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Lok Sabha Election 2019 : प्रतापगढ़ में पहली बार 1998 में खिला था कमल

प्रतापगढ़ संसदीय सीट पर रिकार्ड रहा है कि भाजपा के स्थानीय प्रत्याशियों को कामयाबी कभी नहीं मिली। पहली जीत भाजपा को 1998 में मिली थी। डॉ. राम विलास वेदांती प्रत्‍याशी थे।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Tue, 16 Apr 2019 09:09 PM (IST)Updated: Wed, 17 Apr 2019 10:11 AM (IST)
Lok Sabha Election 2019 : प्रतापगढ़ में पहली बार 1998 में खिला था कमल
Lok Sabha Election 2019 : प्रतापगढ़ में पहली बार 1998 में खिला था कमल

प्रयागराज : लोक सभा चुनाव की बात करें तो प्रतापगढ़ की संसदीय सीट पर वर्ष 1998 में  पहली बार कमल खिला था, यानी भाजपा की जीत हुई थी। उस वर्ष राम जन्मभूमि न्यास से जुड़े डॉ. राम विलास वेदांती ने कांग्रेस की प्रत्याशी राजकुमारी रत्ना सिंह को शिकस्त दी थी। एक बात और दिलचस्प है कि भाजपा की ओर से प्रतापगढ़ में किसी स्थानीय प्रत्याशी को भाजपा की तरफ से अब तक कामयाबी नहीं मिल सकी है। गौरतलब है कि 1991 में पंडित उदयराज मिश्र ने राजा अभय प्रताप सिंह को कड़ी टक्कर तो दी थी, लेकिन मतगणना के आखिरी दौर में शिकस्त खा गए थे।

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 डॉ. वेदांती ने कांग्रेस प्रत्याशी राजकुमारी रत्ना को हराया था
वर्ष 1980 में भाजपा अस्तित्व में आई। इसके बाद लोकसभा के नौ चुनाव हुए, पर भाजपा ने प्रतापगढ़ सीट पर वर्ष 1991 के चुनाव से प्रत्याशियों को उतारना शुरू किया। सात चुनावों में पहली बार यहां कमल 1998 के चुनाव में खिला था। तब भाजपा प्रत्याशी डॉ. राम विलास वेदांती ने भारी मतों के अंतर से जीत दर्ज की थी। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी रहीं तत्कालीन सांसद राजकुमारी रत्ना सिंह को 68 हजार 460 मतों से हराया था। इसके बाद से भाजपा यहां कभी सफल नहीं हो सकी। यह बात दीगर है कि वर्ष 2014 चुनाव में भाजपा-अपना दल गठबंधन के प्रत्याशी कुंवर हरिवंश सिंह निर्वाचित हुए थे। 

 2004 और 2009 में भाजपा की हालत अच्छी नहीं थी
चुनावी इतिहास देखें तो यहां अभी तक कोई स्थानीय प्रत्याशी भाजपा के लिए कमल नहीं खिला सका। पहली बार वर्ष 1991 में चुनाव लड़े पंडित उदयराज मिश्र ने जनता दल प्रत्याशी राजा अभय प्रताप सिंह को कड़ी टक्कर दी थी। वह 3696 मतों से चुनाव हार गए थे। इसके बाद वर्ष 1999 में भाजपा से राजा अभय प्रताप सिंह और कांग्रेस प्रत्याशी राजकुमारी रत्ना सिंह में कड़ी टक्कर हुई थी। राजा अभय 6003 मतों से पराजित हो गए थे। वर्ष 2004 और 2009 में भाजपा की हालत काफी पतली हुई थी। भाजपा प्रत्याशी पांचवें स्थान पर रहे थे। वैसे यह तथ्य भी उल्लेखनीय है कि भाजपा की स्थापना से पहले वर्ष 1962 में जनसंघ का यहां खाता खुला था। जनसंघ के प्रत्याशी राजा अजीत प्रताप ङ्क्षसह तब निर्वाचित हुए थे। 

भाजपा प्रत्याशियों का प्रदर्शन  
वर्ष              प्रत्‍याशी                     स्थान   

1991         उदयराज मिश्र                दूसरा स्थान

1996         उदयराज मिश्र                दूसरा स्थान 

1998         राम विलास वेदांती           निर्वाचित

1999         राजा अभय प्रताप सिंह      दूसरा स्थान

2004         रमाशंकर सिंह                पांचवा स्थान

2009         लक्ष्मी नारायण पांडेय       पांचवा स्थान

चुनाव की विस्तृत जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें


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