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    विमानों के इंजन को जाम कर देगी इथियोपिया के ज्वालामुखी की राख, क्या दिल्ली के मौसम पर भी होगा असर?

    Updated: Tue, 25 Nov 2025 10:06 AM (IST)

    इथियोपिया के हायली गूबी ज्वालामुखी में विस्फोट के बाद राख का बादल फैल गया है, जिससे विमानों के लिए खतरा बढ़ गया है। डीजीसीए ने एयरलाइंस को सतर्क रहने की सलाह दी है। दिल्ली से एम्सटर्डम जाने वाली उड़ान रद कर दी गई है, और अन्य उड़ानों का मार्ग बदला जा रहा है। राख के बादल विमान के इंजन को नुकसान पहुंचा सकते हैं, इसलिए सुरक्षा के लिए सतर्कता बरती जा रही है।  

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    गौतम कुमार मिश्रा, नई दिल्ली। इथियोपिया के हायली गूबी ज्वालामुखी में रविवार को हुए विस्फोट के बाद आसमान में विशाल राख और सल्फर डाईऑक्साइड का बादल हवा में उड़ गया। यह बादल अब पूर्व की ओर बढ़ते हुए गुजरात से प्रवेश कर राजस्थान, दिल्ली-एनसीआर और पंजाब की ओर बढ़ सकता है। 

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    वहीं, उड़ान नियामक संस्था डीजीसीए ने तमाम एयरलाइंस को प्रभावित ऊंचाई और क्षेत्रों से बचने की सलाह दी है। डीजीसीए ने सभी एयरपोर्ट ऑपरेटरों को रनवे की जांच करने और जरूरत पड़ने पर ऑपरेशन स्थगित करने की सलाह दी है। वहीं, इसका असर दिल्ली-एनसीआर के मौसम पर भी पड़ सकता है।

    सोमवार को इसका आईजीआई एयरपोर्ट की उड़ान सेवाओं पर असर दिखने लगा। दिल्ली से एम्सटर्डम जाने वाली उड़ान को रद कर दिया गया। एयरपोर्ट सूत्रों का कहना है कि उड़ान को रद करने के पीछे की एकमात्र वजह इस उड़ान के तय मार्ग में ज्वालामुखीय राख से बने बादलों का होना है।

    वहीं हालांकि, दक्षिण भारत के कन्नूर से अबुधाबी जाने वाली उड़ान को सोमवार को डाइवर्जन का सामना करना पड़ा। इंडिगो की इस उड़ान को अहमदाबाद डाइवर्ट कर लैंड करने को कहा गया ताकि विमान राख वाले बादल से बच सके।

    एयरपोर्ट सूत्रों का कहना है कि अभी तक आईजीआई एयरपोर्ट या दिल्ली के आसपास ज्वालामुखीय विस्फाेट के राख या अन्य अंशों से बने बादल को देखा नहीं गया है, लेकिन सतर्कता पूरी बरती जा रही है। यदि ऐसे बादल नजर आए और दृश्यता कम हुई तो ऑपरेशन को बंद किया जा सकता है।

    यह भी पढ़ें- दिल्ली-एनसीआर पहुंची इथियोपिया के ज्वालामुखी की राख, कई उड़ानें रद; एडवाइजरी जारी

    विमानन कंपनियों से जुड़े सूत्रों का कहना है कि यदि असर कम रहा तो जररत पड़ने पर उड़ान सेवाओं का मार्ग परिवर्तित किया जा सकता है। लेकिन यदि समस्या गंभीर हुई तो उड़ान को रद करना पड़ेगा।

    विमानों के लिए राख के बादल से दूरी बनाना क्यों है जरूरी

    ज्वालामुखीय राख का घनत्व काफी अधिक होता है। इससे मुख्य खतरा विमानों के इंजन को है, क्योंकि राख इंजन को जाम कर सकती है।