क्यों भारत के हर मोबाइल नंबर से पहले लगता है +91? जानें इसके पीछे की दिलचस्प कहानी
+91 यह वो कोड (India Mobile Number Code) है जो हर भारतीय मोबाइल नंबर के आगे लगा दिखता है। ये सिर्फ एक नंबर नहीं बल्कि ये भारत की पहचान है लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये कोड क्यों लगाया जाता है? इसके पीछे की कहानी बेहद दिलचस्प है। आइए आज हम आपको बताते हैं +91 के इस सफर के बारे में।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। India Mobile Number Code: आज के डिजिटल युग में मोबाइल फोन हमारे जीवन का अहम हिस्सा बन चुका है। चाहे बात करनी हो, मैसेज भेजने हों या इंटरनेट का इस्तेमाल करना हो, मोबाइल नंबर हमारी पहचान बन गया है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि भारत में हर मोबाइल नंबर से पहले +91 क्यों लगता है?
यह सिर्फ एक कोड नहीं है, बल्कि इसके पीछे एक दिलचस्प इतिहास (History behind India's +91 phone code) और वैश्विक संचार व्यवस्था का रोचक तथ्य छुपा हुआ है। आइए, इसके पीछे की कहानी (Mobile number prefix India) को विस्तार से समझते हैं।
अंतरराष्ट्रीय टेलीकम्युनिकेशन यूनियन (ITU) और देश कोड
+91 भारत का देश कोड (Country Code) है, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को एक अलग पहचान देता है। यह कोड अंतरराष्ट्रीय टेलीकम्युनिकेशन यूनियन (International Telecommunication Union - ITU) द्वारा निर्धारित किया गया है। ITU संयुक्त राष्ट्र (United Nations) की एक विशेष एजेंसी है, जो दुनिया भर में टेलीकम्युनिकेशन और इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी से जुड़े मानकों को तय करती है। इसका मुख्य उद्देश्य दुनिया भर में संचार व्यवस्था को सुचारू और व्यवस्थित रूप से चलाना है।
जब भी आप किसी अंतरराष्ट्रीय फोन कॉल को डायल करते हैं, तो उस नंबर के साथ देश कोड जोड़ा जाता है। यह कोड यह बताता है कि कॉल किस देश में जा रही है। उदाहरण के लिए, अगर आप भारत में किसी को कॉल कर रहे हैं, तो नंबर के साथ +91 लगाना जरूरी होता है। इसी तरह, अमेरिका का देश कोड +1, यूनाइटेड किंगडम का +44 और चीन का +86 है।
+91 का महत्व
+91 का मतलब है कि यह नंबर भारत से जुड़ा हुआ है। यह कोड अंतरराष्ट्रीय कॉलिंग के लिए जरूरी है, क्योंकि यह टेलीकम्युनिकेशन नेटवर्क को यह बताता है कि कॉल किस देश में रूट करनी है। बिना देश कोड के, अंतरराष्ट्रीय कॉल संभव नहीं है। उदाहरण के लिए, अगर कोई अमेरिका से भारत में कॉल करना चाहता है, तो उसे भारतीय नंबर के साथ +91 जोड़ना होगा। इससे टेलीकम्युनिकेशन सिस्टम को पता चलता है कि कॉल भारत में रूट करनी है।
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देश कोड का इतिहास
देश कोड की शुरुआत 1960 के दशक में हुई थी, जब अंतरराष्ट्रीय कॉलिंग को व्यवस्थित करने की जरूरत महसूस की गई। उस समय, दुनिया भर में टेलीकम्युनिकेशन नेटवर्क तेजी से बढ़ रहा था, और अलग-अलग देशों के बीच कॉलिंग को सुव्यवस्थित करने के लिए एक मानक प्रणाली की आवश्यकता थी। ITU ने इसके लिए देश कोड की प्रणाली विकसित की, जिसमें हर देश को एक अलग कोड दिया गया। भारत को +91 का कोड आवंटित किया गया।
भारत में टेलीकम्युनिकेशन का विकास
भारत में टेलीकम्युनिकेशन का इतिहास काफी पुराना है। 19वीं शताब्दी में ब्रिटिश शासन के दौरान भारत में टेलीग्राफ और टेलीफोन की शुरुआत हुई। आजादी के बाद, भारत ने अपने टेलीकम्युनिकेशन नेटवर्क को मजबूत करने पर जोर दिया। 1980 और 1990 के दशक में मोबाइल फोन की शुरुआत के साथ, भारत में संचार क्रांति आई। आज भारत दुनिया के सबसे बड़े टेलीकम्युनिकेशन मार्केट में से एक है, और +91 का कोड इसकी पहचान बन चुका है।
+91 का इस्तेमाल कैसे करें?
जब आप किसी अंतरराष्ट्रीय नंबर पर कॉल करते हैं, तो सबसे पहले आपको अपने देश का एक्जिट कोड (Exit Code) डायल करना होता है। भारत में यह कोड 00 है। उसके बाद आप देश कोड डायल करते हैं, जो भारत के लिए +91 है। उदाहरण के लिए, अगर आप भारत में किसी नंबर 9876543210 पर कॉल करना चाहते हैं, तो आपको 00 91 9876543210 डायल करना होगा।
+91 का भविष्य?
भारत में टेलीकम्युनिकेशन का भविष्य उज्ज्वल है। 5G टेक्नोलॉजी की शुरुआत के साथ, भारत डिजिटल क्रांति की नई ऊंचाइयों को छू रहा है। +91 का कोड न केवल भारत की पहचान है, बल्कि यह देश के तेजी से बढ़ते डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर का प्रतीक भी है। आने वाले समय में, जब भारत और अधिक तकनीकी रूप से उन्नत होगा, +91 का महत्व और भी बढ़ जाएगा।
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