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    Bihar Election: दिग्गजों की धरती में आम जनता का हाल बेहाल, बिना पुल के कैसे पार होगा विजय रथ?

    Updated: Tue, 23 Sep 2025 02:05 PM (IST)

    अलौली विधानसभा क्षेत्र जहां कभी दिग्गज नेता रहे आज भी विकास से दूर है। राष्ट्रीय अध्यक्षों का इस क्षेत्र से संबंध होने के बावजूद लोगों को प्रखंड मुख्यालय जाने के लिए नाव से नदी पार करनी पड़ती है। बागमती नदी पर गढ़ घाट प्रमुख है लेकिन पुल निर्माण अधूरा है। किसान और आम लोग नाव से जोखिम भरा सफर करते हैं और पुल बनने का इंतजार कर रहे हैं।

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    महासमर: बड़ा मुद्दा: विकास से ‘फरक’ दिग्गजों की भूमि

    संवाद सूत्र, अलौली (खगड़िया)। अलौली विधानसभा (सुरक्षित) क्षेत्र राजनीतिक दिग्गजों की धरती है। इस विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व दिग्गज कांग्रेस नेता मिश्री सदा और प्रसिद्ध दलित नेता रामविलास पासवान ने भी किया है। अभी भी दो बड़े राजनीतिक पार्टियों के राष्ट्रीय अध्यक्ष का सीधा जुड़ाव अलौली विधानसभा क्षेत्र से है।

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    राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस का जन्मस्थान अलौली विधानसभा क्षेत्र का शहरबन्नी गांव है। वे अलौली विधानसभा क्षेत्र का सात दफा प्रतिनिधित्व कर चुके हैं, जबकि लोजपा (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान का पैतृक गांव शहरबन्नी है।

    वर्तमान में यहां से राजद के फायर ब्रांड नेता रामवृक्ष सदा विधायक हैं,  परंतु आज भी अलौली विधानसभा क्षेत्र विकास से कोसों दूर है। एक बड़ी आबादी आज भी समुचित आवागमन की सुविधा से वंचित है। जिन्हें प्रखंड मुख्यालय अलौली पहुंचने के लिए नाव से नदी पार करना पड़ता है। बागमती नदी का गढ़ घाट फरकिया के प्रमुख घाटों में से एक है।

    अलौली प्रखंड मुख्यालय से गढ़ घाट की दूरी लगभग तीन किलोमीटर है। वहीं अलौली रेलवे स्टेशन की दूरी लगभग पांच सौ मीटर है। आनंदपुर मारण पंचायत, चेराखेरा पंचायत, रामपुर अलौली पंचायत की एक हिस्सा, सोनमनकी मुसहरी, परास- वार्ड नंबर आठ और हथवन पंचायत की सिसवा- बिंद टोली बागमती नदी के पार है।

    यहां के लोग विभिन्न जगहों से नाव पकड़कर अलौली गढ़ घाट पहुंचते हैं। फिर वहां से आटो-टोटो पकड़कर प्रखंड मुख्यालय अलौली आते हैं। उन्होंने बीमार पड़ने पर अलाैली सीएचसी भी नदी पार कर ही आना पड़ता है।

    रामपुर अलौली पंचायत, नगर पंचायत अलौली और अंबा इचरुआ पंचायत के अधिकांश किसानों की खेती, पशुपालन नदी पार ही है। उन्हें भी नाव से बागमती पार आना-जाना पड़ता है। श्याम घरारी के समीप कोसी नदी के कित्ता घाट पर कई वर्षों से पुल निर्माण कार्य चल रहा है, जो अधूरा है।

    कई बार हो चुकी हैं घटनाएं

    बीते 20 जुलाई 2025 को इस घाट को नाव से पार करने के दौरान हन्ना, वार्ड नंबर-पांच के नंदू चौधरी नदी में गिर पड़े और डूबने से उनकी मौत हो गई। अलौली गढ़ घाट पर लंबे आंदोलन के बाद पुल निर्माण कार्य इस वर्ष शुरू हुआ है।

    इस पुल निर्माण का लक्ष्य 27 मई 2027 है। अब देखना है कि ससमय पुल का निर्माण हो पाता है या नहीं। फिलहाल नाव से ही स्थानीय लोग गढ़ घाट को पार करते हैं।  ग्राम पंचायत राज आनंदपुर मारण की पंचायत समिति सदस्य सुनैना देवी कहती हैं- अभी आश्विन माह में बागमती उफान पर है।

    नाव से बागमती पार कर गढ़ घाट पहुंचते हैं, फिर वहां से तीन किलोमीटर की दूरी तय कर अलौली प्रखंड मुख्यालय जाते हैं। प्रतिदिन पंचायत के दर्जनों लोगों को किसी न किसी काम से अलौली जाना पड़ता है। वर्षा होने और तेज हवा चलने पर नाव परिचालन बंद हो जाता है।

    ऐसे में लोगों को बड़ी परेशानी उठानी पड़ती है। श्याम घरारी के निरंजन कुमार कहते हैं- श्याम घरारी के समीप कोसी नदी की कित्ता घाट पर अर्ध निर्मित पुल बन जाने से सोनमनकी के रास्ते से खगड़िया और सहरसा जाने में सुविधा होगी।

    चेराखेरा पंचायत स्थित मोहराघाट के समाजसेवी श्रवण गुप्ता ने कहा कि, अलौली गढ़ घाट पर पुल निर्माण शुरू होने से आशा जगी है। इस पुल के बन जाने से फरकिया की तस्वीर बदल जाएगी।

    पुल निर्माण की हो रही मांग

    मोहराघाट के लोगों को गढ़ घाट पुल से जोड़ने के लिए ‘नंगरा घाट’ पर भी पुल का निर्माण होना आवश्यक है। आनंदपुर मारण पंचायत के पैक्स अध्यक्ष मृत्युंजय कुमार आजाद कहते हैं- गढ़ घाट पर कब पुल बनकर तैयार होगा, कहना मुश्किल है। फिलहाल नाव की ही सवारी करनी है।

    वे कहते हैं- कभी-कभी शाम होने पर यहां के लोगों को अलौली में ही रात बितानी पड़ती हैं। अंधेरा होने पर नाव परिचालन बंद हो जाता है। उन्होंने कहा कि, गढ़ घाट पर पुल बन जाने से लगभग 50 हजार लोगों को सीधा लाभ पहुंचेगा।

    उन्होंने यह भी कहा कि, अभी नाव से चार पहिया वाहन, ट्रैक्टर आदि को पार कराने में तीन सौ से पांच सौ रुपये तक भाड़े देने पड़ते हैं। उन्होंने यह भी जोड़ा कि, विधायक रामवृक्ष सदा ने अलौली गढ़ घाट पर पुल निर्माण को लेकर लगातार आवाज उठाई। तब जाकर पुल निर्माण कार्य आरंभ हुआ है।

    अलौली नगर पंचायत की मुख्य पार्षद जयंती शेखर कहती हैं- जब तक बागमती नदी के गढ़ घाट, श्याम घरारी के समीप कित्ता घाट पर अर्ध निर्मित पुल और मोहराघाट के गुलरिया के समीप ‘नंगरा घाट’ पर पुल नहीं बनेगा, तब तक फरकिया का समग्र विकास सपना ही है।

    इधर अलौली विधायक रामवृक्ष सदा ने कहा कि, क्षेत्र के विकास को लेकर लगातार आवाज उठाते रहा हूं। जिसके फलस्वरूप गढ़ घाट पर पुल का निर्माण कार्य शुरू हुआ है। उम्मीद है कि, समय पर कार्य पूर्ण हो जाएगा।

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