बिहार की 43 सीटों पर तैयारी कर रही भाकपा माले, दीपांकर ने बताया किन मुद्दों पर लड़ेगी पार्टी
भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि बिहार में बदलाव के लिए सरकार बदलना होगा। उन्होंने बिहार की 243 में से 43 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी की बात कही। भट्टाचार्य ने शिक्षा बेरोजगारी पलायन और गरीबी को चुनावी मुद्दे बताया। उन्होंने निर्वाचन आयोग द्वारा गरीबों को वोट के अधिकार से वंचित करने की कोशिश का आरोप लगाया।

जागरण संवाददाता, बेतिया। भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा है कि बिहार बदलना है तो सरकार बदलना होगा। सरकार में बदलाव के बाद ही बिहार में बदलाव आएगा। वे रविवार को नगर के सर्किट हाउस में पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे।
भट्टाचार्य ने कहा उनकी पार्टी बिहार के 243 में 43 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। महागठबंधन में अभी सीटों का बंटवारा नहीं हुआ है, इस माह के अंत तक सब कुछ साफ हो जाने की संभावना है।
नीतीश सरकार पर बोला हमला
उन्होंने कहा कि इस बार चुनाव में शिक्षा, बेरोजगारी, पलायन, गरीबी मुद्दा होगा। राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि निर्वाचन आयोग एसआईआर के माध्यम से गरीबों, पिछड़ों, दलितों, अल्पसंख्यकों का वोट के अधिकार से वंचित करने की कोशिश कर रही है।
महागठबंधन और उनकी पार्टी के लगातार आंदोलन के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इसमें हस्तक्षेप किया और आधार कार्ड को भी मान्यता दी गई। उन्होंने पुराने पेंशन नियम को लागू करने का समर्थन किया।
दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि नौजवानों को रोजगार की सुरक्षा नहीं है। भूमि सर्वेक्षण के काम में लगे नौजवान अपनी नौकरी अस्थाई करने की मांग कर रहे हैं तो उन्हें नौकरी से निकाला जा रहा है, विरोध करने पर उनकी पिटाई हो रही है।
भट्टाचार्य ने कहा कि सरकार ने सरकारी कर्मचारियों की पेंशन छीन ली है। विपक्षी पार्टियों के विरोध के कारण निर्वाचन आयोग को तीन मौके पर पीछे हटना पड़ा है।
पार्टी की वरिष्ठ नेत्री मीना तिवारी ने कहा कि नीतीश राज में महिलाओं पर अत्याचार बड़ा है। चुनाव नजदीक आने के बाद सरकार को महिलाएं याद आने लगी है। उन्हें तरह-तरह का प्रलोभन दिया जा रहा है। सिकटा विधायक वीरेंद्र गुप्ता ने कहा कि नीतीश सरकार सिर्फ झांसापट्टी दे रही है।
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