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लोकसभा चुनाव: बिहार में यहां ताल ठोकेंगी बाहुबलियों की बीवियां, सीवान में होंगी आंमने-सामने

इस बार बिहार में कुछ सीटो पर रोचक मुकाबला देखने को मिलेगा। इन सीटों पर बाहुबलियों की बीवियां अपना किस्मत आजमाएंगी। सिवान में शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब के सामने होंगी कविता सिंह

By Kajal KumariEdited By: Published: Sat, 30 Mar 2019 10:03 AM (IST)Updated: Sat, 30 Mar 2019 04:48 PM (IST)
लोकसभा चुनाव: बिहार में यहां ताल ठोकेंगी बाहुबलियों की बीवियां, सीवान में होंगी आंमने-सामने

 पटना [रमण शुक्ला]। सिवान के मैदान में दो बाहुबलियों की पत्नियां आमने-सामने हो गई हैं। जदयू की ओर से कविता सिंह के बाद राजद द्वारा हिना शहाब की उम्मीदवारी का एलान करते ही चुनावी फिजा सरगर्म हो गई है। 

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शुक्रवार को पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने महागठबंधन के उम्मीदवारों की घोषणा की।

 हिना शहाब के बाबत तो वैसे पहले से ही कयास था, लेकिन नाम के एलान के बाद जाहिर हो गया कि राजद सिवान में शहाबुद्दीन की विरासत को ही आगे बढ़ाना चाहता है। बिहार के चुनावी मैदान में बाहुबलियों की जोर आजमाइश का सिलसिला इस बार भी नहीं थमा। सिवान के अलावा कुछ और सीटें भी हैं, जहां दबंगों की बीबियां ताल ठोक रही हैं।

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 हिना सिवान से चार बार सांसद रह चुके शहाबदुद्दीन की पत्नी हैं। शहाबुद्दीन अभी जेल में हैं। कविता दरौंदा से विधायक हैं और उनके पति अजय सिंह बाहुबली। इलाके में अजय की छवि कट्टर हिंदूवादी नेता की है। चर्चित तेजाब कांड में सजायाफ्ता होने के बाद पिछली बार शहाबुद्दीन ने हिना को मैदान में उतारा था।

 भाजपा के ओम प्रकाश यादव ने उन्हें करारी शिकस्त दी थी। तब जदयू अकेले मैदान में था। इस बार राजग में सीटों का बंटवारा हुआ सिवान जदयू के खाते में चला गया। 

 सिवान में आजादी के बाद पहली बार ऐसा मुकाबला होगा, जब दो महिलाएं आमने-सामने होंगी। हिना लगातार तीसरी बार यहां से चुनाव लड़ रही हैं, लेकिन हर बार मुकाबले में पुरुष उम्मीदवार रहे। ओमप्रकाश यादव उन्हें दो बार पटखनी दे चुके हैं। सिवान में छठे चरण के तहत 12 मई को मतदान होगा। नतीजे आने तक सबकी उत्सुकता बनी रहेगी। 

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 पितृपक्ष में शादी कर चर्चा में आई थीं कविता

अजय सिंह की मां जगमातो देवी दरौंदा से विधायक थीं। सन् 2011 में उनका देहांत हो गया। उसके बाद पितृपक्ष में उप चुनाव की घोषणा हुई। हत्यारोपित अजय खुद चुनाव नहीं लड़ सकते थे, लिहाजा उन्होंने पितृपक्ष में ही कविता सिंह ने शादी रचा ली।

 उसके बाद नई-नवेली दुल्हन कविता को चुनाव मैदान में उतार दिया। पहले मुकाबले में ही कविता विधायक बन गईं। इस बार लोकसभा जाने की मंशा लेकर चुनाव मैदान में उतर आई है। दिलचस्प यह कि इस बार उनकी उम्मीदवारी की घोषणा खरमास में हुई है। 

 कहां-कहां बाहुबलियों की पत्नियां

सिवान के अलावा शिवहर सीट पर भाजपा से रमा देवी एक बार फिर मैदान में हैं। वे अपने जमाने के बाहुबली रहे बृजबिहारी प्रसाद की विधवा हैं। नाबालिग से दुष्कर्म में सजा भुगत रहे राजबल्लभ यादव की पत्नी विभा देवी को राजद ने नवादा से प्रत्याशी बनाया है।

 राजबल्लभ राजद से विधायक था। जेल जाने के बाद उसकी सदस्यता स्वत: समाप्त हो गई। मुंगेर से अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी को कांग्रेस ने टिकट थमा दिया है। मधेपुरा सांसद पप्पू यादव की पहचान भी बाहुबली की है। उनकी पत्नी रंजीत रंजन कांग्रेस के टिकट पर सुपौल से फिर मैदान में हैं। पिछला चुनाव भी उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर ही जीता था।

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