मनी लॉन्ड्रिंग केस में सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर संदीपा वीर्क को राहत, दिल्ली हाईकोर्ट से दो लाख के मुचलके पर बेल
दिल्ली हाईकोर्ट ने सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर संदीपा वीर्क को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में नियमित जमानत दे दी है। न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा की पीठ ने कह ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने इंटरनेट मीडिया इन्फ्लुएंसर संदीपा वीर्क को मनी लांड्रिंग के एक मामले में नियमित जमानत दे दी है। न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा की पीठ ने कहा कि लेनदेन के करीब एक दशक बाद कार्रवाई शुरू हुई और ऐसे हालात में आरोपित को जेल में रखना उचित नहीं है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने विर्क पर फर्जी ब्यूटी प्रोडक्ट्स बेचने और फिल्म में लीड रोल दिलाने का झांसा देकर करीब छह करोड़ रुपये की ठगी का आरोप लगाया है।
अदालत ने कहा कि मामले में लंबी देरी और परिस्थितियों को देखते हुए हिरासत जारी रखना न्यायसंगत नहीं होगा। अदालत ने वीर्क को दो लाख रुपये के निजी मुचलके और दो जमानती के बदले जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया। हाईकोर्ट ने इस तथ्य पर भी गौर किया कि न तो पुलिस ने प्रेडिकेट ऑफेंस (संज्ञेय अपराध) में वीर्क के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया और न ही निजी शिकायत दर्ज होने पर मजिस्ट्रेट ने उन्हें समन किया।
अदालत ने यह भी नोट किया कि मुख्य आरोपित द्वारा शिकायतकर्ता को करीब 2.7 करोड़ रुपये पहले ही वापस किए जा चुके हैं। इन सभी परिस्थितियों को देखते हुए कोर्ट ने वीर्क को राहत देते हुए कहा कि इस अवस्था पर उसकी निरंतर हिरासत उचित नहीं ठहराई जा सकती।
ईडी की कार्रवाई 2016 में पंजाब में दर्ज प्राथमिकी पर आधारित है, जिसमें आइपीसी की धारा 406 और 420 के तहत मामला दर्ज किया गया था। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि अमित गुप्ता और अन्य लोगों, जिनमें वीर्क का नाम भी शामिल किया गया, ने उन्हें फिल्म में मुख्य भूमिका दिलाने के नाम पर लगभग छहकरोड़ रुपये निवेश करने के लिए राजी किया।
इस मामले में अमित गुप्ता को बाद में घोषित अपराधी घोषित किया गया। ईडी ने दावा किया कि वीर्क ने अपनी पहचान गलत तरीके से पेश की और एक फर्जी ई-कामर्स वेबसाइट हायबू केयर.काम के जरिए धोखाधड़ी कर अवैध धन को घुमाया। विर्क को अगस्त 2025 में गिरफ्तार किया गया था।

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