उमर अब्दुल्ला कर रहे अनुच्छेद 370 की बहाली का वादा; कांग्रेस नहीं कर रही इसका जिक्र; क्या है राहुल गांधी की रणनीति?
Jammu Kashmir Assembly Elections 2024 जम्मू-कश्मीर की 90 विधानसभा सीटों पर मतदान होना है। चुनावी जंग में शामिल सभी प्रमुख राजनीतिक दलों का मुख्य मुद्दा अनुच्छेद 370 है जिसे हटाए जाने के बाद यह पहला विधानसभा चुनाव है। जम्मू-कश्मीर चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस पार्टी के बीच गठबंधन है। उमर अब्दुल्ला अनुच्छेद 370 को लागू करने का वादा कर रहे हैं जबकि कांग्रेस...
डिजिटल डेस्क, जम्मू/नई दिल्ली।Jammu kashmir Vidhan sabha Chunav 2024: जम्मू-कश्मीर की 90 सीटों पर विधानसभा चुनाव होने हैं। सभी राजनीतिक दल अपने-अपने मुद्दे लेकर जनता के बीच जा रहे हैं। विधानसभा चुनाव 2024 में आठ प्रमुख राजनीतिक दल चुनाव लड़ रहे हैं। इनमें से ज्यादातर पार्टियों ने अनुच्छेद 370 को सबसे बड़ा मुद्दा बनाया है।
जम्मू-कश्मीर में 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद यह पहला विधानसभा होने जा रहा है। विधानसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी), पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), कांग्रेस, अपनी पार्टी, पीपुल्स कॉन्फ्रेंस, अवामी इत्तेहाद पार्टी (एआईपी) और डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) के प्रत्याशी चुनावी जंग में उतरेंगे। इन पार्टियों के अलावा कई छोटे दल और निर्दलीय भी चुनाव लड़ रहे हैं।
इन सभी राजनीतिक दलों ने न सिर्फ अपने चुनावी घोषणा पत्र में अनुच्छेद 370 का विशेष रूप से जिक्र किया है, बल्कि अपनी रैलियों और कार्यक्रमों व भाषणों में भी 370 का जिक्र करते रहते हैं। जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव अनुच्छेद 370 पर फोकस होता जा रहा है। कोई अनुच्छेद 370 का फायदा गिना रहे हैं तो कुछ इस बहाल करने का वादा कर रहे हैं।
कांग्रेस का जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा लौटाने पर फोकस
नेशनल कॉन्फ्रेंस
उमर अब्दुल्ला की पार्टी एनसी के घोषणापत्र में अनुच्छेद 370 और राज्य का दर्जा बहाली का वादा किया है। उमर अब्दुल्ला ने इस पर कहा कि अनुच्छेद 370 की बहाली उनका प्रमुख एजेंडा है। वहीं कांग्रेस पार्टी ने अनुच्छेद 370 पर ध्यान केंद्रित नहीं किया है। कांग्रेस जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग कर रही है।
पीडीपी
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के घोषणापत्र में विशेष राज्य की बहाली पर जोर दिया गया है। इसके पीछे पीडीपी का तर्क है कि अनुच्छेद 370 के निरस्त होने से कश्मीर मुद्दा जटिल हो गया है। पार्टी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि उनकी पार्टी अनुच्छेद 370 की बहाली के लिए प्रयास करेगी। साथ ही घाटी में शांति भी सुनिश्चित करेगी।
भाजपा
भारतीय जनता पार्टी ने अनुच्छेद 370 को भी अपने अभियान का एक प्रमुख पहलू बनाया है। भाजपा हर हाल में इसके हटाए जाने के फायदे पर बात कर रही हैं। पार्टी अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद से जम्मू को मिले लाभों को बढ़ावा दे रही है, जिसने जम्मू और कश्मीर को उसका विशेष दर्जा छीन लिया था।
अन्य पार्टियां
पीपुल्स कॉन्फ्रेंस, अपनी पार्टी, एआईपी और डीपीएपी आदि अन्य दलों ने अनुच्छेद 370 से किनारा कर लिया है। हालांकि, ये पार्टियां जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग कर रहीं हैं।
कब-कब होगी वोटिंग
बता दें कि जम्मू-कश्मीर की सभी 90 सीटों पर तीन चरणों- 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को मतदान होगा। चुनाव परिणाम 4 अक्टूबर को आएंगे। कश्मीरी प्रवासियों के लिए दिल्ली, जम्मू और उधमपुर में स्पेशल पोलिंग बूथ बनाए गए हैं।
यह भी पढ़ें -J&K Election 2024: कांग्रेस ने जारी की 6 उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट, वैष्णों देवी से चुनाव लड़ेंगे भूपेंद्र जामवल
पहले चरण में 279 उम्मीदवार, सिर्फ 5 महिलाएं
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव 2024 के पहले चरण के लिए 279 प्रत्याशियों ने नामांकन किया है। इनमें सिर्फ पांच महिलाएं हैं। भाजपा, नेशनल कॉन्फ्रेंस, और पीडीपी ने एक-एक महिला को टिकट दिया है, जबकि दो महिला प्रत्याशी निर्दलीय चुनाव में उतरे हैं।
भाजपा ने किश्तवाड़ सीट से शगुन परिहार, एनसी ने हांजीपोरा सीट से जम्मू-कश्मीर की पूर्व मंत्री सकीना याटू और पीडीपी ने महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा बिजबेहरा से टिकट दिया है।
यह भी पढ़ें-J&K Election 2024: बीजेपी ने 6 उम्मीदवारों की जारी की चौथी सूची, नौशेरा से चुनाव लड़ेंगे रविंद्र रैना