Lok Sabha Election 2019: ये हैं वो बड़े चेहरे, जिनकी किस्मत आज EVM में हो रही कैद
Lok Sabha Election 2019 दूसरे चरण के मतदान में कई ऐसे बड़े चेहरे हैं जिनके लिए जीत के साथ पार्टी के किले को बचाने की भी चुनौती है। इनमें बड़े नेता और मशहूर अभिनेता तक शामिल हैं।
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Election 2019) के दूसरे चरण का मतदान आज शुरू हो चुका है। पहले चरण के मतदान के बाद दूसरे चरण के लिए पार्टियों ने पूरी जान फूंक दी थी। दूसरा चरण इसलिए भी काफी महत्वपूर्ण हो चुका है, क्योंकि इससे ठीक पहले चुनाव आयोग ने चार प्रमुख नेताओं के प्रचार पर रोक लगा दी थी। इस चरण में राजनीतिक पार्टियों के ऐसे किले भी हैं, जिन्हें बचाए रखना उनके लिए साख का सवाल है। आइये जानते हैं, दूसरे चरण के उन बड़े उम्मीदवारों के बारे में जिनकी राजनीतिक किश्मत आज EVM में कैद होने वाली है।
हेमा मालिनी - प्रसिद्ध अभिनेत्री और नृत्यांगना हेमा मालिनी बालीवुड की उन गिनी, चुनी अभिनेत्रियों में शामिल हैं, जिनमें सौंदर्य और अभिनय का अनूठा संगम देखने को मिलता है। करियर की शुरुआत राज कपूर के साथ फ़िल्म सपनों का सौदागर से की। 1981 में इन्होंने अभिनेता धर्मेन्द्र से विवाह किया। ये अब भी फ़िल्मों में सक्रिय हैं। ये भारतीय जनता पार्टी के सहयोग से राज्यसभा की सांसद चुनी गईं हैं। हेमा मालिनी वर्तमान में मथुरा (उत्तर प्रदेश) से लोकसभा की सांसद हैं। आज उनकी राजनीतिक किस्मत ईवीएम में कैद होगी।
राज बब्बर - उत्तर प्रदेश के टुंडला में 23 जून 1952 को जन्में राज बब्बर ने हिन्दी और पंजाबी फिल्मों में सफल अभिनेता के तौर पर काफी लोकप्रियता हासिल की। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर, फतेहपुर सीकरी क्षेत्र से चुनाव मैदान में हैं। उन्हें पहले मुरादाबाद से उम्मीदवार घोषित किया गया था। इस सीट पर भाजपा के राजकुमार चाहर, बसपा के श्रीभगवान शर्मा उर्फ गुड्डू पंडित और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के मनीषा सिंह समेत कुल 15 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। इनमें 6 निर्दलीय हैं। इस सीट पर अब तक दो बार लोकसभा चुनाव हुआ है। 2009 में बसपा और 2014 में भजापा के चौधरी बाबूलाल ने यहां जीत दर्ज की थी।
तरिक अनवर - तारिक अनवर का जन्म 16 जनवरी 1951 को बिहार के पटना में हुआ था। तरिक अनवर वर्तमान में कटिहार, बिहार लोकसभा सीट से सांसद हैं। वह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव भी हैं। तारिक, पूर्व में महाराष्ट्र का प्रतिनिधित्व करने वाले राज्यसभा के सदस्य भी रह चुके हैं। वह कटिहार निर्वाचन क्षेत्र से कई बार लोकसभा के लिए चुने गए हैं। अनवर कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सीताराम केसरी के बेहद करीबी माने जाते हैं।
फारूक अब्दुल्ला - जम्मू-कश्मीर की सियासत के खास चेहरों में शुमार फारूक अब्दुल्ला पहली बार 7वीं लोकसभा (1980-1982) में चुनकर संसद पहुंचे थे। वह कश्मीर के एक प्रमुख राजनीतिक परिवार से हैं। वह शेख अब्दुल्ला के पुत्र और उमर अब्दुल्ला के पिता हैं। नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष अब्दुल्ला, तीन बार जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री रहे हैं। इन्होंने हमेशा ही कश्मीर के विशेषाधिकार और संविधान के खिलाफ उठने वालों आवाजों की पुरजोर आलोचना की। कई बार कश्मीर और पाकिस्तान को लेकर अपने विवावादस्पद बयानों की वजह से ये सुर्खियों में रहे।
जितेंद्र सिंह - 06 नवम्बर 1956 को जन्में जितेंद्र सिंह, 16वीं लोकसभा में सांसद हैं। 2014 के चुनावों में वे जम्मू और कश्मीर की उधमपुर लोकसभा सीट से भाजपा के टिकट पर सांसद चुने गये थे। वह केंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं और पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य भी हैं। पार्टी की तरफ से वह जम्मू कश्मीर के लिये मुख्य प्रवक्ता रहे हैं। उन्होंने आठ पुस्तकों की रचना की तथा कई समाचार पत्रों में स्तम्भ लेखन भी करते रहे हैं। वह राष्त्रीय महुमेह समिति के भूतपूर्व अध्यक्ष भी है।
प्रीतम मुंडे - भाजपा सांसद प्रीतम मुंडे ने बीड लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र से उपचुनाव जीता था। वह महाराष्ट्र में भाजपा के कद्दावर नेता रहे स्वर्गीय गोपीनाथ मुंडे की बेटी हैं। मुंडे के निधन से खाली हुई बीड लोकसभा सीट के उपचुनाव में प्रीतम मुंडे ने इतिहास रच दिया था। प्रीतम को 9,22,416 मत मिले। उन्होंने पूर्व मंत्री व कांग्रेस उम्मीदवार अशोक पाटिल को 6,96,321 मतों से पराजित किया था। प्रीतम के लिए न केवल ये सीट जीतना, बल्कि पूर्व के प्रदर्शन को दोहराने की भी चुनौती है।
सुशील कुमार शिंदे - भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार शिंदे पूर्व में केंद्र सरकार में गृह मंत्री रह चुके हैं। वह महाराष्ट्र में पार्टी का प्रमुख चेहरा है। 15वीं लोकसभा चुनाव में उन्होंने महाराष्ट्र से जीत हासिल की थी। वे पूर्व में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और आन्ध्र प्रदेश के राज्यपाल भी रह चुके हैं। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की सरकार में केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री भी रह चुके हैं।