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    प्रवेश वर्मा को क्यों नहीं बनाया गया दिल्ली का CM? सामने आई बड़ी वजह

    By Santosh Kumar Singh Edited By: Rajesh Kumar
    Updated: Wed, 19 Feb 2025 11:55 PM (IST)

    दिल्ली सरकार में प्रवेश वर्मा को उपमुख्यमंत्री पद दिए जाने की चर्चा है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट कर वर्मा को उपमुख्यमंत्री चुने जाने की बधाई दी थी लेकिन बाद में उन्होंने पोस्ट डिलीट कर दी। इससे उनके नाम को लेकर चर्चा तेज हो गई है। वहीं तीसरी बार विधानसभा पहुंचे पूर्व नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता को विधानसभा का स्पीकर बनाया जा सकता है।

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    प्रवेश वर्मा को दिल्ली का सीएम क्यों नहीं बनाया गया, जानिए वजह (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो जागरण, नई दिल्ली। प्रवेश वर्मा, विजेंद्र गुप्ता, आशीष सूद, सतीश उपाध्याय, मनजिंदर सिरसा जैसे बड़े नेताओं को मुख्यमंत्री पद से वंचित कर दिया गया। उनकी जगह रेखा गुप्ता को तरजीह दी गई है। इससे कई नेता निराश हैं।

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    वंचित बड़े नेता बन सकते हैं मंत्री

    माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल कई नेताओं को मंत्री पद दिया जा सकता है। इनमें से एक को विधानसभा अध्यक्ष का पद भी मिल सकता है।

    प्रवेश वर्मा बनेंगे डिप्टी सीएम

    दिल्ली सरकार में प्रवेश वर्मा को उपमुख्यमंत्री पद दिए जाने की चर्चा है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट कर वर्मा को उपमुख्यमंत्री चुने जाने की बधाई दी थी, लेकिन बाद में उन्होंने पोस्ट डिलीट कर दी। इससे उनके नाम को लेकर चर्चा तेज हो गई है।

    वहीं, तीसरी बार विधानसभा पहुंचे पूर्व नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता को विधानसभा का स्पीकर बनाया जा सकता है। आशीष सूद, मनजिंदर सिंह सिरसा, रविंद्र इंद्राज, कपिल मिश्रा, डॉ. पंकज सिंह को मंत्री पद दिया जा सकता है।

    सतीश उपाध्याय, अरविंदर सिंह लवली, मोहन सिंह बिष्ट, अभय वर्मा, कैलाश गंगवाल और करनैल सिंह सैनी भी मंत्री पद की दौड़ में बताए जा रहे हैं।

    क्यों पिछड़े प्रवेश व विजेंद्र गुप्ता?

    अरविंद केजरीवाल को हराने वाले प्रवेश वर्मा और पूर्व नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता को मुख्यमंत्री पद का प्रबल दावेदार माना जा रहा था। कहा जाता है कि भाई-भतीजावाद के आरोप से बचने के लिए वर्मा को मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया।

    विजेंद्र गुप्ता पर रेखा गुप्ता को तरजीह दी गई। क्योंकि, उन्हें मुख्यमंत्री बनाने से वैश्यों के साथ महिलाओं को भी खुश करने में मदद मिलेगी। विधायक दल की बैठक से पहले ही पर्यवेक्षकों ने इन दोनों नेताओं के साथ ही मुख्यमंत्री पद के प्रमुख दावेदार सतीश उपाध्याय से अलग-अलग बात करके राष्ट्रीय नेतृत्व के फैसले से अवगत करा दिया था।

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