दिल्ली-NCR में भीषण गर्मी इस बार तोड़ेगी पिछले 72 साल का रिकॉर्ड
मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक डॉ. केजे रमेश के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर में लगातार बढ़ रही गर्मी के लिए ग्लोबल वार्मिग तो उत्तरदायी है ही, वाहनों की संख्या भी कुसूरवार है।
नई दिल्ली (संजीव गुप्ता)। घटती हरियाली और बढ़ते वायु प्रदूषण ने अप्रैल महीने में गर्मी का प्रचंड रूप दिखा दिया है। तापमान बस एक और डिग्री बढ़ते ही अप्रैल माह की गर्मी पिछले 72 साल का रिकॉर्ड तोड़ देगी। भीषण गर्मी से परेशान तो सभी हैं, लेकिन इसकी वजह जानने एवं उसमें सुधार के लिए गंभीर शायद कोई नहीं है।
बुधवार को राजधानी के पालम क्षेत्र में तापमान 44.4 डिग्री सेल्सियस जा पहुंचा। रिज और आयानगर में भी यह 43.4 डिग्री सेल्सियस तक रहा, जबकि गत वर्षों की स्थिति पर निगाह डालें तो अप्रैल में आमतौर पर 40 से 42 डिग्री तक ही तापमान रहता था। वर्ष 1945 में 29 अप्रैल को अधिकतम तापमान 45.6 डिग्री दर्ज किया गया था।
वायुमंडलीय विज्ञान केंद्र की अध्यक्ष और आइआइटी की प्रोफेसर डॉ. मंजू मोहन का कहना है कि दिल्ली-एनसीआर में साल दर साल बढ़ती गर्मी के लिए अर्बन हीट आइलैंड एक बड़ी वजह है। मतलब बढ़ते शहरीकरण से जुड़ीं गतिविधियां।
आबादी के बढ़ते दबाव में हरित क्षेत्र कम होता जा रहा है, जबकि कंक्रीट का जंगल बढ़ता जा रहा है। डीजल से चलने वाले जेनरेटर और एयरकंडीशन से निकलने वाली गर्म हवा भी वातावरण में गर्मी बढ़ा रही है।
मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक डॉ. केजे रमेश के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर में लगातार बढ़ रही गर्मी के लिए ग्लोबल वार्मिग तो उत्तरदायी है ही, वाहनों की संख्या भी कुसूरवार है। वाहनों से निकलने वाला धुआं भी वायु को दूषित ही नहीं करता, बल्कि उसे गर्म भी करता है। प्रकृति से खिलवाड़ रोकना होगा।