जब हरियाणा की एक सीट पर 122 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ बनाया था रिकॉर्ड; 5 को मिले इतने वोट कि हैरत में पड़ गए लोग
Bhiwani Lok Sabha Election 2024 देश में 18वीं लोकसभा के लिए चुनाव हैं। चुनाव आयोग ने तारीखों का एलान कर दिया है। इस बीच चाय की गुमटी गांव के कुएं और चौपाल पर लगे जमघट पर पुराने चुनावों के किस्से चटकारे ले-लेकर सुनने को मिल जाएंगे। इस बीच हम आपके लिए लाए हैं भिवानी लोकसभा सीट का बेहद रोचक किस्सा...

शिव कुमार, भिवानी। भिवानी लोकसभा क्षेत्र ने अपने आप में अनेक इतिहास समेट रखा है। अगर साल 1989 के लोकसभा चुनाव की बात करें तो 122 उम्मीदवारों ने मैदान में उतरकर एक नया रिकॉर्ड बना दिया था। इनमें 119 निर्दलीय उम्मीदवार थे।
मतगणना में गड़बड़ी की आशंका के चलते तत्कालीन कांग्रेसी उम्मीदवार चौधरी बंसीलाल और जनता दल के उम्मीदवार धर्मबीर सिंह ने नामांकन प्रक्रिया के अंतिम समय में अपने-अपने समर्थकों के नामांकन दाखिल करवा दिए ताकि वे काउंटिंग एजेंट के साथ मतगणना में शामिल हो सके। यह चुनाव राष्ट्रीय स्तर पर खूब चर्चा में रहा।
199 निर्दलीय उम्मीदवार थे उस चुनाव में
भिवानी में 1987 में हुए चुनाव काफी विवादित हुए थे और धांधली बाजी के भी खूब आरोप लगे थे। ऐसे में 1989 में हुए चुनाव से पहले सभी प्रमुख राजनीतिक दल अलर्ट थे। कांग्रेसी उम्मीदवार चौधरी बंसीलाल और जनता दल के उम्मीदवार धर्मबीर सिंह में सीधा मुकाबला था।
इस चुनाव में उम्मीदवारों का आंकड़ा 122 तक पहुंच गया। जिनमें 119 निर्दलीय उम्मीदवार थे। यह अपने आप में रिकॉर्ड बन गया। उस समय मतदान की व्यवस्था करने में भी चुनाव आयोग को खासी परेशानी हुई। बैलेट पेपर तैयार करना बड़ी चुनौती थी।
72 उम्मीदवारों को मिले थे 100 से भी कम वोट
उस चुनाव में पांच उम्मीदवार ऐसे थे, जिनके शून्य प्रतिशत मत थे। 72 उम्मीदवार ऐसे थे, जिन्हें 100 से भी कम वोट मिले। 44 प्रत्याशी हजार से कम वोट ही पाए थे। चुनाव में चौधरी बंसीलाल ने 3,57,625 वोट लेकर जनता दल के धर्मबीर सिंह 2,00295 वोट को 1,57,330 वोट से हराया। बसपा के राजेंद्र 14,609 वोट लेकर तीसरे स्थान पर रहे।
चौधरी बंसीलाल को 60.13, धर्मबीर को 33.67, राजेंद्र सिंह 2.46 प्रतिशत वोट मिले। बाकी सभी 119 निर्दलीय उम्मीदवार 3.74 प्रतिशत वोटों में सिमट गए। 120 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हुई।
यह भी पढ़ें -'वंचित' बनाते 131 सीटों का सुरक्षित घेरा, एससी और एसटी मतदाता तय करने लगे राजनीतिक दशा-दिशा
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।