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    'निर्माण कार्य रुकने से बेरोजगार हुए मजदूरों को मिले गुजारा भत्ता', प्रदूषण पर सुनवाई के दौरान SC का निर्देश

    Updated: Wed, 19 Nov 2025 02:54 PM (IST)

    सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण पर सुनवाई करते हुए निर्देश दिया कि निर्माण कार्य रुकने से बेरोजगार हुए मजदूरों को गुजारा भत्ता मिलना चाहिए। कोर्ट ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया है कि मजदूरों को समय पर भत्ता मिले, जिससे उन्हें आर्थिक मदद मिल सके। प्रदूषण नियंत्रण के प्रयासों के साथ, कोर्ट मजदूरों के हितों की रक्षा के लिए भी प्रतिबद्ध है।

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    सुप्रीम कोर्ट के पास छाई धुंध का नजारा। फाइल फोटो

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। बिगड़ती हवा से निपटने के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) की ओर से एनसीआर में ग्रेडेड एक्शन रिस्पॉन्स प्रोटोकॉल (ग्रेप) तीन की पाबंदिया लगाई गई हैं। ताजा मामले में बुधवार को वायु प्रदूषण से संबंधित मुख्य याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान सरकार को ग्रेप-3 के लागू होने के बाद निर्माण कार्य रुकने से बेरोजगार हुए श्रमिकों को गुजारा भत्ता देने का निर्देश दिया है। 

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    साथ ही मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने उपरोक्त राज्यों की सरकारों को वायु प्रदूषण कम करने के लिए निवारक उपाय लागू करने और उनकी नियमित समीक्षा सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया। इसके अलावा सर्वोच्च न्यायालय ने यह भी कहा है कि वायु प्रदूषण से संबंधित मामलों को मासिक आधार पर सूचीबद्ध किया जाना चाहिए।

    अदालत ने कहा, "हमारा मानना है कि वायु प्रदूषण के स्तर को कम करने के उद्देश्य से की गई कोई भी सक्रिय कार्रवाई स्वागत योग्य है। हालांकि, ऐसे फैसले लेने वाले अधिकारियों को सभी कारकों पर विचार करना चाहिए और सभी संबंधित हितधारकों का ध्यान रखना चाहिए।" मालूम हो कि जहरीली वायु गुणवत्ता झेल रहे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा है।

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    उल्लेखनीय है कि इससे पहले, मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने देश में बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर नई जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था। याचिका में देश में बढ़ते वायु प्रदूषण के स्तर से निपटने में प्रणालीगत विफलता से निपटने के लिए तत्काल न्यायिक हस्तक्षेप का अनुरोध किया गया था। अदालत ने स्वास्थ्य प्रशिक्षक ल्यूक क्रिस्टोफर कोटिन्हो को जनहित याचिका वापस लेने और पर्यावरणविद् एमसी मेहता द्वारा प्रदूषण पर दायर लंबित मामले में हस्तक्षेप याचिका दायर करने की अनुमति दे दी। 

    दिल्ली की हवा 'बहुत खराब' श्रेणी में बरकरार

    दिल्ली की हवा बुधवार को भी ''बहुत खराब'' श्रेणी में बरकरार रही। कोहरे और मंद हवाओं की वजह से जल्द हवा के 'गंभीर' श्रेणी में पहुंचने के आसार बन रहे हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक, बुधवार सुबह 10 बजे दिल्ली का औसत एक्यूआई 379 रिकॉर्ड किया गया, जबकि स्विस एप आइक्यू एयर ने 732 यानी कि ''खतरनाक'' श्रेणी में दर्ज किया। दूसरी तरफ मौसम में ठंडक बरकरार है और आज का न्यूनतम तापमान 10.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ है। वहीं अधिकतम तापमान 27 डिग्री के आसपास रह सकता है।

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    (समाचार एजेंसी एएनआई के इनपुट के साथ)

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