोरशोर से चुनाव प्रचार किया करते थे।
हालांकि रिपोर्ट में तमिल अभिनेत्री खुशबू जो कि राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य भी हैं, वे कहती हैं 'चुनावी कैंपेन पैसे के लिए नहीं था। कलैगनर और जयललिता जैसे करिश्माई नेता बड़े सितारों को फोन करते थे और कोई भी मना नहीं कर सकता था।"
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'राजनीतिक विवादों से दूर रहना चाहते हैं सितारे'
वहीं अब प्रचार में सितारों की घटती संख्या को लेकर खुशबू कहती हैं कि आज अभिनेता राजनीतिक विवादों से दूर रहना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि वडिवेल और सिमरन को मिली प्रतिक्रिया के बाद अब फिल्मी सितारे रिस्क नहीं लेना चाहते हैं।
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गौरतलब है कि तमिल सिनेमा के हास्य अभिनेता वाडिवेल को विजयकांत के खिलाफ कैंपेन करने के कारण तमिल फिल्म इंडस्ट्री से बहिष्कार का सामना करना पड़ा था। इसी तरह सिमरन को भी 2006 में एआईडीएमके यानी अन्नाद्रमुक के लिए चुनाव प्रचार करने के बाद फिल्मों का ऑफर मिलना मुश्किल हो गया था।
कमल हासन की पार्टी भी मैदान में
वहीं रिपोर्ट में डीएमके के नेताओं का कहना है कि उन्हें अपने प्रचार के लिए फिल्मी सितारों की आवश्यकता नहीं है। डीएमके के नेता कहते हैं कि 'हमारे थलाइवर (स्टालिन) और चिन्नावर (उदयनिधि) ही हमारे सबसे बड़े सितारे हैं।' इसके अलावा कमल हासन जैसे बड़े फिल्मी सितारे की पार्टी भी डीएमके के साथ गठबंधन में चुनावी मैदान में है।
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