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लोकसभा चुनाव: कांग्रेस अध्यक्ष के सामने होगा शक्ति प्रदर्शन

दून में होने वाली रैली के जरिये राहुल लोकसभा चुनाव में राज्य में कांग्रेस को सफल बनाने की अपील तो करेंगे मगर यहां की पांचों सीटों पर पार्टी के उम्मीदवार कौन होंगे इस पर चुप्पी साधे रहेंगे।

By Sunil NegiEdited By: Published: Fri, 15 Mar 2019 07:54 PM (IST)Updated: Sat, 16 Mar 2019 06:52 AM (IST)
लोकसभा चुनाव: कांग्रेस अध्यक्ष के सामने होगा शक्ति प्रदर्शन
लोकसभा चुनाव: कांग्रेस अध्यक्ष के सामने होगा शक्ति प्रदर्शन

देहरादून, केदार दत्त। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की शनिवार को देहरादून में होने वाली रैली कई मायनों में कुछ हटकर रहेगी। रैली के जरिये राहुल लोकसभा चुनाव में राज्य में कांग्रेस को सफल बनाने की अपील तो करेंगे, मगर यहां की पांचों सीटों पर पार्टी के उम्मीदवार कौन होंगे, इस पर वह चुप्पी साधे रहेंगे। माना जा रहा कि कांग्रेस नेतृत्व की मंशा दावेदारों की ताकत परखने की है। इस लिहाज से सभी दावेदार भीड़ जुटाकर राहुल के सामने शक्ति प्रदर्शन भी करेंगे। चर्चा है कि इसीलिए पार्टी ने अभी प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की है। इससे दो फायदे होगे। पहला यह कि रैली के लिए राज्यभर से भीड़ जुटेगी और दूसरा यह कि कांग्रेस अपनी एकजुटता का संदेश देने का भी प्रयास करेगी।

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लोकसभा चुनाव का एलान होने के बाद राज्य में किसी राष्ट्रीय नेता की यह पहली रैली है। ऐसे में हर किसी के जेहन में यही प्रश्न है कि राहुल गांधी यहां आ तो रहे हैं, मगर रैली के माध्यम से वह अपने किन प्रत्याशियों के सिर पर हाथ रखने की जनता से अपील करेंगे। वजह यह कि अभी पार्टी ने राज्य की किसी भी सीट के लिए प्रत्याशी का एलान नहीं किया है। वह भी तब जबकि, कांग्रेस की ओर से सभी सीटों पर दावेदारों की खासी भरमार है।

इसे लेकर सियासी गलियारों में भी चर्चा है। विश्लेषकों की मानें तो रैली के माध्यम से कांग्रेस नेतृत्व ने दावेदारों की ताकत तौलने के इरादे से ही अपने उम्मीदवारों के पत्ते नहीं खोले हैं। रैली के माध्यम से कांग्रेस अध्यक्ष जनता की नब्ज टटोलने के साथ ही पार्टी टिकट के लिए हाथ पैर मार रहे दावेदारों को कसौटी पर परखेंगे।

ऐसे में माना जा रहा कि धड़ों में बंटी कांग्रेस के सभी क्षत्रप राष्ट्रीय अध्यक्ष के सामने भीड़ जुटाकर शक्ति प्रदर्शन के जरिये अपना दावा मजबूत करने की कोशिश करेंगे। इस लिहाज से टिकट के सभी दावेदार रैली में अधिक से अधिक भीड़ जुटाने का प्रयास करेंगे। इससे यह संदेश भी जाएगा कि कांग्रेस में धड़ेबाजी नहीं है और सभी कांग्रेसी एकजुट हैं। जानकारों की मानें तो यदि कांग्रेस ने प्रत्याशियों के नाम का एलान कर दिया होता तो रैली के लिए भीड़ जुटाने के लिए उन्हीं को ही मशक्कत करनी पड़ती। अब जबकि, अभी उम्मीदवार घोषित नहीं हुए हैं तो सभी दावेदार और क्षत्रप अपनी ताकत का अहसास कराने के लिए ऐड़ी- चोटी का जोर लगाएंगे। कांग्रेस के प्रांतीय नेतृत्व का भी प्रयास यही रहेगा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के सामने ऐसा कोई संदेश न जाए, जिससे यह लगे कि पार्टी में यहां किसी प्रकार की कोई धड़ेबाजी है।

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