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CG Election 2018: मरवाही सीट पर सबकी नजरें, जोगी परिवार का 18 साल से कब्जा

Chhattisgarh Assembly Elections 2018 छत्तीसगढ़ के गठन के बाद मरवाही सीट से उपचुनाव लड़कर अजीत जोगी सीएम बने थे। तब से यहां जोगी परिवार ही चुनाव में विजयी होता आया है।

By Arvind DubeyEdited By: Published: Tue, 20 Nov 2018 07:30 AM (IST)Updated: Tue, 20 Nov 2018 07:30 AM (IST)
CG Election 2018: मरवाही सीट पर सबकी नजरें, जोगी परिवार का 18 साल से कब्जा
CG Election 2018: मरवाही सीट पर सबकी नजरें, जोगी परिवार का 18 साल से कब्जा

मरवाही (छत्तीसगढ़)। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में 72 सीटों पर मतदान हो रहा है। इस चरण की हाईप्रोफाइल सीटों में बिलासपुर संभाग की मरहावी विधानसभा भी शामिल है। यहां से जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के मुखिया अजीत जोगी मैदान में हैं। यूं तो यह सीट कांग्रेस का गढ़ रही है, लेकिन इस बार समीकरण थोड़ा अलग हैं, क्योंकि अजीत जोगी ने कांग्रेस का साथ छोड़ दिया है। मरवाही एक तरह से जोगी परिवार का गढ़ है। 1 नवंबर 2000 को छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद राज्य के पहले मुख्यमंत्री बने जोगी कांग्रेस से मरवाही विधानसभा उप चुनाव-2001 जीतकर विधानसभा में पहुंचे। उन्होंने इसी सीट से कांग्रेस के टिकट पर 2003 और 2008 में विधानसभा चुनाव जीता। 2013 में जोगी ने चुनाव नहीं लड़ा। उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर अपने बेटे अमित जोगी को मैदान में उतारा। अमित ने कब्जा बरकरार रखा। इस तरह 18 साल से यहां जोगी परिवार का कब्जा है।

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इस बार मुकाबला आसान नहीं

यहां से भाजपा की प्रत्याशी अर्चना पोर्ते और कांग्रेस प्रत्याशी गुलाब सिंह राज को कम आंकना खतरे से खाली नहीं है। इसलिए कि कांग्रेस छोड़ खुद की पार्टी जकांछ बनाकर चुनावी मैदान में 'हल जोतता हुआ किसान' चुनाव चिन्ह गांव-देहात के मतदाताओं तक पहुंचाना जोगी के सामने सबसे बड़ी चुनौती रही।

1972 में मरवाही विधानसभा के अस्तित्व में आने के बाद से 2013 तक हुए 11 विधानसभा चुनाव में सिर्फ दो बार 1990 और 1998 में भाजपा की जीत हुई है। इस क्षेत्र के सुदूर आदिवासी अंचल के मतदाता जोगी के साथ-साथ कांग्रेस के चुनाव चिन्ह हाथ को जानते और पहचानते हैं। इनके बीच जोगी अगर अपना चुनाव चिन्ह पहुंचा सके तो ठीक नहीं तो मरवाही में इनकी राजनीति की कहानी खत्म हो सकती है।

गौरेला के वार रूम से जोगी लड़ रहे लड़ाई

अजीत जोगी खुद मारवाही से चुनाव लड़ने के साथ-साथ अपनी पत्नी रेणु जोगी को बगल की सीट कोटा से लड़ा रहे हैं। जबकि पुत्रवधू ऋचा जोगी को अकलतरा से बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ा रहे हैं। इसके साथ ही उनके कंधे जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के प्रत्याशियों को चुनाव लड़ाने की भी जिम्मेवारी है। उन्होंने मरवाही विधानसभा क्षेत्र के गौरेला को वाररूम बना रखा है। जोगी दिन के 11-12 बजे तक गौरेला में रहते हैं। फिर हेलिकॉप्टर से राज्य के दूसरे क्षेत्रों में प्रचार के लिए उड़ जाते हैं और शाम को चार-पांच बजे वापस गौरेला में लैंड करते हैं।

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