Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Sirsa Seat: चौटालाओं के गढ़ में कांग्रेस के दो पूर्व प्रदेश अध्यक्षों में कांटे की टक्कर, पढ़ें सिरसा सीट का पूरा समीकरण

    Updated: Fri, 17 May 2024 06:00 AM (IST)

    Lok Sabha Election 2024 हरियाणा की सिरसा लोकसभा सीट पर इस बार मुकाबला दिलचस्प है। लड़ाई कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके दो प्रत्याशियों में हैं। कांग्रेस से कुमारी सैलजा और भाजपा से अशोक तंवर मैदान में हैं। खास बात यह है कि दोनों ही नेता यहां से पहले भी लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं। पढ़ें सिरसा सीट का पूरा गुणा-गणित...

    Hero Image
    लोकसभा चुनाव 2024: अशोक तंवर और कुमारी सैलजा। (फाइल फोटो)

    अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़। हरियाणा के पश्चिमी क्षेत्र में पंजाब और राजस्थान की सीमा पर सटा सिरसा लोकसभा क्षेत्र एक समय इनेलो प्रमुख एवं पांच बार मुख्यमंत्री रह चुके ओमप्रकाश चौटाला का गढ़ माना जाता था। देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री ताऊ देवीलाल भी सिरसा स्थित चौटाला गांव के रहने वाले थे। सिरसा में राजनीतिक रूप से ताऊ देवीलाल का परिवार अभी भी मौजूद है और उसकी सारी राजनीति यहीं से चलती है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सुनीता दुग्गल ने दिलाई थी जीत

    साल 2019 के लोकसभा चुनाव में पहली बार भाजपा ने सुनीता दुग्गल के रूप में इस सीट पर भगवा झंडा फहरा कर न केवल चौटालाओं का राजनीतिक तिलिस्म कम कर दिया, बल्कि उनके परिवार में पड़ी फूट का जबरदस्त तरीके से फायदा उटाया।

    यह भी पढ़ें: पांचवें चरण में 227 करोड़पति प्रत्याशी, 159 दागी भी मैदान में, यहां देखें अपने राज्य का आंकड़ा

    भाजपा से अशोक तंवर मैदान में

    सिरसा से इनेलो के साथ-साथ कांग्रेस भी चुनाव जीतती रही है। इस बार भाजपा ने सुनीता दुग्गल का टिकट काटकर यहां से हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके डॉ. अशोक तंवर को चुनाव मैदान में उतारा है।

    सिरसा से दो बार सांसद रहीं सैलजा

    कांग्रेस की ओर से पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी दलबीर सिंह की बेटी कुमारी सैलजा चुनावी रण में ताल ठोंक रही हैं। सैलजा सिरसा से दो बार सांसद रह चुकी हैं, जबकि उनके पिता दलबीर सिंह भी लोकसभा में सिरसा का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।

    अशोक ने बदले कई दल

    भाजपा ने जिन डॉ. अशोक तंवर को मोदी के दूत के रूप में चुनाव मैदान में उतारा है, वे पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से अपनी नाराजगी के चलते कांग्रेस छोड़कर पहले तृणमूल कांग्रेस में गए। फिर स्वयं का राजनीतिक संगठन बनाया। उसके बाद कुछ समय तक आम आमी पार्टी की राजनीति की। अब वे भाजपा का झंडा लेकर पूरे सिरसा संसदीय क्षेत्र में मोदी और मनोहर लाल की आवाज बने हैं।

    जेजेपी से रमेश खटक मैदान में

    सिरसा सुरक्षित लोकसभा क्षेत्र है। भाजपा के डॉ. अशोक तंवर और कांग्रेस की सैलजा के बीच एक चीज कामन है और वह ये कि दोनों अलग-अलग समय हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके है। दोनों की अनुसूचित जाति के वोटों में जबरदस्त पकड़ है। इनेलो ने सिरसा से संदीप लोट और जेजेपी ने पूर्व विधायक रमेश खटक को चुनाव मैदान में उतारा है। इस संसदीय क्षेत्र में रमेश खटक और संदीप लोट दोनों का कोई जनाधार नहीं है।

    क्या भाजपा ने इस वजह से रणजीत को उतारा?

    चौटाला परिवार में आपसी फूट और उनके अलग-अलग रास्तों ने इस संसदीय क्षेत्र में उनके राजनीतिक अस्तित्व पर सवाल खड़े कर दिए हैं। ताऊ देवीलाल के छोटे बेटे रणजीत सिंह चौटाला को भाजपा ने इस मंशा से हिसार लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है, ताकि हिसार के साथ-साथ सिरसा में भी भाजपा को राजनीतिक फायदा मिल सके।

    सैलजा के साथ नहीं हुड्डा खेमा

    भाजपा को पीएम मोदी की लोकप्रियता और राज्य सरकार की ओर से किए गए कामों का भरोसा है। सैलजा की ताकत उनका स्वयं का जनाधार है। सैलजा के लिए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा खेमा बिल्कुल मेहनत नहीं कर रहा है, लेकिन एसआरके गुट यानी सैलजा के साथ रणदीप सुरजेवाला, किरण चौधरी, भिवानी से टिकट कटने का दंश झेल रही पूर्व सांसद श्रुति चौधरी और पूर्व केंद्रीय मत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह उनके लिए जी-तोड़ मेहनत कर रहे हैं।

    अभय चौटाला का कुरुक्षेत्र पर फोकस

    इनेलो प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला अब काफी बुजुर्ग हो चुके हैं। उनके राजनीतिक उत्तराधिकारी ऐलनाबाद के विधायक अभय सिंह चौटाला है, जो स्वयं कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से भाजपा के नवीन जिंदल के सामने चुनाव लड़ रहे हैं। अभय सिंह का चौटाला का पूरा फोकस अपनी लोकसभा सीट पर बना है। उनका सिरसा की तरफ कोई ध्यान नहीं है। कभी-कभी अभय सिंह हिसार में अपने चाचा रणजीत सिंह चौटाला के सामने चुनाव लड़ रहीं सुनैना चौटाला के लिए प्रचार करने जाते हैं।

    अभी डेरों ने नहीं खोले पत्ते

    पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला की भी सिरसा में खास सक्रियता नहीं है। उनकी मां हिसार में जजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं। इसलिए सिरसा में चौटाला परिवार की राजनीतिक गतिविधियां खास नहीं रह गई हैं, जिसका फायदा भाजपा व कांग्रेस दोनों उठानी की फिराक में हैं। सिरसा में डेरा सच्चा सौदा और डेरा भूमण शाह दो ऐसी ताकतें हैं, जिनका आशीर्वाद जिसे मिल जाए, वह राजनीतिक रूप से तर जाता है, मगर अभी तक इन दोनों डेरों ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं।

    यह है सिरसा का जातीय समीकरण

    पंजाबी एवं बागड़ी वोट बैंक पर सिरसा संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस व भाजपा का पूरा जोर है। डेरा सच्चा सौदा जिसके साथ होगा, उसे चुनाव में फायदा मिल सकता है। सिरसा में पंजाबी व जाट मतदाता निर्णायक साबित होंगे। 8.13 लाख वंचित वर्ग के मतदाताओं वाली सिरसा सीट पर जाट मतदाताओं की संख्या 3 लाख 60 हजार है।

    जट सिख करीब 2 लाख हैं, जबकि पंजाबी समुदाय में खत्री, अरोड़ा और मेहता वोटों की संख्या करीब 2 लाख है। वैश्य मतदाता एक लाख और कंबोज 90 हजार तो ब्राह्मण 65 हजार भी किसी चुनाव का रुख बदल सकते हैं।

    पिछड़ा वर्ग के अंतर्गत आने वाले सैनी, कुम्हार, अहीर, गुर्जर, खाती और सुनार मतदाताओं की संख्या डेढ़ लाख के आसपास है। कुमारी सैलजा के पिता चौधरी दलबीर सिंह चार बार तो कुमारी सैलजा दो बार सांसद रही हैं, जबकि अशोक तंवर को छात्र राजनीति से लेकर लोकसभा की राजनीति तक का पूरा अनुभव हासिल है।

    चौटालाओं के गढ़ में मोदी के काम की चर्चा

    सिरसा संसदीय क्षेत्र में चौटाला गांव और तेजाखेड़ा गांव के बीच में भारत माला प्रोजेक्ट के तहत एक्सप्रेस वे बनकर तैयार हो चुका है। इसमें डबवाली के नौ गाांव शामिल हैं। एक्सप्रेस वे डबवाली से राजस्थान सीमा को होता हुआ पंजाब तक करीब 50 किलोमीटर है। यह एक्सप्रेस वे अमृतसर से गुजरात जामनगर तक है।

    इस एक्सप्रेस वे के बनने से अमृतसर से जामनगर की दूरी 1430 किलोमीटर से घटकर 1240 किलोमीर रह गई है। इस वजह से सिरसा संसदीय क्षेत्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकास के काम की गूंज है। ताऊ देवीलाल और ओमप्रकाश चौटाला के गांव चौटाला में मोदी के नाम की चर्चा है। वहां सिर्फ एक ही बात हो रही है कि मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनना चाहिए।

    यह भी पढ़ें: आठ राज्‍यों की 49 सीटों पर पांचवें चरण में वोटिंग; क्‍या 20 मई को आपके यहां भी है मतदान? देखें सूची

    comedy show banner
    comedy show banner