लोकसभा चुनाव 2019: चुनाव को धरातल तैयार, धड़ेबाजी पर फिलहाल लगाम
परिवर्तन रैली के दौरान कांग्रेस के सभी नेताओं ने मंच पर भी एकजुटता का संदेश देने की पूरी कोशिश की।
देहरादून, केदार दत्त। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की देहरादून के परेड मैदान में हुई परिवर्तन रैली राज्य में कांग्रेस को कुछ सुकून देने वाली रही। भीड़ के लिहाज से भी और पार्टी नेताओं की धड़ेबाजी को थामने के हिसाब से भी। रैली में राज्यभर से कार्यकर्ताओं के साथ ही तीसरी और चौथी पांत के नेता भी जुटे। मंच पर भी सभी ने एकजुटता का संदेश देने का प्रयास किया। वहीं, रैली के जरिये राहुल गांधी ने न केवल चुनावी शंखनाद किया, बल्कि वह लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के लिए धरातल भी तैयार कर गए। अब इस पर जीत की इमारत खड़ी करने का जिम्मा प्रदेश संगठन पर है।
राहुल गांधी की इस बहुप्रतीक्षित परिवर्तन रैली को लेकर उत्साहित कांग्रेस कार्यकर्ता लंबे समय से तैयारियों में जुटे थे। ब्लाक से लेकर जिला स्तर तक पदाधिकारियों को इसका जिम्मा सौंपा गया था। हालांकि, धड़ेबाजी से जूझ रही कांग्रेस को लेकर आशंका के बादल भी कम नहीं थे, लेकिन रैली के दौरान इस पर कुछ हद तक लगाम लगती दिखी। अपने संबोधन के दौरान राज्य में पार्टी के बड़े नेताओं ने न केवल एक दूसरे का स्वागत किया, बल्कि उनके कार्यों को सराहा भी। यही नहीं, वे एकजुटता का संदेश देने में भी कामयाब रहे। ये बात अलग है कि आने वाले दिनों में यह कितना असर कर पाती है।
दूसरी ओर कांग्रेस अध्यक्ष को सुनने राज्यभर से उमड़ी भीड़ ने कांग्रेसियों को निराश भी नहीं किया। कांग्रेस अध्यक्ष के पहुंचने पर भीड़ ने जिस तरह से उनका इस्तकबाल किया, उससे कहीं न कहीं सियासत में राहुल के बढ़ते कद का असर भी नजर आया। राहुल ने भी इस भीड़ को निराश नहीं किया। सभा में मौजूद युवाओं से सीधा संबोधन कर कांग्रेस अध्यक्ष ने उनसे जुड़ने का भी प्रयास किया।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता इस रैली में उमड़ी भीड़ को लोस चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस के प्रति बढ़ते रुझान के रूप में देख रहे हैं। उनका मानना है कि अब जनता का मन बदल रहा है। विस चुनाव में मिली हार अब बीते कल की बात हो गई है और लोस चुनाव में पार्टी दमदार वापसी करेगी।
राहुल के सामने शक्ति प्रदर्शन
कांग्रेस ने भले ही अभी लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों के नाम का एलान नहीं किया है, मगर राहुल गांधी के रैली के दौरान संभावित दावेदारों ने अपनी ताकत दिखाने की कोशिश भी की। तमाम नेताओं के समर्थक के जत्थे उनके पक्ष में नारे लगाते हुए सभास्थल पर पहुंचे। इसे शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा गया।
हरीश और प्रीतम के लगे नारे
सभा में राहुल गांधी के अलावा केवल दो ही कांग्रेसी नेता ऐसे रहे, जिनके मंच पर आने के दौरान समर्थकों ने जमकर नारेबाजी की। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के सभा स्थल पर पहुंचने और फिर संबोधन के दौरान खूब नारे लगे। प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के आने पर भी उनके समर्थकों ने जमकर नारेबाजी की।
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