बिहार वासियों को दशहरा में मिलेगी वाटर मेट्रो की सौगात, पटना पहुंचा बेहद खास इलेक्ट्रिक जहाज
पटना में गंगा नदी में वाटर मेट्रो सेवा जल्द शुरू होने वाली है। इसके लिए इलेक्ट्रिक जहाज एमवी-गोमधरकुंवर पटना पहुंच गया है। यह जहाज दीघा घाट से कंगन घाट के बीच चलेगा। इसमें 50 यात्रियों के बैठने की व्यवस्था है। यह जहाज कोलकाता में तैयार किया गया है और इसमें आधुनिक सुविधाएं हैं।

अहमद रजा हाशमी, पटना सिटी। पटना के गंगा में वाटर मेट्रो शुरू करने के लिए गुजरात के भाव नगर में 20 सितंबर को बिहार सरकार के पर्यटन विभाग एवं भारतीय अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण के बीच हुए समझौते के आठवें दिन यानी शनिवार को इलेक्ट्रिक जहाज 'एमवी-गोमधरकुंवर' पटना पहुंचा।
गायघाट स्थित उच्च स्तर के बंदरगाह पर इस अत्याधुनिक जहाज का स्वागत आइडब्लूएआइ के क्षेत्रीय निदेशक अरविंद कुमार, उप निदेशक अमित कुमार, तकनीकी विशेषज्ञ संजय वर्मा आदि ने किया। 50 पर्यटकों के बैठने और 25 के खड़े होने की क्षमता वाले इस वातानुकूलित जहाज का परिचालन पर्यटन विकास निगम द्वारा दीघा घाट से कंगन घाट के बीच किया जाएगा।
बेहद खूबसूरत दिखने वाले के इस स्वदेशी जहाज को लगभग 12 करोड़ रुपए की लागत से कोलकाता के हावड़ा में हुगली नदी के तट पर हुगली कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा तैयार किया गया है। आइडब्लूएआइ के निदेशक अरविंद कुमार ने बताया कि निर्माण कंपनी के आए तकनीकी विशेषज्ञों द्वारा ''एमवी-गोमधरकुंवर'' को अगल दो दिनों तक व्यवस्थित किया जाएगा।
जहाज को चार्ज करने के लिए गायघाट में लगाए गए तैरते सामुदायिक जेटी पर चार्जिंग प्वाइंट स्थापित होगा। तकनीकी रूप से अंतिम स्वीकृति मिलने के बाद यह जहाज पर्यटन निगम को परिचालन के लिए सुपुर्द कर दिया जाएगा। निदेशक ने कहा कि दशहरा में इसका परिचालन शुरू हो जाएगा। प्रति किलोमीटर बीस से तीस रुपए प्रति व्यक्ति किराया निर्धारित हो सकता है।
गायघाट से कंगन घाट के बीच होगा ट्रायल
वाटर मेट्रो के लिए कोलकाता से पटना पहुंचे इलेक्ट्रिक जहाज का ट्रायल गायघाट से कंगन घाट के बीच किया जाएगा। निदेशक ने बताया कि गंगा में यह दूरी 6.5 किलोमीटर है। दीघा से गांधी घाट के बीच की जलमार्ग से दूरी 9.5 किलोमीटर है।
ट्रायल सफल होते ही पर्यटकों के लिए दीघा से कंगन घाट के बीच यह जहाज चलने लगेगा। जहाज में लगी दो बैट्री को चार्ज करने के लिए दीघा और गायघाट में लगे सामुदायिक जेटी पर चार्जिंग प्वाइंट होगा। आधे घंटे में चार्ज होने वाली बैट्री से जहाज लगभग डेढ़ घंटा चलेगा।
नौ सितंबर को कोलकाता से चला यह जहाज गंगा के रास्ते 27 सितंबर को पटना पहुंचा। निदेशक ने बताया कि गंगा में जलस्तर अधिक होने तथा तेज हवा के कारण जहाज को पटना पहुंचने में समय लगा। इसे एक अन्य जहाज से जोड़ कर यहां लाया गया है।
सीट पर बैठ कर गंगा का नजारा देखेंगे पर्यटक
इलेक्ट्रिक जहाज में 50 कुर्सियां लगी एक बड़ा हाल है। इसमें चार बड़े एसी लगे हैं। सीसीटीवी कैमरे, एलसीडी और साउंड सिस्टम है। यात्रियों को आने वाले स्टेशनों से अन्य जानकारी इनके माध्यम से दी जाएगी।
हाल के चारो ओर बड़े-बड़े शीशे लगे हैं। बैठे और खड़े यात्री हाल के अंदर से ही गंगा के बाहर का विहंगम दृश्य देख और कैमरे में कैद कर सकेंगे। यात्रियों की सुरक्षा के लिए सभी जरूरी व्यवस्था इस जहाज में है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।