Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पश्चिमी दिल्ली में नियमों की उड़ रही धज्जियां, पालम ड्रेन में गिर रहा सीवर का गंदा पानी

    Updated: Mon, 03 Nov 2025 08:36 AM (IST)

    पश्चिमी दिल्ली के पालम ड्रेन में सीवर का गंदा पानी गिरने से यमुना की सफाई पर असर पड़ रहा है। द्वारका और मधु विहार के निवासी गंदगी और बदबू से परेशान हैं। जल बोर्ड और सिंचाई विभाग की लापरवाही के कारण समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है। यमुना को बचाने के लिए क्षेत्र में एसटीपी लगाने की आवश्यकता है।

    Hero Image

    जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली। पश्चिमी दिल्ली में द्वारका व आसपास की कॉलोनियों के मध्य से गुजरने वाले पालम ड्रेन में गिर रहा सीवर का गंदा पानी यमुना को स्वच्छ करने के तमाम दावे और कवायद को पलीता लगा रही है। बरसाती नालों से होता हुआ यह गंदा पानी सीधे यमुना में पहुंच रहा है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यह स्थिति तब है, जब सरकार द्वारा यमुना के पानी को साफ करने की बहुस्तरीय कोशिश हो रही है। आलम यह है कि पालम ड्रेन के किनारे बसे द्वारका व मधु विहार के निवासी गंदगी और बदबू के कारण परेशानियों का सामना करने को विवश है। आश्चर्य तो यह है कि समस्या को लेकर न तो जल बोर्ड और न ही सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग गंभीर है।

    नाले के किनारे स्थित आदर्श अपार्टमेंट के लोगों का कहना है कि सीवर के गंदे पानी से यहां आसपास का पूरा वातावरण दूषित हो रहा है। अपार्टमेंट की आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष एनडी जोशी का कहना है कि बदबू के कारण लोगों का यहां गुजरना दूभर हो जाता है, तो दूसरी ओर इससे लोगों को बीमारी फैलने का भी अंदेशा है।

    जोशी बताते हैं कि शिकायत करने पर कई बार ड्रेन में सीवर का पानी बहने से रोक दिया जाता है लेकिन कुछ दिन बाद फिर पुरानी स्थिति बहाल हो जाती है। यह असहनीय स्थिति है। लोगों का कहना है कि उन्होंने इस संबंध में दिल्ली जल बोर्ड व सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारियों से शिकायत करने पर कुछ समय तक तो गंदे पानी को नाले में बहाने पर रोक लग जाती है लेकिन कुछ दिनों बाद फिर से पुरानी स्थिति कायम हो जाती है।

    इस समस्या का कोई स्थायी समाधान नहीं निकाला गया है। आलम यह है कि इस वजह से यहां से गुजरने वाले और यहां के अपार्टमेंट में रहने वाले लोग दूषित वातावरण में रहने को मजबूर हैं।

    मधु विहार आरडब्ल्यूए के प्रधान रणबीर सिंह सोलंकी ने बताया कि पालम ड्रेन बरसात के पानी की निकासी के लिए है, लेकिन लापरवाही और नियमों की अनदेखी करते हुए इसमें जगह-जगह क्षेत्र के विभिन्न कालोनियों के सीवर का गंदा पानी छोड़ा जा रहा है। यही नहीं, इस ड्रेन का पानी यमुना में जाकर मिलता है।

    यह भी पढ़ें- दिल्‍ली-NCR में छाई धुंध की चादर, जहरीली हवा घोंट रही लोगों का दम; आनंद विहार में AQI 371 दर्ज

    इसे देखते हुए सरकार की यमुना को साफ करने और साफ रखने की मंशा पर भी सवाल उठते हैं। जब सीवर का गंदा पानी सीधे यमुना के पानी में मिलेगा तो यमुना कैसे साफ रह सकती है।

    एसटीपी बने तो मिले राहत

    सीवर का गंदा पानी बरसाती नालों से होता हुआ यमुना तक नहीं पहुंचे, इसके लिए क्षेत्र में सीवर ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) लगाने की आवश्यकता है। क्षेत्र के विभिन्न इलाकों से गुजरने वाले बरसाती नालों के समानांतर पाइपलाइन बिछाने की योजना बनाई गई है। इस पाइपलाइन के जरिए सीवर के गंदे पानी को एसटीपी तक पहुंचाया जाएगा और फिर इसे बरसाती नालों में छोड़े जाने की बात कही जा रही है।

    सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग का पक्ष

    इस पूरे प्रकरण में सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारी का कहना है कि यह समस्या उनके संज्ञान में है। यहां समस्या का कारण दिल्ल जल बोर्ड का रवैया है। जल बोर्ड को पत्र लिखकर कहा गया है कि वह सीवर का पानी नाले में नहीं छोड़े, लेकिन वे अनदेखी करते हैं। फिलहाल कहीं शायद सीवर लाइन में खराबी के कारण पानी इसमें छोड़ा जा रहा है। हमलो पूरा प्रयास कर रहे हैं कि इसे जल्द से जल्द नाले में बहाने से रोका जाए।