सीमांचल में बढ़ी चुनावी सरगर्मी! घुसपैठ के हथियार से महागठबंधन की बिसात को भेदने की तैयारी में NDA
सीमांचल में आगामी विधानसभा चुनाव की गरमाहट बढ़ गई है। अल्पसंख्यक बाहुल्य इस क्षेत्र में महागठबंधन और राजग अपनी राजनीतिक बिसात बिछा रहे हैं। राहुल गांधी की यात्रा के बाद प्रधानमंत्री और अमित शाह के दौरे ने चुनावी माहौल को और तेज कर दिया है। महागठबंधन एसआइआर और अति पिछड़ों के वादे कर रहा है वहीं राजग घुसपैठ और विकास के मुद्दे उठा रहा है।

प्रकाश वत्स, पूर्णिया। पावन गंगा, मनमतंग कोसी व दार्जिलिंग की मनमोहक वादियों से निकलकर सीमांचल से गुजरती महानंदा जैसी नदियों वाले सीमांचल इलाके में अब राजनीतिक तपिश काफी बढ़ गई है। नेपाल व बांग्लादेश की सरहद से लगे इस इलाके में आगामी विधानसभा चुनाव की गरमाहट अभी से उफान पर है।
अल्पसंख्यक बाहुल्य इस इलाके का चुनावी धारा अन्य इलाकों से अलग होती है और इसी के इर्द-गिर्द यहां महागठबंधन के साथ राजग अपनी-अपनी राजनीतिक बिसात बिछाते हैं।
गत माह कांग्रेस नेता राहुल गांधी की वोट अधिकार यात्रा के बाद यहां प्रधानमंत्री की ऐतिहासिक सभा व फिर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का दौरा इस धारा को तेज कर दिया है।
महागठबंधन ने इस चुनाव के लिए एसआइआर व फिर अति पिछड़ों के लुभावने वादे के जरिए जो बिसात बिछायी, उसे राजग अब घुसपैठ व विकास की प्रखर धारा से भेदने की तैयारी में जुट गया है।
सेंधमारी के लिए बन रही है रणनीति
महागठबंधन के लिए यहां राजग की चुनौती के बीच एआइएमआइएम की सेंधमारी का भय ज्यादा सतर्क कर दिया है। एसआइआर पर तल्ख रुख के जरिए अल्पसंख्यक वोट बैंक की गोलबंदी के बीच राजग की पिछड़े व अतिपिछड़े वोट बैंक में सेंधमारी बढ़ाने की रणनीति पर महागठबंधन की तैयारी बढ़ रही है।
इस बिसात को भेदने के लिए राजग की जोरदार तैयारी भी चल रही है। सीमांचल के पूर्णिया, कटिहार, अररिया व किशनगंज जिले के 24 विधानसभा सीट में अधिक से अधिक सीटों पर राजग विजय पताका फहराने की तैयारी में है।
गत चुनाव में राजग ने यहां 12 सीटों पर विजय प्राप्त की थी और महागठबंधन को कुल सात सीटों पर जीत मिली थी। पांच सीटें एआइएमआइएम के हिस्से में गई थी। ऐसे में राजग व महागठबंधन अपनी-अपनी सीटें बढ़ाने की रणनीति पर काम कर रही है।
महागठबंधन की ताजा बिसात पर राजग राष्ट्रवाद के साथ विकास को अपना रडार बना चुका है। इसी माह पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यहां सभा विकास व भीड़ दोनों लिहाज से ऐतिहासिक रही थी।
प्रधानमंत्री ने पूर्णिया से हवाई सेवा की शुरुआत के साथ 36 हजार करोड़ की योजनाओं का उदघाटन व शिलान्यास किया था और इसके जरिए सीमांचल के साथ-साथ कोसी व अंग क्षेत्र को भी साधने की कोशिश की थी।
अमित शाह ने उठाया घुसपैठ का मुद्दा
अब गृहमंत्री अमित शाह ने अररिया के फारबिसगंज दौरे के क्रम में जीविका दीदियों को दी गई सौगात व जीएसटी में छूट के जरिए हिंदू वोट में सेंधमारी के लिए बड़ी दीवार खड़ी करने की कोशिश की, वहीं घुसपैठियों को खदेड़ने जैसे एलान के जरिए इसी वोट बैंक की गोलबंदी का बड़ा बाण भी चल दिया है।
पीएम के बाद गृहमंत्री की सभा से यह स्पष्ट है कि महागठबंधन की बिसात से निपटने की राजग की रणनीति आकार ले चुकी है। राजग तेज धारा के साथ महागठबंधन के चक्रव्यूह को भेदने का मन बना चुकी है। यही कारण रहा कि गृहमंत्री के दौरे पर विपक्षियों की पैनी नजर टिकी रही।
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