भाभी के मोबाइल की चिंता राहुल को सताती रही, लोकेशन चेक करने में पूरे दिन जुटा रहा; ऐसे खुल गया भेद
पश्चिमी दिल्ली में एक हत्या का रहस्य मोबाइल चैट से खुला। राहुल के फोन के कुणाल के हाथ लगने से साजिश का पर्दाफाश हुआ। राहुल की पत्नी और चचेरे भाई की मिलीभगत उजागर हुई। राहुल ने अंतिम संस्कार में दुख का दिखावा किया लेकिन मोबाइल ढूंढने की सनक ने उसे बेनकाब कर दिया। कुणाल ने पुलिस को सारी जानकारी दी।

जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली। साजिश रचने वाला चाहे लाख समझदार हो, लेकिन वह कोई न कोई ऐसी हरकत जरूर कर देता है, जिससे उसका भेद आखिर खुल ही जाता है। करण ही हत्या में उसकी अपनी पत्नी व उसका चचेरा भाई शामिल है, यह बात शायद किसी को पता नहीं चलती, अगर राहुल का मोबाइल किसी और के हाथ से कुणाल के हाथ नहीं लग जाता।
कुणाल बताते हैं कि कुणाल को जब लगा कि उसका मोबाइल फोन किसी और के हाथ लग गया है, तो उसने मोबाइल ढूंढना शुरू किया। घरवालों से वह पूछता रहा कि क्या किसी ने उसका मोबाइल फोन लिया है। इधर कुणाल मौका मिलते ही उसके चैट को पढ़ता रहा। लेकिन कुणाल ने राहुल को एक बार भी भनक नहीं लगने दी कि उसका मोबाइल उसके हाथ लग चुका है और वह सारी बातें जान चुका है।
राहुल बताते हैं कि जब वह चैट पढ़ चुका था, तब उसकी पहली प्राथमिकता शव का अंतिम संस्कार करना था। शव के अंतिम संस्कार में राहुल भी शामिल हुआ। उसने पूरा दिखावा किया कि वह अपने चचेरे भाई की मौत से काफी दुखी है। इधर वह मोबाइल फोन की लोकेशन को माेबाइल से अटैच वॉच के जरिए भी ढूंढता रहता था।
जब उसे पता चला कि मोबाइल करण के पुराने वाले घर में ही है, तो उसने घर में सभी से मोबाइल के बारे में पूछना शुरू कर दिया। राहुल बताते हैं कि मोबाइल ढूंढने की उसकी सनक को देखकर साफ साफ पता चलता था कि उसे डर हो चुका था कि मोबाइल में सुष्मिता के साथ जो उसका चैट है, वह कोई न पढ़ ले।
एक बार तो राहुल को शक हो गया कि मोबाइल करण के हाथ लग चुका है। उसने कुणाल से मोबाइल मांगा तो उसने कहा कि उसे मोबाइल मिल जाएगा, अभी घर के हालात सही नहीं है, थोड़ा इंतजार कर ले। इससे पहले कि राहुल की जिद बढ़ती, कुणाल मोबाइल लेकर सीधे उत्तम नगर थाना पहुंच गया, और सारी बात पुलिस को बता दी।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।