चुनाव में बांग्लादेशी और रोहिंग्या के मुद्दे पर क्या होगी AAP की रणनीति? भाजपा और कांग्रेस के लिए बनाया मास्टर प्लान
Bangladeshi and Rohingya Infiltration Issue आम आदमी पार्टी ने बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठ के मुद्दे पर बीजेपी को घेरने की रणनीति बनाई है। आप इस मुद्दे पर पीछे नहीं हटेगी और आक्रामक होगी। आप हर बड़े आयोजन में भाजपा से जवाब मांगेगी कि देश और खासकर दिल्ली में बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठिए कैसे पहुंच रहे हैं। लेख में पढ़ें पूरी खबर।

वी के शुक्ला, नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी ने एक रणनीति के तहत बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों के मामले पर भाजपा को घेरने की योजना तैयार की है। इस मुद्दे पर आप पीछे नहीं हटेगी और बल्कि इस मुद्दे पर आक्रामक होगी।
रणनीति के तहत आप विधानसभा चुनाव तक हर बड़े आयोजन में भाजपा से यह जवाब मांगेगी कि देश और खास कर दिल्ली में बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठिए कैसे पहुंच रहे हैं। आप तीन साल पहले के भाजपा के वरिष्ठ नेता व केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी के उसे बयान को भी बार-बार हाइलाइट करेगी जिसमें उन्होंने दिल्ली में रोहिंग्या को बसाने की बात कही थी।
बांग्लादेशी घुसपैठियों के मुद्दे पर अभी तक AAP दिखी बैकफुट पर
इस मुद्दे पर अभी तक की आप की राजनीतिक रणनीति की बात करें तो बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों के मुद्दे पर आप बैकफुट पर रहीं है। कहीं न कहीं ऐसा माना जाता रहा है बांग्लादेशियों का जो वोट अभी तक कांग्रेस को मिलता रहा था जो पिछले चुनावों में आम आदमी पार्टी को एक तरफ मिला है।
यह बात तो साफ है कि अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या भारतीय जनता पार्टी को मतदान नहीं करते हैं। दिल्ली में बड़ी संख्या में रोहिंग्या और बांग्लादेशी वर्षों से रह रहे हैं अब उनकी पहचान करना किसी एजेंसी के लिए बहुत टेढ़ी खीर है।
दिल्ली में 25 से 30 लाख अवैध बांग्लादेशियों की है आबादी
पुराने समय की बात करें तो कई साल पहले सीमापुरी में पुलिस द्वारा चलाए गए अभियान में कुछ ऐसे बांग्लादेशियों की भी पहचान की गई थी जो एक राष्ट्रीय दल के सीमापुरी इलाके के पदाधिकारी भी थे। उस समय उस दल की दिल्ली में सरकार थी और ऐसे में पुलिस ने दबाव बनाने के बाद भी उनको यहां से खदेड़ नहीं पाया था।
बाद में बात आई गई हो गई थी। अब यह बांग्लादेशी भले ही किसी दल में पदाधिकारी ना हों मगर दिल्ली में इनकी संख्या अच्छी खासी बताई जा रही है। अभी तक ऐसा कोई सर्वे नहीं हुआ है जिसमें यह बताया गया हो कि दिल्ली में अवैध बांग्लादेशियों की संख्या कितनी है।
विधानसभा चुनाव में उठेगा मुद्दा
मगर 1997 में सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली सरकार के ओर से दिए गए एक शपथ पत्र में अवैध बांग्लादेशियों की संख्या 13 लाख बताई गई थी। उसे हिसाब से अनुमान लगाया जा रहा है कि इस समय दिल्ली में 25 से 30 लाख अवैध बांग्लादेशियों की आबादी होगी।
जिसमें 50000 के करीब रोहिंग्या भी शामिल हो सकते हैं। बहरहाल अब देखना यह है बांग्लादेशियों पर हो रही राजनीति किस ओर मोड़ लेती है।
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