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    कभी सोचा है कहां से आया 'ख‍िस‍ियानी ब‍िल्‍ली खंभा नोचे' वाला मुहावरा? वजह जानेंगे तो छूट जाएगी हंसी

    Updated: Fri, 09 May 2025 02:35 PM (IST)

    खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे मुहावरे का अर्थ है जब कोई व्यक्ति अपनी गलती या हार छिपाने के लिए गुस्से में अनाप-शनाप हरकतें करने लगता है। इस मुहावरे का इस्‍तेमाल तब होता है जब कोई अपनी हार छिपाने के लिए बेवजह गुस्सा करता है और दूसरों पर आरोप लगाता है। यह मुहावरा बिल्ली के स्वभाव से लिया गया है।

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    कहां से आया ये मुहावरा? (Image Credit- Freepik/Instagram)

    लाइफस्‍टाइल डेस्‍क‍, नई द‍िल्‍ली। बचपन में हम सभी ने स्‍कूल में ह‍िंदी पढ़ा है। व्याकरण में हमें अनुलोम-व‍िलोम, पर्यायवाची, लोकोक्‍त‍ियां से लेकर मुहावरे तक पढ़ाए जाते थे। अगर मुहावरों की बात करें ताे बातचीत में भी इनका खूब इस्‍तेमाल क‍िया जाता है। इन मुहावरों से जहां बातें रोचक हो जाती हैं तो वहीं इनका असर भी बढ़ जाता है।

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    अक्ल का दुश्मन, अंधेर नगरी चौपट राजा, अंगूठा दिखाना, ओखली में सर देना, खून पसीना एक करना, खून खौलना, रत्‍ती भर लाज नहीं, ख‍िस‍ियानी ब‍िल्‍ली खंभा नोचे जैसे कई मुहावरे रोजमर्रा की बातचीत में इस्‍तेमाल क‍िए जाते हैं। 'खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे' ये मुहावरा तो आपने कई बार सुना होगा। खासकर तब जब कोई व्यक्ति अपनी गलती या हार को छिपाने के लिए अनाप-शनाप हरकतें करने लगे।

    इस मुहावरे को सुनकर कभी आपके मन में ऐसा ख्‍याल नहीं आया क‍ि इसका मतलब क्‍या ह‍ै? इसका इस्‍तेमाल कब क‍िया जाता है और इसका इस्‍तेमाल कब और क्‍यों क‍िया जाता है। आज हम आपको अपने इस लेख में इस दिलचस्प मुहावरे से जुड़ी पूरी जानकारी देने जा रहे हैं। आइए जानते हैं व‍िस्‍तार से-

    क्‍या है इस मुहावरे का अर्थ

    'खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे' के अर्थ की बात करें तो जब कोई बिल्ली अपने किसी काम से परेशान हो जाती है या उसे सफलता नहीं म‍िलती है तो वह खंभे को नोचने लगती है। इंसानों के जीवन में इसका अर्थ होता है जेसे कोई बुरी तरह हार जाता है और उसे स्‍वीकार भी नहीं करता है। ऊपर से सामने वाले को रौब दि‍खाने लगता है और झुंझलाहट में अनाप-शनाप बोलने लगता है। इस स्‍थ‍ित‍ि में ये मुहावरा सार्थक हो जाता है।

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    कब होता है इस मुहावरे का इस्‍तेमाल

    इस मुहावरे का इस्‍तेमाल आमतौर पर उस समय किया जाता है, जब कोई अपनी हार छि‍पाने के ल‍िए बेवजह गुस्‍सा करने लगता है। बात-बात पर बहस करता है। खुद गलत होते हुए भी दूसरों पर आरोप लगाने लगता है। ऐसे में वो कुछ ऐसी हरकतें करता है जो जायज नहीं होता है।

    उदाहरण से समझें

    उदाहरण के तौर पर देखें तो जब सच सामने आया तो वह उल्टे मुझ पर ही चिल्लाने लगा। ऐसे में तो ये खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे वाली बात हो गई। इसके अलावा पढ़ाई न करने पर फेल हो जाना और दोष मास्‍टर जी पर डालना, ये भी इस मुहावरे का जीता जागता उदाहरण है।

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    कहां से आया ये मुहावरा

    इस मुहावरे का संबंध बिल्ली की हरकतों से जाेड़ा गया है। आपने भी कई बार देखा होगा क‍ि जब कोई बिल्ली किसी काम को करने में असफल हो जाती है या डर जाती है, तो वह तहस में आकर पास के खंभे या दीवार को पंजों से नोचने लगती है। इस व्यवहार को देखकर हमारे पूर्वजों ने इसे इंसानों की हरकतों से जोड़ा और यह मुहावरा बन गया। आज इस मुहावरे का इस्‍तेमाल आम बोलचाल में भी क‍िया जा रहा है। खास बात तो ये है क‍ि इस मुहावरे का आज भी इस्‍तेमाल हो रहा है।

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