ऊंची इमारतों पर क्यों लगी होती है लाल बत्ती? समझिए इसके पीछे का साइंस
क्या आपने कभी ऊंची इमारतों या टावरों पर रात में टिमटिमाती लाल बत्तियां देखी हैं? बता दें, ये सजावट के लिए नहीं होतीं, बल्कि इनके पीछे एक बहुत ही जरूरी वैज्ञानिक और सुरक्षा कारण छिपा है। आइए समझते हैं कि इन रेड कलर की लाइट्स का क्या काम है और आखिर क्यों हाई राइज बिल्डिंग्स के लिए ये इतनी जरूरी होती हैं।
हाई राइज बिल्डिंग्स के ऊपर क्यों लगी होती है रेड कलर की लाइट? (Image Source: Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। क्या आपने कभी सोचा है कि रात में ऊंची इमारतों पर जलती-बुझती लाल बत्तियां क्यों लगी होती हैं? अगर नहीं, तो यह आर्टिकल आपके लिए ही है।
आज भले ही इन्हें इमारत की खूबसूरती बढ़ाने का तरीका मानते हों, लेकिन असल में इनके पीछे एक बहुत ही साइंटिफिक वजह और सुरक्षा का मकसद छिपा होता है। आइए विस्तार से जानते हैं।
हवाई जहाजों और हेलीकॉप्टरों की सुरक्षा
इसका सबसे मुख्य कारण हवाई जहाजों और हेलीकॉप्टरों को सुरक्षा प्रदान करना है। रात के समय या खराब मौसम में जब विजिबिलिटी कम होती है, तो पायलटों को ऊंची इमारतें आसानी से दिखाई नहीं देतीं। ऐसे में, इन लाल बत्तियों को देखकर वे समझ जाते हैं कि सामने कोई ऊंची बिल्डिंग है और वे उससे टकराने से बच सकते हैं। ये बत्तियां एक तरह से चेतावनी संकेत का काम करती हैं।
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क्या कहता है एविएशन रूल?
दुनिया भर में, खासकर अंतररार्ष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (ICAO) और भारत में नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) जैसे नियामक निकाय, ऊंची संरचनाओं पर विमान चेतावनी रोशनी (Aircraft Warning Lights) लगाने के नियम बनाते हैं। इन नियमों के तहत, एक निश्चित ऊंचाई (आमतौर पर 45 मीटर या लगभग 150 फीट से ज्यादा) वाली सभी इमारतों, टावरों, चिमनियों और अन्य संरचनाओं पर ये रोशनी लगाना अनिवार्य होता है।
लाल रंग ही क्यों?
अब सवाल यह उठता है कि इन बत्तियों का रंग लाल ही क्यों होता है? आइए जानें:
- वेव लेंथ: लाल रंग की वेव लेंथ अन्य रंगों की तुलना में ज्यादा होती है। इसका मतलब है कि लाल प्रकाश हवा में मौजूद धूल, धुंध या नमी के कणों से कम फैलता है और ज्यादा दूरी तक दिखाई देता है।
- आंखों पर प्रभाव: रात के समय हमारी आंखें लाल रंग के प्रति ज्यादा सेंसिटिव होती हैं, जिससे यह आसानी से और दूर से भी दिख जाता है। यह पायलेट्स को अंधेरे में भी स्पष्ट चेतावनी देता है।
- अंतरराष्ट्रीय मान्यता: लाल रंग को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खतरे या चेतावनी के संकेत के रूप में मान्यता प्राप्त है, जिससे पायलेट्स के लिए इसे समझना आसान होता है, चाहे वे किसी भी देश के हों।
कैसे काम करती हैं ये बत्तियां?
ये लाल बत्तियां आमतौर पर एलईडी (LED) या ट्रेडिशनल बल्बों का इस्तेमाल करके बनाई जाती हैं। ये लगातार जलती-बुझती (फ्लैशिंग) रहती हैं ताकि वे ज्यादा ध्यान आकर्षित कर सकें। वहीं, कुछ आधुनिक प्रणालियां दिन और रात के अनुसार अपनी चमक को भी समायोजित कर सकती हैं, यानी दिन में कम चमक और रात में ज्यादा चमक।
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