बोर्ड परीक्षा में फेल होने पर माता-पिता ने केक काटकर मनाया जश्न, कहा-एग्जाम में फेल हुए जिंदगी में नहीं
कर्नाटक में एक स्टूडेंट्स के दसवीं कक्षा में फेल हो जाने पर उनके माता पिता ने केक काटकर अपने बच्चे का हौंसला बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि कोई भी परीक्षा जिंदगी से बढ़कर नहीं है। अपने अभिभावकों के इस जेस्चर को देखकर फेल होने वाले स्टूडेंट ने भी अगले साल कड़ी मेहनत करके परीक्षा में पास होने का संकल्प लिया है।
एजुकेशन डेस्क, नई दिल्ली। देशभर में बोर्ड परीक्षा रिजल्ट जारी हो रहे हैं। इसी क्रम में 2 मई को कर्नाटक बोर्ड 10th क्लास का रिजल्ट जारी किया गया था। सभी अभिभावकों को अपने बच्चों से उम्मीदें होती हैं कि वे बेहतर प्रदर्शन करके उनका नाम ऊंचा करेंगे। कई माता-पिता कम अंक आने पर छात्र को डांट भी लगा देते हैं और अभिभावक छात्रों से बेरुखी दिखाते हैं। लेकिन आज हम एक ऐसे माता-पिता की बात कर रहे हैं जिन्होंने अपने बच्चे के फेल होने पर केक काटकर उसे सेलिब्रेट किया और दूसरे अभिभावकों के एक नई राह दिखाई।
कहा- एग्जाम में फेल हुए जिंदगी में नहीं
कर्नाटक राज्य में बागलकोट जिले में रहने वाले अभिषेक चोलाचगुड्डा, बसवेश्वर इंग्लिश मीडियम स्कूल में कक्षा 10वीं में पढ़ रहे हैं और इस वर्ष बोर्ड परीक्षा में भाग लिया। लेकिन वे सभी विषयों में फेल हो गए। उन्होंने कुल 625 अंकों में से केवल 200 अंक (32 फीसदी) हासिल किये। ऐसे में उनके माता-पिता ने अपने बच्चे का हौंसला बढ़ाते हुए कहा की परीक्षा में फेल हुए हो, जिंदगी में नहीं। इसके साथ ही उन्होंने इसे केक काटकर सेलिब्रेट किया। केक में उन्होंने 10th रिजल्ट के साथ ही, पूर्णांक, प्राप्तांक, पर्सेंटेज के साथ ही नाम का अलग से केक काटा।
अभिषेक अपने माता-पिता से हुए प्रेरित
फेल होने के बाद उनके माता पिता का व्यवहार देखकर अभिषेक बहुत प्रेरित हुए हैं और उन्होंने कहा कि वे फिर से बोर्ड परीक्षा में भाग लेंगे। उन्होंने परीक्षा में इस बार कड़ी मेहनत करके पास होने का संकल्प लिया है।
देशभर के अभिभावकों के लिए सीख
अभिषेक के माता पिता देशभर के पेरेंट्स के लिए अनोखे बन गए हैं। उन्होंने अपने इस जेस्चर से अभिभावकों को सीख दी है कि वे हर तरीके से अपने बच्चों को समझें और सहायता करें और उनका हौंसला बढ़ाएं। कई बार देखा जाता है कि पेरेंट्स के डर से छात्र फेल होने पर गलत कदम उठा लेते हैं। ऐसे में उन्हें यह सीखना होगा कि परीक्षा में फेल हो जाना किसी बच्चे की लाइफ से बढ़कर नहीं है।
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