Jhajha Assembly Seat 2025: संभावित प्रत्याशियों की लगी लंबी कतार, एनडीए और महागठबंधन में बढ़ी बेचैनी
झाझा सीट में चुनाव की सुगबुगाहट तेज हो गई है। कई नेता और दल अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं जिससे एनडीए और महागठबंधन में बेचैनी है। राजद के संभावित उम्मीदवारों में जयप्रकाश यादव की पुत्री और राजीव उर्फ गुड्डू यादव शामिल हैं। एनडीए के लिए चुनौती यह है कि कई नेता टिकट न मिलने पर निर्दलीय चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं जिससे वोटों का बिखराव हो सकता है।

सत्यम कुमार सिंह, झाझा (जमुई)। विधानसभा चुनाव की तारीख की घोषणा भले अभी न हुई हो, लेकिन चुनावी सरगर्मी तेज हो चुकी है। झाझा विधानसभा क्षेत्र में कई नेता और दल अपनी-अपनी भूमिका निभाने में जुट गए हैं। इस क्षेत्र में चिकित्सक से लेकर समाजसेवी तक संभावित प्रत्याशी बनकर मतदाताओं की नब्ज टटोल रहे हैं।
कई नामी चेहरे मतदाताओं के सामने अपनी दावेदारी पेश कर चुके हैं, जिससे एनडीए और महागठबंधन दोनों खेमों में बेचैनी बढ़ गई है। खासकर एनडीए के लिए यह स्थिति चुनौतीपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि महागठबंधन और जन सुराज के संभावित चेहरों में कई नेता पूर्व में एनडीए से जुड़े रहे हैं।
इसी बीच समाजवादी नेता स्व. शिवनंदन यादव के पौत्र राजीव उर्फ गुड्डू यादव ने भी दल से टिकट पर चुनाव लड़ने की घोषणा कर रखी है। झाझा की राजनीतिक पृष्ठभूमि पर नजर डालें तो यादव परिवार की पकड़ इस क्षेत्र में रही है और जब-जब उन्हें जिम्मेदारी मिली, जीत दर्ज होती रही।
महागठबंधन और अन्य दलों के संभावित चेहरे
झाझा विधानसभा सीट महागठबंधन के अंतर्गत राजद के खाते में जाती रही है। इस बार भी राजद के हिस्से में आने की संभावना है। संभावित प्रत्याशियों में पूर्व केंद्रीय मंत्री जयप्रकाश यादव की पुत्री, राजद नेता सह समाजसेवी राजीव उर्फ गुड्डू यादव, समाजसेवी डॉ. नीरज साह और पूर्व प्रत्याशी राजेंद्र यादव का नाम प्रमुख रूप से सामने आ रहा है।
इन्हीं में से दो चेहरे ऐसे भी हैं जो टिकट न मिलने पर भी निर्दलीय चुनाव लड़ने का मन बना चुके हैं, जबकि जन सुराज पार्टी की ओर से समाजसेवी डॉ. एनडी मिश्रा और जिला पार्षद धर्मदेव यादव का नाम चर्चा में है।
वहीं, झामुमो से पूर्व प्रत्याशी आबिद कौसर संभावित चेहरे में से हैं, जबकि एनडीए की ओर से क्षेत्रीय विधायक दामोदर रावत, पूर्व विधायक रविंद्र यादव और विनोद यादव संभावित उम्मीदवारों की सूची में शामिल हैं।
एनडीए के लिए सिरदर्द बनेगा समीकरण
सबसे बड़ी चुनौती एनडीए के सामने है। कई ऐसे चेहरे हैं जो दल से टिकट न मिलने पर भी निर्दलीय मैदान में उतरने की तैयारी में हैं। राजद के संभावित प्रत्याशी डॉ. नीरज साह और जन सुराज के डॉ. एनडी मिश्रा पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि वे टिकट मिले या न मिले, चुनाव जरूर लड़ेंगे। दोनों कभी भाजपा के नेता हुआ करते थे।
ऐसी स्थिति में वोटों का बिखराव होना तय माना जा रहा है। हालांकि, महागठबंधन में भी इसी तरह की स्थिति है, लेकिन वरिष्ठ नेताओं की कोशिश है कि संभावितों को मनाकर एकजुट रखा जाए। यदि इसमें सफलता मिलती है तो राजद मजबूत स्थिति में दिखाई दे सकता है।
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