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LokSabha Elections 2019 : नेपाली मूल के मतदाता तय करेंगे यहां के प्रत्‍याशियों का भाग्‍य

भारत के लोकसभा चुनाव में सीमाई क्षेत्रों में नेपाल के लोग भी महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। नेपाल के बहुत से लोग महराजगंज सिद्धार्थनगर और गोरखपुर में रहते हैं।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Tue, 02 Apr 2019 10:29 AM (IST)Updated: Sun, 07 Apr 2019 03:22 PM (IST)
LokSabha Elections 2019 : नेपाली मूल के मतदाता तय करेंगे यहां के प्रत्‍याशियों का भाग्‍य
LokSabha Elections 2019 : नेपाली मूल के मतदाता तय करेंगे यहां के प्रत्‍याशियों का भाग्‍य

गोरखपुर, जेएनएन। भारत के लोकसभा चुनाव में सीमाई क्षेत्रों में नेपाल के लोग भी महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। नेपाल के बहुत से लोग महराजगंज, सिद्धार्थनगर और गोरखपुर में रहते हैं। भारत के नागरिक बन चुके इन लोगों का नेपाल में भी व्‍यवसाय है और इनका परिवार भी नेपाल में रहता है। ऐसे लोगों को अपनी तरफ खींचने के लिए प्रत्‍याशी नेपाल का चक्‍कर लगा रहे हैं। नेपाल से सटे जिलों के लोगों का नेपाल से 'रोटी और बेटी का संबंध' होता है।

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लोकसभा का चुनाव हो या विधानसभा का, यहां तक कि पंचायत चुनाव में भी दोहरी नागरिकता वाले अहम भूमिका निभाते हैं। विदेश में रहकर भारत में होने वाले चुनाव में मतदान को प्रभावित करते हैं। अपने पक्ष में वोट लेने के लिए कुछ लोगों ने अपने करीबी के जरिये मित्र देश में मौजूद वोटरों से संपर्क करना शुरू कर दिया है। प्रत्याशी भी चुनाव के दौरान संपर्क में रहते हैं। पड़ोसी मुल्क नेपाल में तमाम भारतीय ऐसे हैं, जो चुनाव में भारत आकर मत डालते हैं। सिद्धार्थनगर जिले के हजारों लोग हैं, जो नेपाल में रहते हैं।

नेपाल के साथ भारतीय नागरिकता का प्रमाण रहता है, जो मतदान के दिन पहचान में काम आता है। मतदान से एक दिन पूर्व ही यहां आ जाते हैं। दोहरी नागरिकता का भरपूर लाभ लेते हैं। ऐसे भी हैं जो नेपाल में रहते हुए भारतीय आधार कार्ड भी बनवा चुके हैं। प्रत्याशी भी किसी न किसी के जरिये नेपाल में रह रहे मतदाताओं को अपने पक्ष में करने का प्रयास करते हैं। मतदान से एक दिन पहले इनके आने-जाने की व्यवस्था तक की जाती है।

मतदाताओं व कर्मियों की सेहत का ख्याल रखेगा स्वास्थ्य विभाग

सिद्धार्थनगर। बूथ पर यदि अचानक आपकी तबीयत खराब हुई तो मौके पर ही आपका प्राथमिक उपचार होगा। स्वास्थ्य विभाग ने मतदान कर्मियों के साथ मतदाताओं की सेहत का ख्याल रखने के लिए 2248 बूथों पर आशा वालेंटियर तैनात करने का निर्णय लिया है। उनके पास कई रोगों की दवा उपलब्ध होगी। किट में बुखार, गैस, पेट दर्द, उल्टी, दस्त, एंटीबायोटिक्स के साथ जीवन रक्षक घोल आदि मौजूद रहेगा। पीठासीन अधिकारी के पास सरकारी कर्मियों के लिए अलग से दवा रहेगी। जिले में 308 आशाओं को रिजर्व रखा जाएगा। लोस चुनाव में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए शासन ने कवायद शुरू कर दी है। गर्मी के मौसम में होने वाले चुनाव को देखते हुए सेहत को दुरुस्त रखने के लिए जरूरी दवाओं को भी बूथों पर उपलब्ध कराने का फैसला किया है। वोटर को जरा भी स्वास्थ्य संबंधित दिक्कत होगी तो मौके पर ही जरूरी दवाएं दी जाएंगी। यदि सेहत नहीं सुधरी तो कुछ ही पल में ही मौके पर एम्बुलेंस पहुंचेगी। वह बीमार वोटर को अस्पताल पहुंचाएगी।

चार एम्बुलेंस रहेंगे अलर्ट

जिले में वोटर की हालत गंभीर होने पर उन्हे लाइन सपोर्ट सिस्टम से लैस एम्बुलेंस मौके पर जाएगी। जरूरत होने पर उन्हे जीवन रक्षक प्रणाली पर रखते हुए अस्पताल तक ले जाएगी। जिले में मौजूद चारों एम्बुलेंस में हर पल स्टाफ मुस्तैद रहेंगे।

होमगार्डो के पास रहेगा दवाओं का किट

गैर जनपद ड्यूटी पर जाने वाले होमगार्डों के पास भी दवाओं का किट रहेगा। उन्हें विभाग की ओर से 28 किट दिए जाएंगे। किट में जरूरी दवा मौजूद रहेगी।

आशाओं के पास मौजूद रहेंगी यह दवाएं

बूथ पर आशाओं के पास पैरासीटामाल, सिप्रोफ्लाक्सिन,रेनिटीडीन,मेफेनामिक एसिड, मेट्रोनीडाजोल, एंटीबायोटिक क्रीम, गिलप्स, एंटी  सेप्टिक लोशन, बैंडेज रोल आदि जरूरी सामान उपलब्ध होगा।


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