Tillu Tajpuriya: 2008 से अपराध की दुनिया में सक्रिय, नीरज बवाना गैंग से संबंध; जानें कौन था टिल्लू ताजपुरिया
Tillu Tajpuriya तिहाड़ जेल संख्या आठ-नौ में बंद कुख्यात बदमाश सुनील उर्फ टिल्लू ताजपुरिया की मंगलवार को हत्या कर दी गई। उसने 2008 में अपराध की दुनिया में कदम रखा था। उसके नीरज बवाना सुनील राठी से संबंध थे।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। तिहाड़ जेल संख्या आठ-नौ में बंद कुख्यात बदमाश सुनील उर्फ टिल्लू ताजपुरिया की मंगलवार को हत्या कर दी गई। जेल अधिकारी के मुताबक, दिल्ली के रोहिणी कोर्ट शूटआउट के आरोपी गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया पर प्रतिद्वंद्वी गिरोह के सदस्यों योगेश टुंडा और अन्य ने तिहाड़ जेल में हमला कर उसे मार गिराया। उसे घायल अवस्था में इलाज के लिए दिल्ली के दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
50 से अधिक संगीन आपराधिक वारदात में शामिल
33 वर्षीय कुख्यात गैंगस्टर सुनील मान उर्फ टिल्लू ताजपुरिया बाहरी-उत्तरी जिला के अलीपुर थाना अंतर्गत ताजपुर गांव का रहने वाला था। स्पेशल सेल की मानें तो उसने 50 से अधिक संगीन आपराधिक वारदातों को अंजाम दे चुका था, लेकिन उसके खिलाफ 15 मामले ही दर्ज हो पाए थे, जिसमें अधिकतर हत्या, हत्या के प्रयास, गैंगवार व रंगदारी मांगने के थे।
गोगी के साथ टिल्लू ने की थी पढ़ाई
श्रद्धानंद कॉलेज में टिल्लू व जितेंद्र मान उर्फ गोगी की पढ़ाई हुई। कॉलेज में दोनों अच्छे दोस्त थे। छात्र चुनाव को लेकर दोनों में दुश्मनी शुरू हुई थी। इन्होंने छात्र राजनीति में बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया था। छोटे-छोटे मामले व एक युवती के साथ दोस्ती को लेकर टिल्लू व गोगी के बीच झगड़ा इतना बढ़ गया कि दोनों ने अपना-अपना गिरोह बना एक दूसरे पर हमला करना शुरू कर दिया था।
नगर निगम में नौकरी करते थे पिता
टिल्लू 2008 में अपराध की दुनिया में कदम रखा था। इसके पिता नगर निगम में नौकरी करते थे। पिछले कुछ सालों में टिल्लू व गोगी गिरोह बहुत तेजी से उभर कर सामने आया। दोनों गिरोहों में गैंगवार होने से पिछले 15 सालों में 40 से अधिक लोगों की हत्या हो चुकी है। गिरोह को मजबूत बनाने के लिए टिल्लू ने नीरज बवाना, सुनील राठी, अमित भूरा आदि गैंगस्टरों से हाथ मिला था।
उधर गोगी ने लारेंस बिश्नोई, गोल्डी बराड़, काला जठेड़ी से हाथ मिला लिया। दोनों गिरोहों के दिल्ली व हरियाणा समेत आसपास के राज्यों में बढते आतंक को देखते हुए 2018 में स्पेशल सेल ने दोनों गिरोहों के कई सदस्यों पर मकोका लगा दिया। ताकि इन्हें लंबे समय तक जेल में रखा जा सके। बावजूद इसके इनका आतंक कम नहीं हुआ, बल्कि जेल से ही गिरोहाें को आपरेट करते रहे।
2016 में सोनीपत पुलिस ने हत्या के मामले में टिल्लू को गिरफ्तार कर लिया था तब से वह जेल में बंद था। 26 अगस्त 2022 को टिल्लू और इसके कई सदस्यों पर एनआइए ने भी मुकदमा किया था। यह अलीपुर थाने का घोषित अपराधी है।
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