Move to Jagran APP

भारतीय चुनाव में पाकिस्तानी तड़का, जानें इमरान खान ने चुनाव से पहले क्‍यों किया मोदी का जिक्र

इमरान खान का यह बयान अगर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोबारा चुनाव जीतकर आते हैं तो भारत-पाकिस्तान के बीच वार्ता की ज्यादा संभावना है से चुनाव में दिलचस्पी और बढ़ गई है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Wed, 10 Apr 2019 10:01 PM (IST)Updated: Wed, 10 Apr 2019 10:01 PM (IST)
भारतीय चुनाव में पाकिस्तानी तड़का, जानें इमरान खान ने चुनाव से पहले क्‍यों किया मोदी का जिक्र
भारतीय चुनाव में पाकिस्तानी तड़का, जानें इमरान खान ने चुनाव से पहले क्‍यों किया मोदी का जिक्र

नई दिल्ली [ जयप्रकाश रंजन]। पाकिस्तान के चुनाव में भारत का मुद्दा बनना कोई आश्चर्य की बात नहीं है, लेकिन भारत के आम चुनाव-2019 में पाकिस्तान का नाम बार-बार विभिन्न राजनीतिक दलों की तरफ से जिस तरह से उठाया जा रहा है वह निश्चित तौर पर रोचक हो गया है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान का यह बयान, 'अगर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोबारा चुनाव जीतकर आते हैं तो भारत-पाकिस्तान के बीच वार्ता की ज्यादा संभावना है' से दिलचस्पी और बढ़ गई है।

loksabha election banner

मोदी ने आतंकवादियों को दिया है साफ संदेश
यह अटकल भी लगाई जाने लगी है कि आखिर नरेंद्र मोदी सरकार के दौरान बालाकोट का झटका खा चुके इमरान ने ऐसा बयान क्यों दिया है। वह भी तब जबकि मोदी साफ कह चुके हैं कि पाकिस्तान आतंकी को पनाह देगा तो भारत घर में घुसकर मारेगा। इमरान खान का यह बयान तब आया है जब देश में गुरुवार को पहले चरण का मतदान होने जा रहा है। तमाम चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों में भाजपा के सत्ता में लौटने की संभावना जताई गई है।

शांति की पहल का देना चाहते हैं संदेश
माना जा रहा है कि तार-तार हो गई छवि को दुरुस्त करने में जुटे इमरान अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह संदेश देना चाहते हैं कि वह किसी के विरोधी नहीं हैं, बल्कि ईमानदारी से शांति की पहल करना चाहते हैं। शायद उन्हें मोदी में फिलहाल ऐसे शक्तिशाली नेता की छवि दिख रही है जो भारत में पहल कर सकते हैं।

पाक परोक्ष तौर पर बन ही जाता है मुद्दा
चुनावी माहौल में इमरान के बयान ने विपक्षी दलों को मौका दे दिया है। 2014 के आम चुनाव में भी तत्कालीन विपक्षी पार्टी भाजपा ने संप्रग की पाकिस्तान संबंधी नीतियों को बेहद कमजोर बताते हुए चुनावों में इसे खूब उठाया था। उसके बाद बिहार, उत्तर प्रदेश और गुजरात के विधानसभा चुनावों में भी पाकिस्तान कई बार सुर्खियों में रहा। अगर पाकिस्तान की बात करें तो पूर्व में जब भी वहां चुनाव हुए तब कश्मीर और भारत दोनों अहम मुद्दे रहे।

नवाज शरीफ ने कहा था भारत कोई मुद्दा नहीं 
संभवत: 2013 का पाकिस्तान में हुआ चुनाव एक अपवाद था। उस चुनाव में जीत हासिल करने के बाद पाकिस्तान पीपुल्स लीग के नेता और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कहा था, 'मैं गर्व से कह सकता हूं कि इस बार चुनाव में भारत कोई मुद्दा नहीं था।' लेकिन 2018 के चुनाव में भारत एक बार फिर अहम मुद्दा था। हर बड़े राजनीतिक दल ने अपने घोषणापत्रों में कश्मीर का राग खूब अलापा। हालांकि यह भी एक सच्चाई है कि अंतरराष्ट्रीय आतंकी हाफिज सईद की राजनीतिक पार्टी 'मिली मुस्लिम लीग' वहां एक भी सीट जीतने में कामयाब नहीं हो सकी। यह राजनीतिक पार्टी कश्मीर मुद्दे और भारत विरोध पर ही प्रमुख तौर पर अपना चुनाव लड़ती है।

सार्क को शुरू करने की बात
जहां तक भारतीय राजनीतिक दलों की बात करें तो कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में पाकिस्तान का जिक्र जरूर किया है, लेकिन भाजपा ने उसका सीधे जिक्र नहीं किया सिर्फ संकेत दिया है। कांग्रेस ने पाकिस्तान की सदस्यता वाले सार्क को फिर से शुरू करने की बात कही है। जबकि भाजपा ने सार्क की जगह बिम्सटेक को बढ़ावा देने की बात कही है जिसमें पाकिस्तान नहीं है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.