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    Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव से पहले BJP के लिए सिरदर्द बनी यह चुनौती, सांसद और विधायकों से है सीधा संबंध

    By Jagran NewsEdited By: Narender Sanwariya
    Updated: Fri, 08 Dec 2023 06:00 AM (IST)

    पिछले दिनों चांदनी चौक संसदीय क्षेत्र में बिजली पानी को लेकर जनता अदालत लगाने के साथ ही कई कार्यक्रम आयोजित कर चुके हैं जिससे भाजपा पदाधिकारी दूर रहे। भाजपा नेताओं का कहना है कि गुटबाजी पर अंकुश नहीं लगा तो पार्टी को नुकसान होगा। दिल्ली सरकार के विरोध में प्रदर्शन में तो अच्छी संख्या जुटा ली जाती है लेकिन कार्यकर्ता जनता के बीच नहीं पहुंच रहे हैं।

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    Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव से पहले BJP के लिए सिरदर्द बनी यह चुनौती

    संतोष कुमार सिंह, नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटी भाजपा के सामने बूथ प्रबंधन को मजबूत करने के साथ ही गुटबाजी रोकने की चुनौती है। चुनाव में कुछ माह शेष रह गए हैं, लेकिन पार्टी में गुटबाजी की समस्या बनी हुई है। पद पाने से वंचित रहे गए कई नेता संगठन से नाराज हैं। सांसद और विधायकों के बीच मतभेद दूर करना भी पार्टी के सामने बड़ी चुनौती है। समय रहते ही पार्टी को एकजुट नहीं किया गया तो चुनाव की तैयारी पर असर पड़ेगा।

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    नेताओं में आम सहमति की दिक्कत

    नेताओं में आम सहमति नहीं बनने के कारण दिल्ली भाजपा के मोर्चों की टीम का गठन नहीं हो सका है। इनके अध्यक्षों की घोषणा लगभग चार माह पहले हो गई थी, लेकिन अब तक उनकी टीम नहीं बनी है। जिलों की टीम भी अध्यक्ष बनने के लगभग तीन माह बाद बनी थी। पिछले माह जिलों की टीम बनने के बाद ही असंतोष सामने आने लगे थे। नई दिल्ली में मनचाहा पद नहीं मिलने के कारण उपाध्यक्ष संदीप सैनी व प्रवक्ता मनीष अग्रवाल ने इंटरनेट मीडिया पर नाराजगी जताते हुए त्यागपत्र देने की घोषणा कर दी थी।

    गुटबाजी के साथ मतभेद

    नवीन शाहदरा जिले में नाराज नेताओं व कार्यकर्ताओं ने पूर्व जिला अध्यक्ष दर्शन सिंह के नेतृत्व में 'भाजपा कार्यकर्ता महासंघ' बना लिया है। महरौली व केशवपुरम जिला में भी कई नेता संगठन से नाराज बताए जाते हैं। जिला स्तर पर गुटबाजी के साथ ही जन प्रतिनिधियों के बीच मतभेद की खबरें सामने आती रहती है। पूर्वी दिल्ली के सांसद गौतम गंभीर का विधायक ओपी शर्मा व अनिल बाजपेई के साथ विवाद चर्चा में रही है। अभी भी इनके रिश्ते अच्छे नहीं हैं।

    टिकट की लड़ाई के कारण भी गुटबाजी

    गंभीर का संगठन के साथ भी तालमेल सही नहीं बताया जाता है। इसी तरह से उत्तर पश्चिमी दिल्ली के सांसद हंसराज हंस का संगठन के साथ दूरी बनी हुई है। कई संसदीय क्षेत्रों में टिकट की लड़ाई के कारण भी गुटबाजी को बढ़ावा मिल रहा है। पूर्व केंद्रीय मंत्री विजय गोयल प्रदेश व जिला संगठन से अलग अपने कार्यक्रम आयोजित करते हैं।

    गुटबाजी पर अंकुश नहीं

    पिछले दिनों चांदनी चौक संसदीय क्षेत्र में बिजली, पानी को लेकर जनता अदालत लगाने के साथ ही कई कार्यक्रम आयोजित कर चुके हैं जिससे भाजपा पदाधिकारी दूर रहे। भाजपा नेताओं का कहना है कि गुटबाजी पर अंकुश नहीं लगा तो पार्टी को नुकसान होगा। दिल्ली सरकार के विरोध में प्रदर्शन में तो अच्छी संख्या जुटा ली जाती है, लेकिन कार्यकर्ता जनता के बीच नहीं पहुंच रहे हैं। इसका बड़ा कारण नेताओं के बीच आपसी लड़ाई है।

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