दिल्ली में रोहिणी सेक्टर-20 का पार्क महीनों से जलमग्न, छठ घाट के पानी से हादसे का खतरा
बाहरी दिल्ली के रोहिणी सेक्टर-20 का जिला पार्क पिछले कई महीनों से जलमग्न है, जिससे स्थानीय लोगों को परेशानी हो रही है। मानसून का पानी और छठ घाट का पान ...और पढ़ें
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रोहिणी सेक्टर-20 के जिला पार्क में भरे पानी पर तैरती काई। जागरण
संवाद सहयोगी, बाहरी दिल्ली। बाहरी दिल्ली में रोहिणी सेक्टर-20 के जिला पार्क का आधा हिस्सा पिछले कई महीनों से जलमग्न है। पार्क एक हिस्से में मानसून के दौरान हुई वर्षा का पानी जमा है तो दूसरे हिस्से में बनाए गए छठ घाट का पानी की अभी तक निकासी नहीं हो पाई है।
इस कारण, पार्क खेलने आने वाले बच्चों व सैर के लिए आने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मानसून बीते ढाई महीने से ज्यादा समय हो गया, लेकिन अभी तक पानी की निकासी नहीं हो पाई। छठघाट के पानी की निकासी नहीं होने से हादसे का खतरा भी बना हुआ है। पिछले साल इसी जगह पर डूबने से एक बच्चे की मौत हो गई थी।
रोहिणी सेक्टर-20, पूठ कलां, कैलाश विहार, अमन विहार, सुल्तानपुरी, कृष्ण विहार व कर्ण विहार के लोग इसी पार्क में व्यायाम व टहलने के लिए पार्क में आते हैं। पार्क चूंकि ढलान पर बना है, इसलिए हर मानसून में पार्क के बड़े हिस्से में पानी भर जाता है। पांच एकड़ से अधिक क्षेत्रफल में फैले इस पार्क में लगभग 25 प्रतिशत जगह पर पानी भरा हुआ है। पानी पर काई तैरती हुई नजर आ रही है। इस वजह से पार्क में लगी घास व पेड़-पौधे भी नष्ट हो रहे है।
छठघाट में भरा कई फीट पानी
जिला पार्क स्थित छठपूजा के डेढ़ महीने बाद भी पानी नहीं निकाला जा सका है। पार्क के छठघाट में लगभग डेढ़ से तीन फीट पानी भरा हुआ है। जो पार्क में खेलने वाले बच्चों के लिए भी खतरा बना हुआ है। कई बार जलभराव की वजह बच्चे सहित कई लोग गिरकर चोटिल हो चुके हैं। पिछले साल के बच्चे की छठघाट में भरे पानी में डूबने के कारण मौत हो गई थी।
इस पार्क में बड़ी संख्या में छोटे-छोटे बच्चे क्रिकेट व अन्य खेल खेलने के लिए पार्क में आते है। घाट में भरे पानी में गेंद जाने के बाद बच्चे पानी से निकालते हुए दिखते है। जिनपर पानी में डूबने का खतरा हमेशा बना रहता है।
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मैं प्रतिदिन पार्क में आता हूं, लेकिन जलभराव की वजह फैली गंदगी व बदबू की वजह से घूम का चला जाता हूं। मैं यहां बीते तीन महीनों से बदबू व गंदगी के कारण से योग भी नहीं कर रहा। पार्क की इस स्थिति की वजह से हमें लगता है कि यहां स्वस्थ तो नहीं, बीमार जरूर हो जाएंगे। - रामचंद्र, कैलाश विहार
हम मानसून के समय तो पार्क में कदम ही नहीं रख पाते। क्योंकि पार्क में लगभग तीन फीट से अधिक पानी होता है और अब भी पानी भरा हुआ है। छठपूजा के बाद पानी निकाला ही नहीं गया और पानी में गंदगी फैली हुई है। - सुरेश, रोहिणी सेक्टर-20
मैं पार्क से गुजरते हुए अपने बच्चों को स्कूल से लेकर आता हूं। मैं कई सालों से पार्क की यही स्थिति देख रही हूं। बदबू और मच्छर की वजह से यहां से गुजरना काफी मुश्किल हो जाता है। जबकि साथ वाली सड़क पर कूड़े के ढेरे की वजह से बदबू रहती है। मजबूरन यही से गुजरना पड़ता है। - खुशबू, रोहिणी सेक्टर-20

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